आज हम 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं आजादी का जश्न मना रहे हैं लेकिन क्या हम सचमुच आज हम आजाद हैं आजादी तीनं प्रकार की होती है भौतिक शारीरिक और मानसिक हम भौतिक रूप से शारीरिक रूप से इस दुनिया में भले ही आजाद हो लेकिन हम सब जानते हैं कि आज भी हम मानसिक और आत्मिक रूप से गुलाम बनाने वाले विचारों में आज भी गुलाम है हम पाप के गुलाम हैं इसीलिए हमारे अंदर आज भी बुराई पाई जाती है!
आज हम 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं आजादी का जश्न मना रहे हैं लेकिन क्या हम सचमुच आज हम आजाद हैं आजादी तीनं प्रकार की होती है भौतिक शारीरिक और मानसिक हम भौतिक रूप से शारीरिक रूप से इस दुनिया में भले ही आजाद हो लेकिन हम सब जानते हैं कि आज भी हम मानसिक और आत्मिक रूप से गुलाम बनाने वाले विचारों में आज भी गुलाम है हम पाप के गुलाम हैं इसीलिए हमारे अंदर आज भी बुराई पाई जाती है!आज हम 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं आजादी का जश्न मना रहे हैं लेकिन क्या हम सचमुच आज हम आजाद हैं आजादी तीनं प्रकार की होती है भौतिक शारीरिक और मानसिक हम भौतिक रूप से शारीरिक रूप से इस दुनिया में भले ही आजाद हो लेकिन हम सब जानते हैं कि आज भी हम मानसिक और आत्मिक रूप से गुलाम बनाने वाले विचारों में आज भी गुलाम है हम पाप के गुलाम हैं इसीलिए हमारे अंदर आज भी बुराई पाई जाती है!
आजादी के पीछे बहुत सारे बलिदान और बहुत सारी कुर्बानियां लोगों ने दी ताकि हम भौतिक और शारीरिक रूप से आजाद हो जाए लेकिन आप जो आत्मिक और मानसिक रूप से गुलाम है पाप के गुलाम हैं उससे आजादी देने के लिए परमेश्वर का पुत्र यीशु मसीह इस संसार में आया ताकि वह हमें पाप की गुलामी से आजाद कर सकें!
मनुष्य आज भी नक्सलवाद, जातिवाद, धर्म, आमीरी, गरीबी, और रंगभेद की गुलामी में जकड़े हुए हैं हम सत्य को नहीं जानते इतिहास को नहीं जानते
इसीलिए पाप के पाखंडवाद के गुलाम है!
लेकिन यीशु मसीह चाहता है कि हम इन सब पाखंडवाद की गुलामी से आजाद हो सके इसलिए वह कहता है
(यूहन्ना 8:32)
कि तुम सत्य को जानोगे और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा और सत्य है बाइबल सत्य परमेश्वर का वचन जो हमें आजादी दिलाता है और जो वचनों पर चलता है वह उद्धार पाता है हर तराह की गुलामी से आजादी पाता है!
और जब हम परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं और उसे ग्रहण करते हैं तो यीशु मसीह हमें भौतिक शारीरिक और मानसिक तीनों गुलामी से आजादी देते हैं उद्धार देते हैं!
(युहन्ना 8:1-11)
(युहन्ना 4:1-38)
अध्यायों में हम देखते हैं यहां दो स्त्रियां हैं और दोनों स्त्रियां शारीरिक रूप से व्यभिचार से ग्रस्त है और पाप की गुलाम है एक को शास्त्री फारिसियों ने पकड़ा व्याविचार करते हुए और शरीयत के हिसाब से उनको पत्थर मार मार के दंड देने की आज्ञा थी!
और दूसरी जो पांच पति कर चुकी थी और छठे के साथ रह रही थी वह भी व्याविचार से ग्रस्त थी और दोनों के जीवन में जब प्रभु यीशु मसीह आते हैं तो एक को पाप के दंड से आजाद करते हैं जो की पत्थर मारने के रूप में था और दूसरे को शारीरिक और मानसिक रूप से आजाद कर देते हैं जो पाप की गुलाम थी और अब दोनों प्रभु यीशु मसीह की खिदमत करने में अपने आप को दे देती हैं यीशु मसीह ने इनके जीवन को बदल दिया और पाप की गुलामी से आजाद कर उनको उद्धार दिया!
(मत्ती 8:28:34)
यहां हम ऐसे व्यक्ति के बारे में देखते हैं जो मानसिक रूप से दुष्ट आत्माओं का गुलाम था या मानसिक कुविचारों से गुलाम था यह कब्रो में रहा करता था इतना उपद्रवी था कि जो भी इसके पास से गुजरता था वह पत्थरों से उसे मारता था और खुद को भी घायल करता था प्रभु यीशु मसीह जो दया का सागर था प्रेम से भरा हुआ था वह नहीं चाहता था कि यह व्यक्ति सदा गुलामी का जीवन जीता रहे इसलिए प्रभु यीशु मसीह उसे आजादी देने के लिए पहुंच जाते हैं और इस व्यक्ति को शैतान की गुलामी से मानसिक कुविचारों की गुलामी से आजादी दिलाते हैं!
(लूका 19:1-10)
यहां हम ऐसे व्यक्ति के बारे में देखते हैं जो भौतिक शारीरिक और मानसिक तीनों रूप से गुलाम था यह पैसा कमाने के लिए गलत काम करता था ब्याजू रुपया देकर धन की उगाही करता था और इसीलिए यह लोगों की नजर में एक बेईमान व्यक्ति था!
परंतु यह अब्राहम के वंश का था और इसीलिए यीशु मसीह इस व्यक्ति को बचाने के लिए जब उसके नगर में जाते हैं तो वह यीशु मसीह को देखने के लिए पेड़ पर चढ़कर बैठ जाता है और तब यीशु मसीह उसे नाम लेकर बुलाते हैं और कहते हैं जकई नीचे उतर आज मुझे तेरे घर में जाना जरूरी है!
यीशु मसीह आज भी हर उसे व्यक्ति के जीवन में उस घर में जाना चाहता है जो गुलामी का जीवन जी रहा है चाहे वह कर्ज क हो चाहे बीमारी के रूप में हो चाहे चिंता के रूप में हो चाहे वह किसी प्रकार के बोझ से दबा हो वह सब प्रकार की गुलामी से आपको आजादी दिलाना चाहता है वह आपके जीवन को बदलना चाहता है और इसीलिए जब वह जक्कई के घर में गया तो जकाई का जीवन बदल गया और जाकर ने जिसे ₹100 लिया था उसको चार गुना करके वापस दिया और तब यीशु मसीह ने कहा आज इस घर में उद्धार आया है यह व्यक्ति पाप की गुलामी से आजाद हो गया है जो पाप का गुलाम था आज आजाद हो गया है!
मित्रों आजादी तब तक हमारे जीवन में होती है जब तक हम पाप की चार दिवारी से बाहर रहते हैं लेकिन जैसे ही हम पाप की चार दिवारी के अंदर आते हैं हम गुलामी के शिकार हो जाते हैं इसलिए मित्रों पाप छोड़ें मन फिराएं ताकि परमेश्वर का पुत्र जो इस दुनिया में हमारे लिए अपने आप को दे दिया अपने लहू को बहा दिया उसके लहू का बहाया जाना व्यर्थ ना हो यदि उसने हमें स्वतंत्र किया हो तो हमारी स्वतंत्रता कहीं गुलामी में ना बदल जाए इसलिए मन फिराए और लौट आए!