मित्रों प्रत्येक जन चाहे वह विश्वासी हो या अविश्वासी जब भी वह कोई काम करता है तो उस काम के बदले प्रतिफल की इच्छा रखता है कि हम जो कर रहे हैं उसका फल हमको क्या मिलेगा इसी तरह हर एक विश्वासी व्यक्ति जो प्रभु पर विश्वास करता है वह एक प्रतिफल के साथ यीशु मसीह के पास आता है कि हमको अंत में क्या मिलेगा और हम सब जानते हैं कि प्रभु ने अंत में हमारे लिए प्रतिफल के रूप में स्वर्ग और अनंत काल का जीवन रखा है लेकिन न्याय के वक्त हमारा क्या होगा क्या हम उस अनंत जीवन या स्वर्ग जो हमें मिलना है उसके लिए क्या हमने कुछ बोया है जिससे उसका प्रतिफल हमको मिले या हमने प्रभु को ग्रहण करने के बाद भी संसार की तरह अपना जीवन बिताया है सांसारिक वस्तुओं के लिए आशीषों के लिए बिताया है क्योंकि यह सब चीजें संसार तक ही सीमित रहेगी लेकिन मरने के बाद आपका जो प्रतिफल है उसकी सबसे ज्यादा हमको चिंता होने चाहिए क्या हम स्वर्ग जा रहे हैं उसके लिए हमने क्या किया है!
(मत्ती 25: 31-46)
31-32-जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा और सब स्वर्गदूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिंहासन पर विराजमान होगा और सब जातियां उसके सामने इकट्ठा की जाएगी और जैसे चरवाहा भेड़ो को बकरियों से अलग कर देता है वैसे ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा!
मित्रों जैसा कि हम जानते हैं कि यहां सब जातियों का न्याय होगा लेकिन हम यह भी जानते कि जो सबसे पहले न्याय शुरू होगा वह हम मसीहों से ही होगा और यहां पर यीशु मसीह ने दो तरह के व्यक्तित्व के बारे में बताया है एक भेड़ और एक बकरी इन दोनों के स्वभाव के बारे में हम जानते हैं!
भेड़-सरल और सीधी स्वभाव की होती है और अपने चरवाहे की आधीनता में चलने वाली होती है और वह अपने प्राणों तक को चुपचाप दे देती है और अपने चरवाहे की आवाज को सुनती है और उसके पीछे चलती है और चरवाहा उसकी रखवाली करता है!
बकरी-बकरी टेढ़े-मेढ़े स्वभाव की होती है और हमेशा चिल्लाती रहती है और वह चरवाहे के आगे आगे चलती है चरवाहा उसके पीछे पीछे चलता है और वह दाएं-बाएं भागती है और चारा देखकर वह दूसरों की आवाज़ भी सुन लेती है!
अब यह दो तरह के विश्वासी है जिनका न्याय हो रहा है भेड़ टाइप के जो विश्वासी होते हैं वह ईमानदार होते हैं अपनी चर्च कलीसिया और खुदा के खादिमों के प्रति अधीनता में रहने वाले होते हैं परमेश्वर की आज्ञाओं को मानने वाले होते हैं!
लेकिन चर्च में कुछ बकरी टाइप के विश्वासी होते हैं जो भेड़ो को हमेशा सींघ मारते रहते हैं उनको अपने चरवाहे से अलग करने की कोशिश करते हैं उनकी आज्ञा न मानने को कहते हैं अधीनता में न रहने के लिए भड़काते हैं वह दूसरे और तीसरे की आवाज सुनने को भी कहते हैं इसका वचन सुन लो उसका वचन सुन लो इस पास्टर को सुन लो उस पास्टर को सुन लो और ऐसे लोगों का विश्वास कमजोर हो जाता है और यह अपने चरवाहे के आगे आगे भागने लगते हैं उनकी आज्ञा नहीं मानते और अपने आप जगह जगह जाकर लोगों के लिए प्रार्थना करने लगते हैं!
और ऐसे विश्वासियों को जो आज्ञा में अधीनता में नहीं रहते हैं उनको शैतान इस्तेमाल करने लगता है और शैतान का काम होता है कि भेडो़ को चरवाहे से अलग करना ताकि वह भेड़ो को आसानी से निशाना बना सके और उनको नरक ले जा सके!
(मत्ती 26:31)
यीशु ने उनसे कहा, "यह लिखा है: "मैं चरवाहे को मारूंगा, और झुंड की भेड़ें तितर-बितर हो जाएंगी।
ऐसे विश्वासी ज्यादातर विश्वासियों को पास्टर के खिलाफ भड़काते हैं और पास्टर और विश्वसियों के बीच में खाई पैदा कर देते हैं जिससे उनके बीच दूरियां बढ़ जाती हैं और शैतान यही चाहता है की पास्टर और विश्वसियों के बीच में दूरी बढ़ जाए ताकि शैतान विश्वासियों को निशाना बना सके क्योंकि एक पास्टर जो परमेश्वर का चुना हुवा प्रभु का सेवक दास होता है उसे प्रभु ने भेड़ो की रखवाली के लिए नियुक्त किया है!
ऐसे विश्वासी नहीं जानते कि आज जो कुछ वह बो रहे हैं जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में स्वर्ग दूत के संग न्याय के लिए आएगा तब उनको हर एक बात का लेखा देना होगा और जो कुछ उन्होंने आज बोया है उसी का प्रतिफल उनको मिलेगा
प्रभु आप सबको आशीष दे!