मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया कि प्रभु भोज हमें कभी भी अनुचित रीति से नहीं लेना चाहिए प्रभु भोज कोई हलवा नहीं कि आप जब चाहे खा लो लेकिन प्रभु एक मिठाई और दवाई है तो एक मीठा जहर भी है जिसे खाने से आपको हानि हो सकती है यदि आप इसे अनुचित रीति से लेते हो!
मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया कि प्रभु भोज हमें कभी भी अनुचित रीति से नहीं लेना चाहिए प्रभु भोज कोई हलवा नहीं कि आप जब चाहे खा लो लेकिन प्रभु एक मिठाई और दवाई है तो एक मीठा जहर भी है जिसे खाने से आपको हानि हो सकती है यदि आप इसे अनुचित रीति से लेते हो!मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया कि प्रभु भोज हमें कभी भी अनुचित रीति से नहीं लेना चाहिए प्रभु भोज कोई हलवा नहीं कि आप जब चाहे खा लो लेकिन प्रभु एक मिठाई और दवाई है तो एक मीठा जहर भी है जिसे खाने से आपको हानि हो सकती है यदि आप इसे अनुचित रीति से लेते हो!
इसलिए हमें प्रभुभोज के समय बहुत सावधान रहना चाहिए इसीलिए पौलूस कहता है!
( 1कुरिन्थियों 23-26)
पौलुस कहता क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची मित्रों यह बात किसी इंसान के द्वारा लिखी गई नहीं थी परंतु परमेश्वर की आत्मा के द्वारा सीधे पौलूस को मिली थी और पौलूस कहता है जिस रात यीशु पकड़ वाया गया और रोटी ली और तोड़ी और कहा यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिए तोड़ी गई मेरे स्मरण के लिए यही किया करो!
इसी रीति से उसने कटोरा लिया और पिया और कहां मेरे लहू में नई वाचा है मेरे स्मरण के लिए यही किया करो!
जब कभी तुम खाते और पीते हो तो जब तक मेरी मृत्यु ना आ जाए तुम इस बात का प्रचार करते हो!
यीशु मसीह ने प्रभु भोज लिया और अपनी देह और अपने लहू की बात की यह बात उसने विश वासियों के साथ नहीं कि आप देख सकते हैं विश्वास करने वाले तो बहुत से लोग थे परंतु यहां कोई भी विश्वासी नहीं था यहां पर वे लोग थे जो येशु मसीह के चुने हुए चेले थे जो अपना सब कुछ त्याग चुके थे अपना सब कुछ बलिदान कर चुके थे और इमानदारी और खराई से प्रभु के साथ चल रहे थे वे लोग जिनका मन परिवर्तन हो चुका था!
और इसीलिए येशु मसीह ने कहा यह मेरी देह है और यह मेरा लहू जो तुम्हारे लिए एक नई वाचा है उसने कभी भी अपने लहू की वाचा कभी भी विश्वासियों के साथ नहीं बांधी परंतु उन चेलों के साथ बांधी जो अपना सब कुछ बलिदान करके येशु के पीछे चल रहे थे और आज भी यीशु की
वाचा केवल चेलों के साथ ही होती है क्या आप उस वाचा में जुड़े हो!
वाचा का मतलब एक समझौता होता है जो हमें जब तक मृत्यु ना आ जाए तब तक एक दूसरे के साथ पूरा करना होता है!
आज जिस तरह से सारे विश्वासियों को प्रभु भोज दिया जा रहा है आज यदि हम उनके जीवन को जांच तो ना तो जीवन परिवर्तन है ना तो वह यीशु मसीह के साथ उसे वाचा में जुड़े हैं और ना यीशु मसीह के वचनों के साथ खाराई से चलते हैं और ना यीशु मसीह की उस वाचा को पूरा करने के लिए अपने जीवन को वह दे चुके हैं वह केवल एक प्रक्रिया के तहत प्रभु भोज लेते हैं और सोचते हैं बस इसको लेने से हम स्वर्ग जा रहे हैं!
जबकि प्रभु भोज लेते समय जो वाचा बांधी जाती है वह उसे जीवन यत्न पूरी करनी होती है यानी यीशु मसीह की मृत्यु का प्रचार जब हम प्रभु भोज लेते हैं तो उसकी मृत्यु का प्रचार करते हैं लेकिन आज हम क्या यीशु मसीह की मृत्यु का प्रचार करते हैं हम आशीष का प्रचार करते हैं चंगाई का प्रचार करते सब चीजों का प्रचार करते हैं लेकिन उसकी मृत्यु का प्रचार नहीं करते लेकिन प्रभु भोज लेते हैं और सारे अनुचित काम भी करते हैं लेकिन यहां चेलों का जीवन देखिए जिस समय यीशु मसीह ने उनको चुना उन्होंने अपना सब कुछ बलिदान किया सब कुछ त्याग दिया और बड़ी खाराई और ईमानदारी के साथ यीशु मसीह के पीछे चलते-चलते अपने जीवन का बलिदान तक कर दिया आज हम अपना कुछ भी बलिदान नहीं करना चाहते कुछ भी त्याग नहीं करना चाहते बस हे प्रभु हे प्रभु कहकर केवल अपने मन को तसल्ली देते रहते हैं!
इसीलिए जब वाचा बाधते हैं और जब कोई उसमें से एक व्यक्ति वाचा पूरी नहीं करता तो वह दंड क पात्र होता है इसीलिए येशु मसीह की रोटी तोड़ते समय लहू पीते समय प्रभु खोज लेते समय जब कोई इस वाचा में बधंता है और यीशु मसीह की आज्ञा का पालन नहीं करता है उसकी इच्छाओं की पूर्ति नहीं करता और वचन पर नहीं चलता तो वह दंड का पात्र बन जाता है वह अपने जीवन को श्रापित कर लेता है!
पूराने जमाने में जब वाचा बांधी जाती थी तो दो व्यक्तियों के बीच में उनके रक्त को मिलाया जाता था और उस रक्त को मिलाकर हाथ लेकर एक दूसरे के साथ शपथ लेकर वाचा बाधते थे यदि हममें से कोई भी एक दूसरे के साथ उस वाचा को तोड़ेगा तो मृत्यु दंड का अधिकारी होगा और उस समय जब कोई उस वाचा को तोड़ता था तो उसे उस दंड को भुगतना पड़ता था और यही वाचा यीशु मसीह के लहू के साथ होती है जब हम यीशु मसीह के साथ सहभागी होते हैं उस कटोरे में और उस रोटी में जो उसने हमारे लिए दी और उसे पूरा नहीं करते हैं तो हम दंड के पात्र बन जाते हैं और इसीलिए वचन कहता है तुममे से बहुते रे रोगी हैं बहुतेरे निर्बल हैं और बहुतेरे सो भी गए!
प्रभु भोज लेते समय एक कार्य भी हमको प्रभु ने दिया है वह है उसकी मृत्यु का प्रचार यानी जब तक हम इस पृथ्वी पर जीवित हैं हमें उसकी मृत्यु का प्रचार करना है इसीलिए उसने प्रभु भोज केवल अपने चेलों से साथ लिया था वह चेले जिन्होंने अपने मित्यु आने तक यीशु मसीह के मारे जाने और गाड़े जाने और जी उठने का प्रचार अपने जीवन भर किया आज यदि किसी से आप पूछो कि आप विश्वासी बनना चाहते हो की यीशु मसीह के चेला हर आदमी यीशु मसीह का चेला बनने के लिए उत्साहित हो जाता है परंतु वह उसकी महत्वता को उसके बलिदान की कीमत को नहीं जानता कि उसे अपने जीवन में एक बलिदान और एक कीमत को भी चुकाना पड़ेगा चेला बनने के लिए लोग हां तो बोल देते हैं परंतु उसे बात को निभा नहीं पाते हैं और यही उनके लिए दंड का कारण बनता है!
आज का मनुष्य चाहे अविश्वासी हो या आविश्वासी वह मौका देखकर वाचा बाधता है और मौका देखकर वाचा को तोड़ भी देता है अपना स्वार्थ देखकर वाचा तोड़ देता है परंतु वह नहीं जानता कि जब हम यीशु मसीह में अपने जीवन को देते हैं तो हमारा जीवन कोई साधारण जीवन नहीं होता परंतु वचन की आज्ञाकारिता में चलने वाला जीवन होता है यदि आज्ञा टूटी तो हम अदन की वाटिका से बाहर निकाले जाएंगे हम परमेश्वर के आशीशों से बाहर निकल जाएंगे हम कलीसियाओं से बाहर हो जाएंगे और दंड हमारे भाग्य में होगा!
इसीलिए आज बहुत से विश्वासी जो अपने आप को चेला भी कहते परमेश्वर की कलीसियाओं से चर्च से बाहर हैं परमेश्वर की आशीशों से बाहर हैं परमेश्वर उनकी प्रार्थना को सुनता नहीं परंतु उनके जीवन में श्राप है बीमारियां हैं दुर्बलता है और एक प्रकार की ताड़ना है लेकिन परमेश्वर चाहता है कि आप संसार के साथ दोषी न ठहरे इसलिए परमेश्वर ताड़ना के द्वारा आपको सिद्ध बनाना चाहता है उस वाचा को याद दिलाना चाहता है जो अपने बपतिस्मा लेते समय प्रभु भोज लेते समय परमेश्वर के साथ आप बाधते हो और चर्च खत्म होने के बाद तुरंत उस वाचा को भूलकर संसार में लिप्त हो जाते हो!
बाइबल के अंदर जो 2 भाग है उसका मतलब है नई वाचा और पुरानी वाचा उर्दू में नया अहदनामा या पुराना अहदनामा यदि जब आप यीशु मसीह में आते हो तो एक वचन के साथ जीवन जीने के साथ परमेश्वर के अस उस वाचा में जोड़े जाते हो और जो वाचा से बाहर जाता है वाह दंड का पात्र बन जाता है!
यह एक कड़वी सच्चाई है और सत्य बात है आप मानो या ना मानो लेकिन जिन को अपने जीवन में इस बात का अनुभव है इस बात को समझ सकते हैं इसीलिए यीशु मसीह ने कई बार अपने प्रचार ने हमेशा एक शब्द को जरूर बोलते थे मैं तुमसे सच सच कहता हूं!
यानी यीशु मसीह कभी भी किसी व्यक्ति को झूठा दिलासा नहीं देते थे जैसा आजकल बहुत से प्रचारक विश्वासियों को झूठा दिलासा दे दे कर उनको प्रभु में घसीट लाते हैं लेकिन जब वह उसे वचन के अनुसार अपने जीवन को नहीं जी पाते तो वह अपने मन में कुंठित होते हैं और अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं!
इसलिए प्रभु भोज की गंभीरता को समझें और अपने जीवन को जाचे क्या सत्य आपके जीवन में है क्या आपका जीवन वचन के अनुसार चल रहा है!
प्रभु आप सबको आशीष दे!
प्रभु आप सबको आशीष दे!प्रभु आप सबको आशीष दे!