-प्रभु और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो !
-प्रभु और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो !-परमेश्वर के सारे हथियार बांध लो कि तुम शैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सको!की युक्तियों के सामने खड़े रह सको!
- क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध लहू और मांस से नहीं परंतु प्रधानों से और अधिकारियों से और इस संसार के अंधकार के हकीमो से और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं!
(इफिसियों 6:10-17)
जी हां मित्रों हमारा मल युद्ध आत्मिक सेनाओं की शक्तियों और प्रधानताओं से हैं यहां वचन में हम तीन तरह की आत्मिक शक्तियों के बारे में देखते हैं
1- पावर ऑफ गॉड- जो कि हमारा सुरक्षा कवच है!
2- पावर ऑफ नेचर- प्रकृति में जो अदृश्य शक्तियां हैं!
3- पावर ऑफ यूनिवर्स- ब्रह्मांड में अनंत शक्तियां है! इनसे हमारा मल युद्ध है!
अब यहां हमें सबसे पहले परमेश्वर के वचन की शब्दावली को साइंटिफिक भाषा में समझना होगा क्योंकि प्रचार दो तरह से समझाया जाता है एक वह लोग होते हैं जो प्रचार को साइंटिफिक भाषा में सिद्धता से समझते हैं !
दूसरे वे लोग होते जो अधंभक्त कहलाते हैं यानी उनको समझ नहीं होती उनको जो भी समझा दिया जाता उसे ही सही मान लेते हैं!
मित्रों विज्ञान का मतलब होता है किसी भी ज्ञान तत्व को सत्यता की कसौटी पर खरा व सिद्ध किया गया और परखा गया और सही पाया गया तब उस ज्ञान को सही माना जाता है और उसे ही विज्ञान कहा जाता है!
और यदि किसी चीज के बारे में हमें पता ही ना हो और कोई चीज सिद्धकी ना गई हो तो वह बात पर विश्वास करना अंधभक्ति कहलाता है जैसे किसी ने कहा कौवा कान ले गया और लोगों ने उस पर विश्वास कर लिया और लोगों ने उस कहावत को सही मान लिया लेकिन आज तक ना कौवे का पता चला ना आज तक कान का पता चला कि आखिर कौवा कहां है वह कान कहां है इसे कहते हैं अंधभक्ति पर विश्वास करना!
यीशु मसीह हमें अंधभक्ति से बाहर निकालने के लिए आया था और सत्य बताने आया था उसने कहा तुम सत्य को जानोगे और स्वतंत्र हो जाओगे!
(यूहन्ना 8:32)
लेकिन आज बड़े अफसोस के साथ मुझे कहना पड़ रहा है मसीह समाज में भी बहुत बड़ी तादाद में अंधभक्ति लोगो को सिखाई जा रही है जहां लोग सत्य को ना जानकर मिथ्या की बातों पर मन लगाकर अंधभक्ति कर रहे हैं और इसीलिए लोग ठोकर खा रहे हैं!
और इसीलिए यीशु मसीह अपने प्रचार में जब भी किसी उदाहरण को बताते थे तो प्रकृति या ब्रह्मांड में जो चीजें हैं उन्हीं के उदाहरणों को लेकर समझाते थे और यह सत्य है जब भी साइंस ने उस बात की खोज की है तो उस चीज को प्राकृतिक वह ब्रह्मांड में सत्य पाया है!
जैसे बहुत से लोग स्वर्ग और नर्क की बात पर विश्वास नहीं कहते कहते स्वर्ग या नरक नाम की कोई चीज नहीं होती परंतु जब बाइबिल उस बात को सिद्ध करती है तो हमें इस बात को समझना है कि प्रभु ने जब भी कोई बात बताई तो वह इस सृष्टि में उपलब्ध है नरक का मतलब पृथ्वी का वह हिस्सा है जो पृथ्वी के सबसे निचले भाग का जो गर्म हिस्सा जहां आग का दरिया है और हम देखते कि जब तब वह ज्वालामुखी के रूप में फट कर बाहर आता है और यह पृथ्वी के नीचे है इसे कोई गलत साबित नहीं कर सकता इसे ही नरक कहा जाता है!
और जब स्वर्ग की बात करते हैं तो बाइबल में हम देखते हैं बाइबल कई स्वर्गो की बात करती है
1- जिसे अदन की वाटिका-
पृथ्वी का वह स्थान जो स्वर्ग का नमूना था और पुराने नियम में हम उसे कनान के नाम से जानते हैं इस जगह पर दुनिया की सबसे बेस्ट चीज पाई जाती थी और जब तक पाप नहीं आया था जगत में तब तक यहां पर मौत नहीं थी बीमारी नहीं थी यह हिस्सा पूरी तरह से ऑक्सीजन से भरा हुआ था जहां पर अन्य तरह की किसी भी गैस नहीं थी लेकिन पाप के एंटर करने के बाद यहां पर शैतान की एंट्री भी हो गई और मौत बीमारियां आ गई!
शैतान का मतलब नकारात्मक शक्ति नकारात्मक ऊर्जा से है जो प्राकृतिक में है!
2- दूसरा स्वर्ग हमारे वायु मंडल में है जो पृथ्वी से ऊपर के और आकाश के बीच के स्थान में जो वायुमंडल है और उस वायुमंडल बहुत सारी गैसेस बहुत सारी हवाएं विद्यमान है!
जो समय-समय पर मौसम बदलने के साथ में हमारे शरीरों में उसका संक्रमण और प्रभाव देखने को मिलता है!
3- और तीसरा स्वर्ग आसमानों के पार ब्रह्मांड में एक ऐसी दुनिया है जिसके विषय में यीशु मसीह ने खुद कहा कि तीसरे स्वर्ग तक कोई नहीं चढा़ केवल परमेश्वर का पुत्र
जिसके विषय में यीशु मसीह ने कहा मेरे पिता के घर में रहने के बहुत सारे स्थान हैं और मैं जाता हूं तुम्हारे लिए एक जगह तैयार करने ताकि जब मैं वापस आऊंगा तो तुम्हें उस जगह ले जाऊंगा और वहां सोने की सड़क सोने के महल सब कुछ सोने का होगा वर्तमान में वैज्ञानिकों ने ऐसे बहुत सारे ग्रहों की खोज की है जो डायमंड से बने हैं जहां पर स्वर्ण बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है स्वर्ण में एक बहुत बड़ा रहस्य छुपा है जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते स्वर्ण में अनंत काल का जीवन है स्वर्ण एक ऊर्जा का बहुत बड़ा माध्यम है जिसके बारे में साइंस बहुत कुछ खोज कर रही है और बाइबिल भी इसके बारे में बताती है वहां सब कुछ सोने का होगा खैर यह अलग विषय है इसके बारे में मैं फिर कभी बात करूंगा!
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