इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो !
(रोमियो 12:2)
(इफिसियों 5:9-13)
मित्रों अब हम जब ज्योति की संतान बन गए हैं नई सृष्टि हो गए हैं तो हमने नई सृष्टि के फल भी दिखने चाहिए जैसे कोई पौधा लगाया जाता है और जब वह पेड़ बनता है तो उसके अंदर फल लगते हैं और वह पेड़ अपने फलों से पहचाना जाता है वैसे ही जब हम परमेश्वर में नई सृष्टि हो जाते हैं तो हम भी अपने चाल चलन से अपने तौर-तरीकों से अपने स्वभाव से जाने जाते हैं क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई और धार्मिकता और सत्य है!
परमेश्वर का वचन तीन बातों के बारे में बताता है सबसे पहले हमें सब प्रकार की भलाई हर एक व्यक्ति के साथ में करनी है!
दूसरा हमें धार्मिकता की चाल चलनी है धार्मिकता का मतलब खराई से चलना है धर्म से नहीं इमानदारी से चलना है पवित्रता से चलना है तेरी हां कि हां हो ना की ना हो चतुराई के शब्दों को इस्तेमाल नहीं करना है!
तीसरा सत्य है यानी हमें हमेशा सत्य ही बोलना है चाहे परिस्थितियां कैसी भी क्यों ना हो!
10-पद में कहता है कि परखो प्रभु को क्या भाता है आज हम दुनिया को क्या भाता है रिश्तेदारों को क्या पता है लोगों को क्या पता है इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं चिंता करते हैं लेकिन परमेश्वर को क्या भाता है उसकी चिंता कभी नहीं करते हैं परमेश्वर की इच्छा क्या है इस बात की चिंता नहीं करते हैं जबकि किसी मनुष्य को प्रसन्न करने से अच्छा है परमेश्वर को प्रसन्न करना क्योंकि परमेश्वर हमें धोखा नहीं देता है मनुष्य को आप चाहे जितना प्रसन्न कर लो पर वक्त आने पर वह आपको धोखा दे ही देगा!
11-कहता है अंधकार के निष्फल कामों में सहभागी ना हो वरन उन पर उलाहना दो!
12- क्योंकि उनके गुप्त कामों की चर्चा भी लज्जा की बात है!
हम जानते हैं मित्रों हमारे चारों ओर की दुनिया अंधकार से भरी है हमारे आसपास भी लोग अंधकार से भरे हैं अंधकार का मतलब गलत कामों से पाप से भरे हुए हैं विचारों से भरे हुए हैं और हम यह सब जानते हुए और देखते हुए भी उनकी बातों को पसंद करते हैं!
जबकि हमको उन्हें उलाहना देना चाहिए उनकी कमियों को उनको बताना चाहिए लेकिन आज हमारी हिम्मत नहीं होते कि हम उनकी कमियों को बताए हम उनके गलत पर उलाहना दें क्योंकि हम डरते हैं कहीं हम बुरे ना हो जाएं लोग हमसे नफरत ना करें हम नतान नबी की तरह नहीं बन पाते जिसने दाऊद को उसके पाप के बारे में उसकी भरी सभा में बता दिया था जिसका नतीजा था कि दाऊद पश्चाताप किया था आज हमारे आपके गलती ना बताने से लोग अपने पापो को नहीं जान पाते अपनी कमियों को नहीं जान पाते और वह गलत करते जाते है और अपने आप में सोचते हम तो अच्छा ही कर रहे हैं लेकिन यह गलत बात है हम ज्योति की संतान हैं हमें गलत काम पर उलाहना देना आना चाहिए गलतियों को बताना आना चाहिए अधंकार के लोगों को उनकी कमियों के बारे में बताना चाहिए ताकि वह ज्योति में आ सके!
और यही काम आज चर्च और कलीसियाओं कुछ प्रभु के दास व प्रचारक लोग कर रहे हैं वह खरी शिक्षा का प्रचार नहीं कर रहे हैं जिसके कारण विश्वासियों में गलत नीवं पड़ रही है वह विश्वासियों की कमियां व गलतियां नहीं बताते क्योंकि उनको डर होता है कि यदि हम गलतियां बताएंगे कमियां बताएंगे तो हमारे चर्च व कलीसिया में भीड़ कम हो जाएगी हमारी जीविका कैसे चलेगी हमारा घर का खर्चा कैसे चलेगा जबकि हम भूल जाते हैं यह परमेश्वर की सेवा है यह जीविका का साधन नहीं है यह कोई व्यापार नहीं है जिससे आप अपना घर चलाएं हां ठीक है कि मजदूर को मजदूरी का हक मिलना चाहिए लेकिन उसे अपनी जीविका समझ लेना यह गलत बात है हम परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं परमेश्वर हमारी जीवका के लिए हमें आय के स्रोत देता है धन के स्रोत देता है और वह आपकी मदद भी करता है लेकिन यह पूरी तरह से सोच लेना कि कलीसिया से ही हम अपना घर चलाएंगे और कोई काम नहीं करेंगे यह हमारी एक गलत धारणा बन गई है मसीह समाज में परमेश्वर की सेवा बुलाए हुए और चुने हुओं की सेवा है ना की अपनी मर्जी से परमेश्वर की सेवा को चुन लेना और उसे करना!
जबकि उनके गुप्त कामों की चर्चा करना भी बड़े लज्जा की बात है हमें उनके गलत कामों की चर्चा भी नहीं करनी चाहिए उन पर भी उलहाना देनी चाहिए क्योंकि जितने भी अंधकार के काम है सब ज्योति में प्रकट होते हैं और हम सब ज्योति हैं कोई कितना भी गलत काम करे कोई कितनी भी चतुराई करें लेकिन वह ज्योति के लोगों से छिपा नहीं सकता क्योंकि वह सब काम ज्योति में प्रकट हो जाते हैं इसलिए प्रभु ने कहा तुम ज्योति की संतान हो ज्योति में कुछ छुपता नहीं इसलिए यदि कोई विश्वासी भाई यह सोचे कि मैं गुप्त पाप करूंगा और किसी को नहीं बताऊंगा और कोई जान नहीं पाएगा तो यह उसकी बहुत बड़ी भूल है आप जब भी किसी ऐसे व्यक्ति के पास जो ज्योति की संतान वास्तव में है और परमेश्वर का आत्मा उसके पास है आप उससे कुछ भी छुपा नहीं पाओगे क्योंकि परमेश्वर के वचन में लिखा है!
कुछ भी छुपा नहीं जो खोला नहीं जाएगा मित्रों आप कितना भी अपने पापो को छुपा लो गुप्त बातों को अपने अंदर छुपा लो लेकिन परमेश्वर एक ना एक दिन उसको खोल देता है लेकिन वह आपके पापो को खोलें और आपको उसके लिए लज्जा का कारण बनना पड़े इससे पहले आप अपने पापो को मानले और छोड़ दे तो तुझ पर दया की जाएगी !
इसलिए अपने जीवन के प्रति जो परमेश्वर आपको दिया है सावधान रहें कि आप कैसी चल चलते हैं पवित्र या पवित्र!
प्रभु आप सबको आशीष दे!प्रभु आप सबको आशीष दे!