(प्रेरितो के काम 16:11-13)
मित्रों कल मैंने आपको बताया कि हमें खुदा के खादिमों का आदर करना चाहिए क्योंकि खुदा के खादिम परमेश्वर की ओर से चुने हुए उसके सेवक होते हैं और जो कुछ वाह सिखाएं हमें बड़े ध्यान से सुनना चाहिए क्योंकि खुदा के खादिम का आदर करने से हम परमेश्वर का आदर करते हैं और परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं और परमेश्वर हमें उनके द्वारा आशीष देता
है!
(यूहन्ना 5:24)
मैं तुमसे सच सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कंर चुका!
मित्रों जैसा कि कल मैंने आपको बताया कि जो खुदा के भेजे हुए खादिमों का आदर करता है और वह जो वचन सिखाते हैं उनको सुनता है और उन पर चलता है तो परमेश्वर उसको आशीष देता है उसकी समझ को खोलता है लेकिन वह खादिम खुदा का भेजा हुआ होना चाहिए जैसा कि आज बहुत से लोग खादिम बनकर घूम है परंतु परमेश्वर की ओर से भेजे गए नहीं है अपने मन से खुद के बनाए हुए खादिम है!
और इसीलिए उनके साथ खुदा की उपस्थिति नहीं रहती और इसीलिए और उनके साथ जो लोग रहते हैं वह भी आशीषित नहीं हो पाते हैं!
परंतु जो खुदा के सच्चे खादिम होते हैं जब वह आपके जीवन में आते हैं आप को शिक्षा देते हैं तो खुदा उनके द्वारा आपको आशीषित करता है आइए हम देखते हैं!
(2 राजा 4:8-17)
यहां पर हम देखते हैं यह जो स्त्री है बहुत धनवान है इसके पास किसी बात की कमी नहीं है बस कमी है तो एक बात थी कि इसकी कोई संतान नहीं है और एलीशा इसके नगर से होकर अक्सर कई जगहों पर जाया करता था वह देखती थी और यह स्त्री जानती थी कि यह कोई परमेश्वर का भक्त है और इसीलिए वह अपने घर में उसे रोटी पानी खिलाती थी और जब उसे पूरी तरह से पता चल गया कि यह परमेश्वर का पवित्र भक्तजन है तब उसने अपने पति से कहा देख मुझे मालूम होता है!
यह कोई परमेश्वर का पवित्र भक्त है इसलिए इसके लिए ऊपर एक कमरा बनवा और आराम करने के लिए और खाने पीने की हर सुविधा का इंतजाम करो !
मित्रों यहां एक बात हम देखते हैं कि इस स्त्री को एक बात की समझ है कि वह इतना तो जानती है कि यह परमेश्वर का पवित्र जन है और इससे मैं आशीषे ले सकती हूं आशीषे कैसे ली जाती है आशीषे सेवा सत्कार के द्वारा ली जाती है और उसने वही काम प्रभु के जन के लिए किया!
जब परमेश्वर के भक्त एलीशा ने देखा कि यह स्त्री मेरी इतनी देखभाल और सेवा करती है तब उसने उसका हालचाल लिया और तब उसको पता चला कि इसको बच्चा नहीं है तब एलीशा ने उसको बच्चे की आशीष दी यहां पर देखिए एक खास बात एलीशा ने परमेश्वर से प्रार्थना नहीं कि उसने सीधे उस स्त्री को आशीष दी और हम देखते हैं आगे उस स्त्री को एक बच्चा हुआ!
यानी जो परमेश्वर का पवित्र जन होता है उसके कहने मात्र से ही हो जाता है क्योंकि प्रभु ने बोलकर ही इस दुनिया को बनाया तो यदि प्रभु हम में है और हम प्रभु के साथ ईमानदार हैं पवित्र हैं तो हम जो भी बोलेंगे वह हो जाएगा!
आज हम देखते हैं कि लोग बोलते रहते हैं बोलते रहते प्रार्थना करते रहते हैं करते रहते लेकिन कुछ नहीं होता कारण क्या है कारण यह है कि हम परमेश्वर की बातों को नहीं सुनते हम परमेश्वर के साथ ईमानदार नहीं होते हम अपने जीवन को पवित्र ताई में नहीं ले जाते हम पवित्र जो प्रभु के सेवक है उनकी नहीं सुनते ना तो हम परमेश्वर की सुनते हैं हम केवल और केवल अपने मन के करते हैं और अपने मन के अनुसार चलते हैं इसीलिए हम बोलते हैं लेकिन कुछ नहीं होता हम प्रार्थना करते हैं लेकिन कुछ नहीं होता ऐसी प्रार्थना का कोई प्रतिफल नहीं मिलता जो परमेश्वर के साथ कनेक्ट ही नहीं हो!
इसीलिए प्रभु के वचन में लिखा है
(मत्ती 6:5:8)
यहां प्रभु के वचन में लिखा है कि जब तू प्रार्थना करें तो कपटियों के समान ना करें और लोगों को दिखाने के लिए ना करें वे सोचते हैं कि उनके बहुत बकबक करने से उनकी सुन ली जाएगी!
जी हां मित्रों परमेश्वर जिनके मन में छल कपट होता है उनकी प्रार्थना को नहीं सुनता है भले ही वह लंबी चौड़ी प्रार्थना वचनों के साथ क्यों ना करें लेकिन जो पवित्र और इमानदार होता है जो शुद्ध हृदय का दीन होता है नम्र होता है उनकी प्रार्थना परमेश्वर जरूर सुनता है इसलिए आप कैसे हो और कैसे सुन रहे हो यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि जो सुनता है और प्रभु के वचनों के अनुसार चलता है जो नम्र होता है जो दीन होता है परमेश्वर उसकी प्रार्थना को सुनता है और आशीष देता है इसलिए खुदा के खादीमों की सुने और उनकी माने जो पवित्र जन है जो आपको सिखा रहे हैं उनकी आज्ञा को माने क्योंकि उनकी प्रार्थना के द्वारा परमेश्वर आपको आशीष देता है!
परंतु सावधान रहें क्योंकि आज खुदा के खादिमो के भेष में बहुत सारे ऐसे लोग घूम रहे हैं जो खुदा की ओर से है ही नहीं इनको खुदा ने चुना ही नहीं और वह लोगों को भरमा कर उनके जीवन को नरक बना रहे हैं क्योंकि उनके पास ना तो वचनों का प्रकाशन है ना तो सही ज्ञान है ना अनुभव है उनके पास केवल एक रटा रटाया कोर्स है जो उनको सिखा दिया जाता है और इसी कारण परमेश्वर की प्रजा नाश हो रही है!
क्योंकि उनको परमेश्वर का अनुभव और वचन का ज्ञान नहीं है!
( होशे 4:6)
प्रभु आप सबको आशीष दे!