जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्राप्त भी किया है जैसा की वचन में लिखा है!जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्राप्त भी किया है जैसा की वचन में लिखा है!
(लूका 10:19)
मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रोदंने का अधिकार दिया है और किसी वस्तु से तुम्हें कोई हानि न होगी!
(यूहन्ना 1:12-13)
जितनो ने उसे ग्रहण किया उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं वे ना तो लहू से ना शरीर की इच्छा सेना मनुष्य की इच्छा से परंतु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं!
जी हां मित्रों हम परमेश्वर पर विश्वास करने के साथ उसे ग्रहण करने के बाद हम उसकी संतान बन गए और परमेश्वर ने हमें सांप और बिच्छू का रोदंने का अधिकार भी दे दिया उसके बाद भी हम शैतान से हारते हैं हमारी प्रार्थना परमेश्वर नहीं सुनता ऐसा कौन सा पिता है जो अपने बच्चों की प्रार्थना नहीं सुनता है क्या पिता की कमी है नहीं यह हमारी आपकी कमी है क्योंकि हमारा पिता पवित्र है इसलिए वचन कहता है!
जैसा मैं पवित्र हूं वैसा तुम भी पवित्र बनो अब हम विश्वासी तो बन जाते हैं मसीह तो बन जाते हैं प्रभु में चलने तो लगते हैं परंतु पवित्र नहीं बनते अपने जीवन को पवित्र नहीं करते ईमानदार नहीं बनते इसीलिए परमेश्वर हमारी प्रार्थना को नहीं सुनता क्योंकि परमेश्वर को विश्वासी नहीं विश्वास योग्य लोग चाहिए आज विश्वासी तो पूरी दुनिया में भरे पड़े हैं परंतु विश्वास योग्य लोग बहुत ही काम है !
प्रत्येक आस्तिक को सभी शैतानों पर दिव्य अधिकार दिया गया है।
सर्प और बिच्छू क्या हैं?
सर्प और बिच्छू शैतान और उसके दुष्ट आत्मा रूपी मानव एजेंट है क्योंकि दुष्ट आत्मा मानव के अंदर काम करती हैं।
( लूका 10:19)
यीशु मसीह ने शैतान और उसकी शक्तियों और कार्य करने वाली दुष्ट आत्माओं को नागों और बिच्छुओं के रूप में संदर्भित किया। शैतान को नाग कहा जाता है, कोई आश्चर्य नहीं कि उसके सेना को नाग और बिच्छू भी कहा जाता है। इसके अलावा हर बुरा आदमी या औरत जो आपके पतन की तलाश करता है वह भी एक नागिन और एक बिच्छू है। आपके परिवार, कार्य स्थल, व्यवसाय स्थल पर आपसे लड़ने वाला हर दुष्ट मानव एजेंट भी एक नाग या बिच्छू है। अच्छी खबर यह है कि परमेश्वर ने आपको उन सभी को कुचलने का अधिकार दिया है। उन्हें रखने के जगह आपके पैरों के नीचे है।
इतना सारा अधिकार पाने के बाद भी अगर हम शैतान और उसकी सेना से नहीं लड़ पाते और परमेश्वर ही हमारी प्रार्थना को नहीं सुनता तो आप अपने स्वभाव को चेक करें कि आपके अंदर परमेश्वर का स्वभाव है या किसी और का स्वभाव है क्योंकि यदि आप पुत्र हैं तो पुत्र की परमेश्वर सुनता है लेकिन यदि आपको कुपुत्र है तो परमेश्वर की नहीं किसी और की संतान है!
इतना सारा अधिकार पाने के बाद भी अगर हम शैतान और उसकी सेना से नहीं लड़ पाते और परमेश्वर ही हमारी प्रार्थना को नहीं सुनता तो आप अपने स्वभाव को चेक करें कि आपके अंदर परमेश्वर का स्वभाव है या किसी और का स्वभाव है क्योंकि यदि आप पुत्र हैं तो पुत्र की परमेश्वर सुनता है लेकिन यदि आपको कुपुत्र है तो परमेश्वर की नहीं किसी और की संतान है! क्योंकि वचन कहता है
क्योंकि जो परमेश्वर से जन्मा है वह पाप कर ही नहीं सकता!
जी हां मित्रों जिसके अंदर परमेश्वर का बीज है वह पाप कर ही नहीं सकता लेकिन हम प्रतिदिन पाप करते हैं अब आप कहेंगे हम कौन सा पाप करते हैं हम तो चोरी नहीं करते, हम तो झूठ नहीं बोलते, हम तो बेमानी नहीं करते, आप दिखाने के लिए शरीर के ऊपर काम तो सच में नहीं करते पर परमेश्वर शरीर के ऊपर के काम को नहीं देखता आपके अंदर के मन के कार्यों को देखता है!जी हां मित्रों जिसके अंदर परमेश्वर का बीज है वह पाप कर ही नहीं सकता लेकिन हम प्रतिदिन पाप करते हैं अब आप कहेंगे हम कौन सा पाप करते हैं हम तो चोरी नहीं करते, हम तो झूठ नहीं बोलते, हम तो बेमानी नहीं करते, आप दिखाने के लिए शरीर के ऊपर काम तो सच में नहीं करते पर परमेश्वर शरीर के ऊपर के काम को नहीं देखता आपके अंदर के मन के कार्यों को देखता है!
क्या आप अपने मन को बदल चुके हैं क्या आप मन पवित्र हो चुका हैं क्या आपके मन के अंदर के विचार पवित्र हो चुके हैं क्योंकि बुराई आज भी हमारी जुबान पर होती है, जलन आज भी हमारी जुबान पर होती, कुढ़ना आज भी हमारी जुबान होता है ,क्रोध आज भी हमारी जुबान पर होता है, छल कपट आज की हमारी जुबान पर होता है, चतुराई आज भी हमारी जुबानो पर होती है , मैं घमंड यह सब भी पाप है जो मन के अंदर के विचारों में उत्पन्न होते है और यही सबसे बड़ा पाप है यही सबसे बड़ा मन का रोग है जिसके कारण से परमेश्वर हमारी प्रार्थना को नहीं सुनता!क्या आप अपने मन को बदल चुके हैं क्या आप मन पवित्र हो चुका हैं क्या आपके मन के अंदर के विचार पवित्र हो चुके हैं क्योंकि बुराई आज भी हमारी जुबान पर होती है, जलन आज भी हमारी जुबान पर होती, कुढ़ना आज भी हमारी जुबान होता है ,क्रोध आज भी हमारी जुबान पर होता है, छल कपट आज की हमारी जुबान पर होता है, चतुराई आज भी हमारी जुबानो पर होती है , मैं घमंड यह सब भी पाप है जो मन के अंदर के विचारों में उत्पन्न होते है और यही सबसे बड़ा पाप है यही सबसे बड़ा मन का रोग है जिसके कारण से परमेश्वर हमारी प्रार्थना को नहीं सुनता!
यह सब लक्षण किसके हैं आईए देखते हैं कि आप किसकी संतान है
शैतान के एजेंट
जहरीला -सर्प और बिच्छू दोनों समान रूप से जहरीले जीव हैं। जहर एक घातक तरल है जो इसके शिकार को मार सकता है। आत्मा में जहर बुराई का प्रतीक है। दानव भी जहरीले होते हैं, वे अपने पीड़ितों के जीवन में बुरे आध्यात्मिक जहर को जमा करने की क्षमता रखते हैं। आज भी बहुत से लोग, यहां तक कि विश्वासियों की आत्मा बुराई रूपी आध्यात्मिक जहर से पीड़ित हैं, कुछ इसी स्वभाव के चलते परिणामस्वरूप मारे गए हैं।
जैसे इजरायली मिश्र से निकलने के बाद रास्ते में मारे गए क्योंकि परमेश्वर उनकी प्रार्थना को नहीं सुनता था क्योंकि उनके अंदर के मन का कोढ़ वैसा का वैसा ही था भले वे मिश्र की गुलामी से छूट के कानान की ओर जा रहे थे!ैसे इजरायली मिश्र से निकलने के बाद रास्ते में मारे गए क्योंकि परमेश्वर उनकी प्रार्थना को नहीं सुनता था क्योंकि उनके अंदर के मन का कोढ़ वैसा का वैसा ही था भले वे मिश्र की गुलामी से छूट के कानान की ओर जा रहे थे!
परमेश्वर की संतान -
लेकिन परमेश्वर के संतान के रूप में, आप अजेय हैं, यीशु मसीह ने कहा, आप नागों को उठाएंगे, और यहां तक कि अगर शैतान आपके जीवन में कोई भी आध्यात्मिक जहर डालता है, तो यह आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
(मरकुस 16: 17-18)
परमेश्वर अपनी संतानों की प्रार्थना को सुनता है और अधिकार देता है!
इजराइली मारे गए क्योंकि मिश्र से निकलने के बाद भी उन्होंने अपने अधर्म के काम जो उनके मन के विचारों में थे उनको नहीं त्यागा इसी तरह बहुत से विश्वासी आज भी प्रभु में आने के बाद भी परमेश्वर के साथ विश्वास योग्य नहीं होते उनके मन में आज भी कुकर्म के विचार चलते रहते हैं अधर्म के विचार चलते रहते और इसी अधर्म के कामों के कारण परमेश्वर हमारी प्रार्थना को नहीं सुन पाता इसलिए अपने अंदर के विचारों को मन के विचारों को बदलिए और अपने कर्मों के द्वारा उसे सिद्ध करके दिखाइए तब परमेश्वर आपकी प्रार्थना को सुनेगा!इजराइली मारे गए क्योंकि मिश्र से निकलने के बाद भी उन्होंने अपने अधर्म के काम जो उनके मन के विचारों में थे उनको नहीं त्यागा इसी तरह बहुत से विश्वासी आज भी प्रभु में आने के बाद भी परमेश्वर के साथ विश्वास योग्य नहीं होते उनके मन में आज भी कुकर्म के विचार चलते रहते हैं अधर्म के विचार चलते रहते और इसी अधर्म के कामों के कारण परमेश्वर हमारी प्रार्थना को नहीं सुन पाता इसलिए अपने अंदर के विचारों को मन के विचारों को बदलिए और अपने कर्मों के द्वारा उसे सिद्ध करके दिखाइए तब परमेश्वर आपकी प्रार्थना को सुनेगा!
प्रभु आप सबको आशीष दे!प्रभु आप सबको आशीष दे!