एक मसीह जीवन मतलब एक नया जीवन जो हमें इस दुनिया से परे एक नई दुनिया में ले जाने वाला है जिसमें हम बगैर नया जन्म लिए नहीं जा सकते हैं और एक मसीह जीवन की कहानी है जो एक फिल्म की तरह उत्पत्ति से शुरू होती है और प्रकाशित वाक्य पर जाकर खत्म होती है!
और बाइबिल में हम परमेश्वर के भक्तों से उनके जीवन से अलग-अलग किरदारों से अलग-अलग शिक्षाएं मिलती हैं जो एक जीवन शैली को सिखाती हैं कि हमें कैसे परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है बहुत सारे परमेश्वर के भक्त आए कुछ तो नया जीवन पाकर उसे पर जयवंत हो गए लेकिन कुछ नया जीवन पाकर भी अपने पुराने जीवन में ही समाप्ति कर गए !
और वह उस स्वर्ग को नहीं पा पाए जिसके लिए परमेश्वर ने हमें चुना था या यीशु मसीह ने कहा मैं तुम्हें अनंत जीवन देने आया हूं उस जीवन में प्रवेश नहीं कर पाए आज हम और आप भी इस जीवन में एक विश्वासी के रूप में चल रहे हैं और हमारा सबसे बड़ा जो लक्ष्य है वह है स्वर्ग में जाना लेकिन मसीह जीवन इतना आसान नहीं जितना हम समझते हैं इसलिए हमारा पूरा जीवन जो हमने प्रभु को दिया है उसमें हम जयवंत होकर प्रभु के पास जाते हैं या हार कर इसी दुनिया में रह जाते हैं यह हमको और आपको हमारे जीवन के उसे संघर्ष रूपी नाव को पार करके ही पता चलेगा!
उस स्वर्ग में जाने के लिए यीशु मसीह ने बाइबिल में कुछ नियम व आज्ञाए दी है जिसको हमको पूरा करना जरूरी है अन्यथा हम स्वर्ग में नहीं जा सकते यह एक हकीकत है जिससे लोग अनजान हैं!
(मत्ती 5:3-8-9-10-11)
3-धन्य हैं वे जो मन के दीन है क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है!
8-धन्य है वह जिनके मन शुद्ध हैं क्योंकि वह परमेश्वर को देखेंगे!
9-धन्य है वह जो मेल करने वाले हैं क्योंकि वह परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे!
( यूहन्ना 3:5-6)
यीशु ने उत्तर दिया मैं तुझसे सच-सच कहता हूं जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता!
6- क्योंकि जो शरीर से जन्मा है वह शरीर है और जो आत्मा से जन्मा है वह आत्मा है!
यह कुछ नए नियम की मुख्य आज्ञाएं हैं जिनको हमें पूरा करना जरूरी है और यदि हम इन आज्ञाओं को अपने जीवन में पूरा न कर पाए तो हमारे लिए स्वर्ग अनहोना है!
अब मसीह जीवन में हमारा नया जन्म कैसे शुरू होता है!
( इफिसियों 5:8)
क्योंकि तुम पहले अंधकार थे परंतु अब प्रभु में ज्योति हो अतः ज्योति की संतान के समान चलो!
जी हां मित्रों पहले हम इस संसार के अंधकार के हकीम के राज्य में जी रहे थे कोई ज्योति हमारे पास नहीं थी निराशा थी लेकिन जब प्रभु ने हमें अपने राज्य के लिए बुलाया और हमें चुना और हमने प्रभु को ग्रहण किया और बपतिस्मा लिया तब प्रभु में हमारा एक नया जन्म शुरू होता है जो ज्योति की संतान के रूप में होता है लेकिन इस जन्म को जो हमें मिला है ज्योति स्वरूप बना कर रखना खुद का कर्तव्य है कि हम इसको संभाल कर जब तक हमको इस पृथ्वी पर रहना है तब तक रखें और प्रभु ने वचन में कहा जो अंत समय तक विश्वास में बना रहेगा वह स्वर्ग जाएगा!
कितनों ने विश्वास किया और कितने विश्वास से बहककर वापस दुनिया में चले गए और अपने जीवन का अंत कर लिया लेकिन जिन्होंने विश्वास किया और अपने विश्वास को पवित्रता और ईमानदारी से बना कर रखे रखा वे स्वर्ग राज्य में प्रवेश कर गए ऐसे ही कुछ बाइबल से हम परमेश्वर के भक्तों के बारे में आगे हम देखेंगे!
प्रभु आप सबको आशीष दे!