मित्रों सेवकाई के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह होती है अभिषेक और पवित्र आत्मा की सामर्थ जो हमें खुदा के अभिषिक्त खादिमों की संगति करने से मिलता है उनकी सेवा टहल करने से मिलता है!
मित्रों सेवकाई के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह होती है अभिषेक और पवित्र आत्मा की सामर्थ जो हमें खुदा के अभिषिक्त खादिमों की संगति करने से मिलता है उनकी सेवा टहल करने से मिलता है!मित्रों सेवकाई के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह होती है अभिषेक और पवित्र आत्मा की सामर्थ जो हमें खुदा के अभिषिक्त खादिमों की संगति करने से मिलता है उनकी सेवा टहल करने से मिलता है!
आज हर एक विश्वासी अभिषेक चाहता है पवित्र आत्मा चाहता है लेकिन वह यह नहीं जानता अभिषेक हर एक व्यक्ति का नहीं होता अभिषेक केवल उसी व्यक्ति का होता है जिसको खुदा चुनता है अपनी सेवा के लिए लेकिन वह यूं ही नहीं मिल जाता उसके लिए हमें एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है!
जब परमेश्वर ने एलीशा को सेवा के लिए चुना था तो यूं ही एलीशा को अपनी मिनिस्ट्री नहीं सौंप दी बल्कि एलीशा को एलियाह की शगीर्ति में रखा था उसकी वफादारी ईमानदारी और विश्वास योग्यता को परखा जाए और सेवा करने की इच्छा को देखा जाए एलीशा एक धनवान व्यक्ति था कोई गरीब व्यक्ति नहीं था लेकिन वह नम्र था दीन था ईमानदार था इसलिए उसने अभिषेक को पाने के लिए परमेश्वर के भक्त एलियाह की सेवा टहल की
एलियाह का चेला बन गया और एलियाह की सेवा करने लगा उसने कभी अपने आप को बड़ा बनाने की कोशिश नहीं की पर वह बड़ा होकर भी परमेश्वर के भक्त के आगे छोटा बन गया यहां तक की उसके हर एक काम को करता था !
आज लोग यीशु मसीह से अभिषेक मांगते हैं वह सोचते हैं कि यीशु मसीह सीधे आपका अभिषेक कर देगा जबकि ऐसा नहीं होता है यीशु मसीह अपने चुने हुए खादिमों के द्वारा ही विश्वास योग व्यक्ति को ही अभिषेक करता है जो दुनिया में ईमानदारी दिखाता है जो खुदा के खादिमो के साथ ईमानदारी दिखाता है जैसे यहोशू मूसा के साथ रहा एलीशा एलियाह के साथ रहा तिमुथियुस पौलूस के साथ रहा!
अभिषेक ट्रांसफर होता है जब खुदा के खादिम किसी के ऊपर हाथ रखकर उसका अभिषेक करते तो जो उनके अंदर अभिषेक होता है वह दूसरे के अंदर ट्रांसफर हो जाता है जैसे पौलूस ने तिमुथियुस को किया!
(2 तीमुथियुस 1:6)
इसी कारण मैं तुझे सुधि दिलाता हूं कि तू परमेश्वर के उस वरदान को जो मेरे हाथ रखने इसके द्वारा तुझे मिला है प्रज्वलित कर दे!
मित्रो अभिषेक एक स्वर्गीय वरदान है जो ना हर व्यक्ति को नही दिया जाता है और ना यूं ही बांट दिया जाता है परंतु वह उस व्यक्ति को दिया जाता है जिनको खुदा के खादिम परखते हैं कि उसके साथ कौन वफादार है कौन योग्य है जो परमेश्वर के मिनिस्ट्री को आगे संभाल सकता है!
एलियाह ने एलीशा को परखा और अपने स्वर्गारोहण के समय एलीशा को जब योग्य पाया तो कहा मेरी और देख और एलीशा एलियाह को देखता रहा और एलियाह ने अपनी चादर को जिसमें अभिषेक था एलिशा के ऊपर उड़ेल दिया जिसके अंदर अभिषेक था और एलीशा अभिषेक से भर गया बल्कि दोगुने अभिषेक से भर गया और फिर एलीशा कि जब मिनिस्ट्री शुरू हुई तो एक समर्थी मिनिस्ट्री शुरू हुई जिसमे हम बड़े-बड़े आश्चर्य कर्म हुए!
(2राजा 2:13-14)
कोई भी अपनी संपत्ति यूं ही किसी को नहीं देता ना पिता अपनी संतान को ना गुरु अपने चेले को ना परमेश्वर किसी विश्वासी को बल्कि वह अपनी संपत्ति अपने वरदान उसको देता है जो उसके साथ विश्वास योग वफादार ईमानदार और हर पल सुख हो या दुख हर घड़ी में उसका साथ देने योग्य रहा हो वह उसको अपनी संपत्ति देता है ताकि उसकी संपत्ति को दुगना कर सके उसकी महिमा कर सके ना की संपत्ति लेकर ऐसो आराम में और भोग विलास में उड़ा दे ऐसे ही परमेश्वर भी हमें तभी अभिषेक करता है तभी सेवाकई के लिए खड़ा करता है जब वह हमारे अंदर विश्वास योग्यता ईमानदारी और खाराई पाता है और जो उसके चुने हुए खादिमों के साथ वफादार रहता है इसलिए आप भी वफादार बने ईमानदार बने और चुने हुए खुदा के खादीमों के साथ वफादार रहें इधर-उधर मत भागे किसी दूसरे तीसरे के चक्कर में ना रहे कि जिसके पास खुदा ने आपको रखा है अगर वह प्रभु का अभिषिक्त जन है तो आप उसके साथ बने रहें समय आने पर परमेश्वर आपको अभिषेक करेगा और जैसे उसने याहोशू को खड़ा किया एलिशा को खड़ा किया तिमुथियुस को खड़ा किया वैसे आपको भी खड़ा करेगा!
प्रभु आप सबको आशीष दे!