shabd-logo

विषय- सेवकाई 2.2*3

12 सितम्बर 2023

7 बार देखा गया 7

पिछले  भागों में मैंने आपको बताया कि कैसे परमेश्वर सेवकाई के लिए लोगों को चुनता है और इस्तेमाल करता है और कैसे लोग खुद अपने मन से परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं और अपने जीवन को बर्बाद करते हैं!

पिछले तीन भागों में मैंने आपको बताया कि कैसे परमेश्वर सेवकाई के लिए लोगों को चुनता है और इस्तेमाल करता है और कैसे लोग खुद अपने मन से परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं और अपने जीवन को बर्बाद करते हैं!

पिछले तीन भागों में मैंने आपको बताया कि कैसे परमेश्वर सेवकाई के लिए लोगों को चुनता है और इस्तेमाल करता है और कैसे लोग खुद अपने मन से परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं और अपने जीवन को बर्बाद करते हैं!पिछले तीन भागों में मैंने आपको बताया कि कैसे परमेश्वर सेवकाई के लिए लोगों को चुनता है और इस्तेमाल करता है और कैसे लोग खुद अपने मन से परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं और अपने जीवन को बर्बाद करते हैं!


क्योंकि आज लोग सेवा तो करना चाहते हैं परंतु सेवक नहीं बनना चाहते सेवा भाव अंदर नहीं लाना चाहते हैं बस सीधे मालिक बनना चाहते हैं स्वामी बनना चाहते हैं और इसीलिए वह सेवा तो करते हैं परंतु उनके अंदर सेवा भाव  ना होने के कारण बहुत लंबे समय तक प्रभू की सेवकाई में आगे नहीं बढ़ पाते जबकि स्वयं प्रभु यीशु मसीह जो परमेश्वर की सेवा को लेकर इस दुनिया में आया वह सेवक बनकर आया और सेवक बनकर ही उसने दुनिया में अपने आप को रखा उसने आपको गुरु या स्वामी कहलाने की कोशिश नहीं की बल्कि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने आप को नम्र व दीन करके एक सेवक के रूप में अपने जीवन को दे दिया और  विश्वास योग्यता ईमानदारी और वफादारी का ही नतीजा था वह परमेश्वर के दाहिने और जाकर सिंहासन पर महिमामान हुआ!


यीशु मसीह जो स्वयं परमेश्वर था लेकिन जब तक वह दुनिया में रहा एक सेवक के रूप में  रहा लेकिन आज हम इस दुनिया में रहकर भी सेवक नहीं बनना चाहते और सेवा का भाव तभी हमारे अंदर आता है जब अपनी चर्च कलीसिया के अंदर अपने आगुवो के साथ हम वफादारी ईमानदारी से उनकी सेवा में रहते हैं और सेवा भाव को सिखते हैं और तब परमेश्वर हमारी सेवा भाव को  ईमानदारी वफादारी को देखकर ही हमें अपनी सेवाकई के लिए चुनता है!

(मत्ती12:18-21)

(परमेश्वर का चुनाव हुआ सेवक)


मित्रों आपको एक में राज की बात बताता हूं यीशु मसीह जो परमेश्वर का एकलौता पुत्र था जब तक वह इस दुनिया में नहीं आया था और वह परमेश्वर का इकलौता पुत्र जो स्वर्ग में था तब भी वह एक सेवक के रूप में ही परमेश्वर के पास था और उसकी ईमानदारी और वफादारी का नतीजा था कि परमेश्वर ने अपने इकलौते पुत्र यीशु मसीह को इस दुनिया में भेजा ताकि वह हमारे पापों के बदले अपने आप को देकर हमारा उद्धार कर सके!


यह बात यशायाह भविष्यवक्ता ने जो यीशु मसीह के आने से भी 750  साल पहले इस दुनिया में था उसने अपनी भविष्यवाणी में स्वर्ग के उसे दर्शन को देखकर लिखी थी देखो यह मेरा सेवक है जिसे मैं चुना है मेरा प्रिय जिसमें मेरा मन प्रसन्न है मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा और वह अन्य जातियों का न्याय का समाचार देगा वह ना झगड़ा करेगा और ना धूम मचाएगा और ना बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा वह कुचले हुए सरकंडे को ना तोड़ेगा और ना धुआं देती हुई बत्ती को ना बुझाएगा जब तक वह न्याय को प्रबल ना कराए और अन्य जाति उसके नाम पर आशा रखेंगे!


स्वयं परमेश्वर यीशु मसीह के विषय में कह रहा है यह मेरा चुना हुआ सेवक है प्रिय सेवक है जिससे मेरा मन प्रसन्न है उस पर अपना आत्मा उड़ेलूंगा ना वह झगड़ा करेगा ना वह अपनी महिमा करेगा ना वह धूम मचाएगा ना वह सरकंडे को तोड़ेगा सरकंडे का मतलब दबे कुचले लोगों को ढेस नहीं पहुंचाएगा बल्कि उनको ऊंचा उठएगा और धुआं देती बत्ती को ना बुझाएगा मतलब जिसके अंदर तेल टिमटिमा रहा है जो विश्वासी कमजोर है जिसका दिया खत्म होने पर है उसको वह बुझने नहीं देगा क्योंकि यीशु मसीह ने अपने वचन में खुद कहा ना तो मैं तुझे छोड़ूंगा और ना तो मैं तुझे त्यागूंगा यीशु मसीह कभी भी जब सु समाचार सुनाने जाते थे वह लोगों से यही कहते थे देखो लोगों को मत बताना वह कभी अपनी महिमा नहीं करते थे लेकिन आज लोग अपनी महिमा के लिए शोहरत के लिए नाम के लिए परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं यीशु मसीह स्वर्ग में भी सेवक था और इस पृथ्वी पर भी सेवक रहा और उसने सेवा  को पूरा करके जब परमेश्वर के पास दाहिने और जाकर बैठ गया तो उसकी विश्वास योग्यता ही थी कि परमेश्वर ने उसको अब जब दोबारा इस दुनिया में भेजने को कहा है तो एक राजा के रूप में कहा ताकि वह हमारा और आपका न्याय करें याद रखें प्रभु आपकी सेवा में तभी बरकत देता है तभी आपको लोगों पर अधिकारी बनाता है जब आप उसके साथ वफादार विश्वास योग्यता और ईमानदारी में खरे उतरते हो और मैंने  बहुत से ऐसे परमेश्वर के सेवकों को देखा है जिन्होंने एक दुख भरा जीवन जिया जो परमेश्वर के साथ विश्वास योग्य रहे लेकिन आज वह बड़ी-बड़ी मिनिस्ट्रियों के मालिक है और लाखों लाखों लोग उनके अंडर कंट्रोल है!


याद रखिए परमेश्वर को अपनी सेवकाई के लिए विश्वासी नहीं विश्वास योग्य लोग चाहिए विश्वास तो दुष्ट आत्मा भी करते हैं और इसका उदाहरण बाइबल में है लेकिन परमेश्वर दुष्ट आत्माओं को नहीं चुनता इसलिए आप विश्वास करके प्रभु की सेवा को करें इसमें कोई योग्यता नहीं लेकिन यदि परमेश्वर के साथ विश्वास योग्य आप पूरे जीवन भर रहेंगे तो परमेश्वर आपसे अपनी महिमा भी लेगा और आपको दुनिया का मालिक भी बनाएगा जैसे कि उसने अपने वचन में कहा है धन्य है जो नम्र है वह पृथ्वी के अधिकारी होंगे!


 यदि आप प्रभु की सेवा करना चाहते हैं तो विश्वासी ही नहीं बल्कि विश्वास योग्य बनिए परमेश्वर के साथ भी और दुनिया में लोगों के साथ भी तब परमेश्वर आपसे अपनी महिमा लेगा!


प्रभु आप सबको आशीष दे!

 

50
रचनाएँ
आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है?
0.0
जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्राप्त भी किया है जैसा की वचन में लिखा है! (लूका 10:19) मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रोदंने का अधिकार दिया है और किसी वस्तु से तुम्हें कोई हानि न होगी! (यूहन्ना 1:12-13) जितनो ने उसे ग्रहण किया उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं वे ना तो लहू से ना शरीर की इच्छा सेना मनुष्य की इच्छा से परंतु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं!
1

विषय -आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है?

24 अगस्त 2023
3
0
0

जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्

2

विषय -आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है? पार्ट --2

24 अगस्त 2023
1
0
0

जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्

3

अध्याय २ "*विषय - प्रभु भोज .***

24 अगस्त 2023
1
0
0

जी हां मित्रों प्रभु भोज भी एक बड़ा गंभीर विषय है जिसको आज बड़े हल्के में लोग लेते हैं और बड़े हल्के में लोग प्रभु भोज को ले भी रहे हैं लेकिन उसकी गंभीरता को उसकी चेतावनी को नहीं जानते कि प्रभु

4

* विषय - प्रभु भोज पार्ट- 2 "**

24 अगस्त 2023
2
0
0

मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया कि प्रभु भोज हमें कभी भी अनुचित रीति से नहीं लेना चाहिए प्रभु भोज कोई हलवा नहीं कि आप जब चाहे खा लो लेकिन प्रभु एक मिठाई और दवाई है तो एक मीठा जहर भी है जिसे ख

5

**विषय -प्रभु भोज पार्ट--- 3.#**

24 अगस्त 2023
1
0
0

पिछले दो भागों में मैंने आपको प्रभु भोज की गंभीरता के बारे में बताया कि कैसे हमको प्रभु भोज लेना चाहिए और किन लोगों को लेना चाहिए यह बहुत जरूरी बात है । प्रभु भोज हर एक व्यक्ति के लिए नहीं है परंतु उ

6

विषय -एक विश्वासी के जीवन की कहानी! पार्ट- 2

25 अगस्त 2023
1
1
0

मित्रों कल मैं आपको मसीह जीवन के बारे में बताया की कैसे हमको एक मसीह जीवन को नए जीवन को इस दुनिया में बिताना है और स्वर्ग जाने के कुछ परमेश्वर की आज्ञा और नियम बताएं और नए जन्म के बारे में बताया!म

7

विषय. 1 -एक विश्वासी के जीवन की कहानी!

25 अगस्त 2023
2
0
0

एक मसीह जीवन मतलब एक नया जीवन जो हमें इस दुनिया से परे एक नई दुनिया में ले जाने वाला है जिसमें हम बगैर नया जन्म लिए नहीं जा सकते हैं और एक मसीह जीवन की कहानी है जो एक फिल्म की तरह उत्पत्ति से शुरू होत

8

विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! Part1.

25 अगस्त 2023
1
0
0

जी हां मित्रों आज आप परमेश्वर का वचन कैसे सुनते हो क्योंकि आज वचन का सुनना हमारे मन के मुताबिक होता है यदि हमारे मन का वचन है तो हम सुनते हैं और नहीं है तो हम उसको हल्के में लेते हैं जब चर्च में कलीसि

9

विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! पार्ट 2..

25 अगस्त 2023
1
0
0

(प्रेरितो के काम 16:11-13)(प्रेरितो के काम 16:11-13) जी हां मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया जो लोग परमेश्वर का वचन ध्यान से सुनते हैं और संगति रखते हैं और परमेश्वर के सेवको का आदर करते हैं

10

विषय- आप कैसे वचन सुनते हो .part 3

26 अगस्त 2023
1
0
0

(प्रेरितो के काम 16:11-13) मित्रों कल मैंने आपको बताया कि हमें खुदा के खादिमों का आदर करना चाहिए क्योंकि खुदा के खादिम परमेश्वर की ओर से चुने हुए उसके सेवक होते हैं और जो कुछ वाह सिखाएं हमें बड़े ध्य

11

विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! पार्ट -4

26 अगस्त 2023
1
0
0

(प्रेरितो के काम 16:11-13) मित्रों कल मैंने आपको बताया कि हमें खुदा के खादिमों का आदर करना चाहिए क्योंकि खुदा के खादिम परमेश्वर की ओर से चुने हुए उसके सेवक होते हैं और जो कुछ वाह सिखाएं हमें बड़े

12

13.प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है .।।

27 अगस्त 2023
1
0
0

डॉ. सुश्रुत जो की एक बहुत ही प्रसिद्ध  प्लास्टिक सर्जरी और मोतियाबिंद स्पेशलिस्ट सर्जन थे , उन्हें एक बार किसी समारोह में भाग लेने के लिए किसी दूर शहर जाना था . उस समारोह में उन्हें उनकी नई मेडिकल

13

विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! पार्ट -5.

26 अगस्त 2023
1
0
0

मित्रों पिछले भागों में हमने देखा कि कैसे खुदा का वचन सुनने से और खुदा के खादिमों का आदर करने से और वह जो वचन सुनाते हैं उनको ध्यान से सुनने से परमेश्वर कैसे हमें आशीषित करता है यह हम कई उदाहरणों में

14

14.विषय-आत्मिक युद्ध .

29 अगस्त 2023
0
0
0

-प्रभु और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो ! -प्रभु और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो !-परमेश्वर के सारे हथियार बांध लो कि तुम शैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सको!की युक्तियों के सामने खड़े

15

विषय-आत्मिक युद्ध पार्ट... 2.

29 अगस्त 2023
1
0
0

16

विषय-आत्मिक युद्ध पार्ट...3.

29 अगस्त 2023
1
0
0

(इफिसियों 6:10-17) (प्रकाशितवाक्य 21:7 -8)  जो जय पाए वही इन वस्तुओं का वारिश होगा ! स्वर्ग और उसकी वस्तुओं के वारिस हम तभी होंगे जब हम एक जैवंत जीवन जीकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करेंगे!

17

.विषय- क्या आप जल और आत्मा से जन्मे है.

30 अगस्त 2023
1
0
0

मित्रों जब हम हवा की बात करते हैं तो हमारा पूरा का पूरा भूमंडल बहुत सी गैसों और हवा के आवरण से घिरा हुआ है जिसमें लगातार ऑक्सीजन कम होती जा रही है जिसकी वजह है प्रकृति से छेड़छाड़ आज मनुष्य जाति अपने

18

विषय- अच्छी औषधि .*

30 अगस्त 2023
1
0
0

अच्छी औषधि मतलब दवाई जो आपको चंगाई देती है बीमारी से परंतु एक औषधि और है जो आपको संपूर्ण मन में छुटकारा देती है संपूर्ण प्राण में छुटकारा देती है संपूर्ण आनंद देती है और वाह औषधि है परमेश्वर का वचन!

19

20.विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं.

30 अगस्त 2023
0
0
0

जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

20

विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं .

30 अगस्त 2023
0
0
0

जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

21

21.विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं .

30 अगस्त 2023
0
0
0

जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

22

विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं. part 2.

30 अगस्त 2023
1
0
0

जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

23

विषय- कपड़े गंदे क्यों .*

30 अगस्त 2023
0
0
0

 परमेश्वर कहता है और हम आपस में बातचीत करें  वह आपको बुला रहा है पर हम कहते हैं कि हमारे पास समय नहीं है डॉक्टर के पास बिमार को समय निकालकर जाना पड़ता है तभी इलाज होता है हमको भी परमेश्वर के प

24

विषय- तिनका और लढ्ढा .*

30 अगस्त 2023
1
0
0

(मत्ती 7:1-5) भैंस ने गाय से कहा तेरी पूंछ काली है परंतु गाय ने कहा तू पूरी काली है इंसान की बहुत बड़ी आदत बन चुकी है कि दूसरे की कमी निकालना जबकि उसको अपनी कमी कभी नहीं दिखती और पूरे संसार म

25

विषय- सबसे बड़ी समस्या .

30 अगस्त 2023
1
0
0

एक भाई ने मुझसे कहा मेरी पांच समस्या इस साल में हल होना चाहिए इसके लिए प्रार्थना करो मैंने कहा मैं जरूर प्रार्थना करूंगा और आपकी यह 5 समस्या हल भी हो जाएंगे वाह भाई बहुत खुश हो गया उसके बाद मैंने

26

विषय- सुखी परिवार.*

30 अगस्त 2023
0
0
0

मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते ! मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते !मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते ! (यूहन्ना 15:5)  जी हां मित्रो एक परिवार तभी सुखी रह सकता है जब वह परमेश

27

विषय- उजियाला बुझ ना जाए.*

30 अगस्त 2023
0
0
0

यीशु ने कहा दिया जलाकर पैमाने के नीचे मत रखो पैमाने का अर्थ माप तोल कर बर्तन जिससे हम लेनदेन करते हैं मसीह जीवन में अगर आप ज्योति में रहना चाहते तो आज ही आप लेन-देन में पवित्र बने वरन आपका दिया बुझ

28

विषय- मन में मूरत .*

30 अगस्त 2023
0
0
0

जी हां मित्रों मूरत वाह नहीं जो मिट्टी की बनी है लेकिन मूरत वाह है जो आपके मन में बसी है मिट्टी की मूरत तो तो हम तोड़ सकते हैं हटा सकते हैं पर मन की मूरत को तोड़ना और हटाना इतना आसान नहीं क्

29

विषय- धोखा *. मैं धर्मी हूं .

30 अगस्त 2023
0
0
0

यदि कोई अपने आप को भक्त समझे और अपनी जीभ पर लगाम ना दे पर अपने हृदय को धोखा दे तो उसकी भक्ति व्यर्थ है! (याकूब 1:26) जी हां मित्रों आज ज्यादातर  विश्वासियों  में यह सबसे बड़ा धोखा है कि मैं धर्म

30

विषय -पहले आप .

3 सितम्बर 2023
0
0
0

हमारे हिंदुस्तान की रीति है पहले आप से शुरूआत की जाती है किसी भी काम को जो हम करते हैं तो पहले आप के द्वारा संबोधन से करते हैं और यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि यह शब्द हमारी ओर से नहीं परंतु परमेश्वर

31

विषय- धोखा मुझ में पाप नहीं.

9 सितम्बर 2023
1
1
1

हे प्रिय भाइयों धोखा ना खाओ!       (याकूब 1:16) एक व्यक्ति पेढें बेचा करता था रोज दोपहर से शाम तक चिल्लाता मथुरा के पेढें ले लो मथुरा के पेढें ले लो एक व्यक्ति ने उससे पूछा अरे भैया आप सुबह शाम

32

विषय- छोटी लोमड़ियां 1.

9 सितम्बर 2023
0
0
0

जो छोटी लोमड़िया दाख की बारीयों को बिगाड़ती है उन्हें पकड़ ले! ( श्रेष्ठ गीत 2:15) मित्रों लोमड़ी पाप को बताती हैं छोटी लोमड़ी का मतलब है छोटे पाप आज हमने बड़े-बड़े पाप पकड़ लिए हैं जैसे शराब, सि

33

विषय- चमत्कार के बाद आपका जीवन .

9 सितम्बर 2023
0
0
0

वह उन नगरों को उलाहना देने लगा जिनमें उसने बहुतेरे समर्थ के काम किए थे क्योंकि उन्होंने अपना मन नहीं फिराया था ! (मत्ती 11:20) यीशु जब इस दुनिया में था बड़े बड़े चमत्कार किए मुर्दों को भी जिला

34

विषय- विश्वास या कर्म *

9 सितम्बर 2023
0
0
0

तू अपना विश्वास मुझे कर्म  बिना तो दिखा और मैं अपना विश्वास कर्म के द्वारा तुझे दिखाऊंगा!तू अपना विश्वास मुझे कर्म  बिना तो दिखा और मैं अपना विश्वास कर्म के द्वारा तुझे दिखाऊंगा! (याकूब 2:18) आज ए

35

विषय- क्या आप बांझपन के शिकार हैं *

9 सितम्बर 2023
0
0
0

जी हां मित्रों बांझपन  एक ऐसा शब्द है जिसका मतलब है पुर्नवर्ती ना होना यह किसी चीज का निर्माण ना कर पाना बांझपन  दो प्रकार का होता है एक शारीरिक और एक आत्मिक शारीरिक बांझपन को ज्यादातर स्त्रियों के

36

विषय- गंभीर बात बाद में *

9 सितम्बर 2023
0
0
0

एक राजा था उसके दोस्त को पता चला कि कोई उसका खून करने वाला है उसने उसको पत्र लिखा कि तो कोई तुझे जान से मारने  आने वाला है इसलिए सावधान रहें और अपनी जान बचा इस खत को लेकर एक आदमी राजा के पास आया खत के

37

विषय -पहले आप .

12 सितम्बर 2023
0
0
0

हमारे हिंदुस्तान की रीति है पहले आप से शुरूआत की जाती है किसी भी काम को जो हम करते हैं तो पहले आप के द्वारा संबोधन से करते हैं और यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि यह शब्द हमारी ओर से नहीं परंतु परमेश्वर

38

विषय - सेवकाई सीजन 2.2

12 सितम्बर 2023
0
0
0

एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि आज हर एक विश्वासी प्रभु की सेवा करना चाहता है परंतु वह अच्छा सेवक नहीं बनना चाहता आज लोग पास्टर तो बनना चाहते हैं लेकिन सेवक नहीं बनना चाहते और एक अच्छा सेवक ही अच

39

विषय- सेवकाई 2.2.*2

12 सितम्बर 2023
0
0
0

मित्रों एक बड़ी और समर्थी प्रभु की मिनिस्ट्री करने के लिए हमें सबसे पहले एक अच्छा चेला बनने की जरूरत है जिसके अंदर ईमानदारी पवित्रता अनुशासन और आज्ञाकारिता हो क्योंकि आप पूरी बाइबल में उठा कर देख लो

40

विषय- सेवकाई 2.2*3

12 सितम्बर 2023
0
0
0

पिछले  भागों में मैंने आपको बताया कि कैसे परमेश्वर सेवकाई के लिए लोगों को चुनता है और इस्तेमाल करता है और कैसे लोग खुद अपने मन से परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं और अपने जीवन को बर्बाद करते हैं! पिछले

41

क्या हम आजाद हैं.??

12 सितम्बर 2023
0
0
0

आज हम 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं आजादी का जश्न मना रहे हैं लेकिन क्या हम सचमुच आज हम आजाद हैं आजादी तीनं प्रकार की होती है  भौतिक शारीरिक और मानसिक हम भौतिक रूप से शारीरिक रूप से इस दुनिया म

42

विषय- सेवकाई 2.2.4

13 सितम्बर 2023
0
0
0

मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया यीशु मसीह जो परमेश्वर का एकलौता पुत्र था पुत्र होने के बावजूद भी वह स्वर्ग में एक सेवक की तरह रहता था और राजा बनने से पहले यीशु मसीह एक सेवक के रूप में परमेश्वर

43

विषय- कपटी (मक्कार)

13 सितम्बर 2023
0
0
0

 हे कपटी शास्त्री और फरीसियों तुम पर हाय तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिए सारे जल और थल में फिरते हो और जब वह मत में आ जाता है तो उसे अपने से दूर ना नारकिय बना देते हो!  हे कपटी शास्त्री और फरी

44

विषय- मसीह में हमारा आत्मिक जीवन व चाल चलन*.

13 सितम्बर 2023
1
0
0

इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भारतीय स्थित इच्छा को मालूम करते रहो ! इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के

45

विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन 2.

13 सितम्बर 2023
0
0
0

इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भारतीय स्थित इच्छा को मालूम करते रहो ! (रोमियो 12:2) जी हां मित्रों यीशु मसीह ने

46

विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन .3.

13 सितम्बर 2023
0
0
0

इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो ! (रोमियो 12:2) जी हां मित्रों यीशु मसीह न

47

विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन .4

13 सितम्बर 2023
0
0
0

इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो ! (रोमियो 12:2) (इफिसियों 5:9-13) मित्रों अब हम जब

48

विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन 5 *

13 सितम्बर 2023
1
0
0

इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो ! इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जा

49

विषय- सेवकाई 2.2.5

16 सितम्बर 2023
0
0
0

मित्रों सेवकाई के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह होती है अभिषेक और पवित्र आत्मा की सामर्थ जो हमें खुदा के अभिषिक्त खादिमों की संगति करने से मिलता है उनकी सेवा टहल करने से मिलता है! मित्रों स

50

विषय- न्याय के दिन आपका प्रतिफल क्या होगा?

19 सितम्बर 2023
0
0
0

मित्रों प्रत्येक जन चाहे वह विश्वासी हो या अविश्वासी जब भी वह कोई काम करता है तो उस काम के बदले प्रतिफल की इच्छा रखता है कि हम जो कर रहे हैं उसका फल हमको क्या मिलेगा इसी तरह हर एक विश्वासी व्यक्ति ज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए