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विषय- सुखी परिवार.*

30 अगस्त 2023

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मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते !

मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते !मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते !


(यूहन्ना 15:5)

 जी हां मित्रो एक परिवार तभी सुखी रह सकता है जब वह परमेश्वर की अधीनता में अपना जीवन बिताता है परमेश्वर की उपस्थिति में जीवन बिताता है और जो परमेश्वर के साथ नहीं चलता उसकी उपस्थिति नही बैठता  कभी आनंद के साथ नहीं जी सकता आज बहुत से विश्वासी दुखी हैं परेशान है प्रभु यीशु के पीछे चल रहे हैं फिर भी दुखी हैं  और उनकी परेशानियों का कारण यही है कि वह परमेश्वर की उपस्थिति में नहीं बैठते हैं  परमेश्वर के आधीनता में नहीं रहते वह परमेश्वर की आज्ञाकारीताक में नहीं रहते नाम तो परमेश्वर का लेते हैं!


 परंतु करते अपने मन की हैं और इसीलिए यीशु मसीह ने कहां मेरे तुम कुछ नहीं कर सकते जिसके अंदर परमेश्वर ने जन्म नहीं लिया जिसके अंदर परमेश्वर के वचन ही नहीं है प्रेम नहीं अधीनता नहीं और आज्ञाकारीता नहीं वाह परिवार कभी भी सुखी और आनंदित नहीं रह सकता क्योंकि जीवन का मूल स्रोत परमेश्वर है और परमेश्वर से अलग होकर आप जीवन का सच्चा नहीं उठा सकते!


ध्यान करेंगे सबसे पहले परमेश्वर ने आदमी को बनाया फिर आदमी से औरत बनाई परमेश्वर चाहता तो आदमी और औरत दोनों को अलग-अलग बना था परंतु उसने 1 में से दो किए इसका मतलब है कि पति-पत्नी दोनों एक हैं अलग-अलग नहीं जिस तरह हमारे हाथ पैर सिर आंखें नाक कान सब एक शरीर में जुड़े हुए रहते हैं वैसे ही पति पत्नी को एक रहना चाहिए!


 इसके बाद बच्चे माता-पिता के द्वारा जन्म लेते हैं वह भी एक हैं यह एक बड़ा भेद है घरों में झगड़ा इसलिए होता है क्योंकि वह सब अपने आपको अलग अलग समझते हैं पूरा परिवार एक है और हमारे साथ परमेश्वर भी जुड़ा हुआ है हम सब में उसका आत्मा है जब आदमी परमेश्वर से अलग हुआ तभी से दुखी हुआ मुसीबतें आना शुरू हुई यहां तक की मौत और बीमारी भी मनुष्य के जीवन में आ गई क्योंकि जीवन का मूल स्रोत परमेश्वर उसके जीवन से हट गया!


(उत्पत्ति 3:16-19)

 यहां आदम के जीवन में दुख और मुसीबतों का कारण था आज्ञाकारीता और अधीनता में ना रहना और अपनी पत्नी की बात को मानना और स्त्री का शैतान की बात को मानना यही उनके पतन और दुख और मुसीबतों का कारण बना और यही आज हमारे समाज में होता चला जा रहा है!


स्त्री जोकि आदम से निकाली गई उसको अपने पति आदम के अधीनता में रहना था लेकिन वह अपने पति के अधीन न रही और आदम ने अपनी पत्नी की आज्ञा मांगी और आज यही पूरे समाज में हो रहा है आज स्त्रियां अपने पति की अधीनता में नहीं चल रही हैं बल्कि पति स्त्रियों के अधीन होते जा रहे हैं सिस्टम उल्टा हो रहा है और परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन हो रहा है इसी कारण से आज परिवार एक नहीं हो पा रहे हैं परिवार चल नहीं पा रहे हैं परिवार में झगड़े हैं क्योंकि घर की मुखिया आदम की जगह स्त्रियां होती जा रही हैं!


परमेश्वर ने स्त्रियों के ऊपर आदम का अधिकार क्यों रखा था? स्त्रियां कोमल हृदय की होती हैं स्त्रियां भावुक होती हैं वह निर्णय लेने में सक्षम नहीं होती क्योंकि उनके ज्यादातर निर्णय भावुकता से भरे होते हैं बुद्धि और समझदारी से नहीं अभिलाषा में घिरी रहती हैं इसलिए वह शैतान की बात में जल्दी आ जाती है वे भक्ति तो करती हैं लेकिन फिर भी कहीं न कहीं  अभिलाषा में गिर जाती हैं!


(2 तीमुथियुस 3:6-7)

स्त्री को परमेश्वर ने आदम के सहायक के रूप में उत्पन्न किया था कि वह उसकी सहायक हो  लेकिन आज स्त्रियां सहायक की जगह बॉस बनती जा रही हैं और इसी कारण से परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन हो रहा है स्त्रियों को हमेशा अपने पति के लिए  सहायक के रूप में काम करना चाहिए सहायक का मतलब उससे काम में बराबर का हकदार मददगार लेकिन उसके सिर पर चढ़कर बॉस बन कर नहीं बैठना चाहिए!


 हालांकि सभी स्त्रियां ऐसे नहीं होती कुछ समझदार स्त्रियां ऐसी होती जो अपने पति के अधीनता में रहती हैं और सहायक के रूप में पति के साथ रहती हैं और उस परिवार को आप देखो वह परिवार हमेशा सुखी रहता है लेकिन जहां स्त्रियां बॉस बन जाती हैं अपनी मनमर्जी चलाने लगती हैं अपनी मनमानी करने लगती उसी परिवार में क्लेश झगड़े होते हैं दुख होता है!


अब्राहम और सारै का जीवन देखें सारै अब्राहम के अधीनता में रहती थी जबकि सारै का कोई बच्चा ना था एक समय आया जब सारै की बात अब्राहम ने मानी और अपनी दासी हजीरा से शादी कर ली तब परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन अब्राहम ने किया और परमेश्वर ने कुछ समय के लिए अब्राहम को छोड़ दिया और जो पुत्र हजीरा से उत्पन्न हुआ वह काफी झगड़ालू स्वभाव का हुआ जो उसके दुख का कारण बना और सारै और हाजिरा के बीच में बैर उत्पन्न हुआ दुख का कारण अब्राहम का सारै की बात को मानना था जबकि परमेश्वर अब्राहम से बात कर रहा था!


(उत्पत्ति 16:1-15)


 आज यही कारण है कि जब हम से परमेश्वर बात करता है कई बार हम परमेश्वर की आवाज को न सुनकर अपने घर वालों की बात मानते हैं अपनी पत्नी की बात मानते हैं अपने दोस्तों की बात मानते हैं और यही से हमारे जीवन में दुख और मुसीबत और परेशानियां शुरू होती हैं जबकि जीवन का मूल स्रोत परमेश्वर है हमें परमेश्वर की आवाज को सदैव सुनना चाहिए क्योंकि परमेश्वर जो बात बोलता है यदि उसकी आज्ञा मानेंगे तो आप हमेशा सुखी और आनंदित जीवन जिएंगे!



प्रभु आप सबको आशीष दे!


विषय- सुखी परिवार पार्ट-- 2

मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते!
( यूहन्ना 15:5)
मित्रों एक विश्वासी परिवार तभी सुखी रह सकता है जब वह अपने परिवार में परमेश्वर को जीवन का मूल स्रोत बनाता है!

क्योंकि हम परमेश्वर से जन्मे हैं और यदि परमेश्वर से ही हम अलग हो जाए तो हम क्या कर सकते हैं हम कुछ नहीं कर सकते जड़ से अलग होकर डाली फल नहीं सकती उसी तरह परमेश्वर से अलग होकर हम कुछ कर नहीं सकते!

एक सुखी परिवार स्त्री और पुरुष के संबंधों के ऊपर निर्भर रहता है कि उनका आपसे प्रेम कैसा है क्या वह एक दूसरे की अधीनता और आज्ञाकारीता में है क्योंकि आशीष इसी में छुपी है अगर पुरुष गाड़ी का इंजन है तो स्त्री उस गाड़ी का पहिया है यानी सहायक अगर पुरुष उस गाड़ी को खींचता है तो स्त्री उस गाड़ी के पाहिए की तरह उस गाड़ी के भार को कम करने में सहायक का काम करती है  जो उसके भार को कम करती हैं और दोनों कब मिल कर रहना जरूरी है!

आदमी संसार में रहकर सुख चाहता है कोई भी दुख पसंद नहीं करता फिर भी आज हर परिवार दुखी है आदमी चांद पर भी पहुंच गया फिर भी उसके दुख दूर नहीं हुए यह दुख कैसे दूर होंगे परिवार कैसे सुखी होंगे हमें इन बातों पर ध्यान देना है!

एक परिवार में दुख और अशांति कैसे आती है पिछले भाग में हमने देखा कि आदम हव्वा ने जब पाप किया और परमेश्वर की आज्ञा तोड़ी तो उनके जीवन में दुख और अशांति आ गई आज अशांति कैसे जाएगी यह शांति तभी जा सकती है यदि हम अपने परमेश्वर से मेल मिलाप कर ले और उसके साथ मिल जाए जैसा कि यीशु मसीह ने कहा तुम मुझ में बने रहो और मैं तुम्में बना रहूं तो जो तुम चाहोगे वह हो जाएगा!

(यूहन्ना 15 :7)
(2कुरिन्थियों 5:20-21)
सबसे पहले आदमी को परमेश्वर के पूरा पूरा आधीन हो जाना चाहिए क्योंकि परमेश्वर ने पहले आदम को बनाया फिर उसकी पत्नी को अपने पति के अधीन होना चाहिए परमेश्वर आदमी से बात करता था और उसकी पत्नी उस परमेश्वर की बातें मानती थी!

नूह से परमेश्वर ने कहा तू जहाज बना (उत्पत्ति 6:15:22)
और उसने वैसा ही किया उस काम में उसकी पत्नी ने उसका साथ दिया अगर वह विरोध करती तो नूह परमेश्वर का बताया हुआ काम पूरा नहीं कर पाता उसके बच्चों ने भी उसका साथ दिया यहां तक कि उसके तीन बेटों की पत्नियों ने भी उस नांव को बनाने में नूह का साथ दिया इसको सुखी परिवार कहते हैं!

परंतु आज ढाई तीन लोगों का परिवार भी एक साथ नहीं रह पाता बच्चे मां बाप के नहीं सुनते पत्नियां अपने पति की नहीं सुनती सब अपने अपने मन की करते हैं और परिवारों में आज दीवारें हैं जो परिवार को बांट रही है  ताकि वे एक दूसरे को ना देखें!

और इसकी एक बड़ी वजह है परमेश्वर का घर में ना होना क्योंकि जहां परमेश्वर का प्रेम होता है वहां पर संबंध मधुर होते हैं मीठे होते हैं शांति होती है सुख होता है लेकिन जिस घर में परमेश्वर ही नहीं होता उस घर में अशांति क्लेश और बंटवारा ही होता है!

जब परिवार के सब लोग परमेश्वर की अज्ञाओं को मानकर एक मन हो कर रहते हैं तो परिवार सुखी होता है परंतु आज कोई एक मन नहीं होना चाहता क्योंकि हम को पाप पसंद है हम पाप में जीना चाहते हैं हम अभिलाषा में जीना चाहते हैं हम एक दूसरे के प्रति अपने आप को कुर्बान और बलिदान नहीं करना चाहते!

यीशु मसीह हमारे और आपके पापों के बदले सलीब पर कुर्बान हो गया और हमको पापों से छुड़ा लिया इसलिए हम सब को चाहिए कि हम सब पूरा परिवार मिलकर अपने अपने पापों को माने और छोड़ दें तो यीशु मसीह का लहू हमें सब बातों से शुद्ध करता है हमारे परिवारों को सुख और शांति देता है !

(1 यूहन्ना 1:7)
पाप खत्म हो जाएंगे तो परिवार सुख और शांति पाएंगे और आपके परिवार को देखकर लोग आपके पास आएंगे इसीलिए यीशु मसीह का हमारे आपके जीवन में होना अनिवार्य है क्योंकि बिना यीशु मसीह यह सब असंभव है और जहां यीशु है वहां सब कुछ संभव है!

प्रभु आप सबको आशीष दे!
 

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रचनाएँ
आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है?
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जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्राप्त भी किया है जैसा की वचन में लिखा है! (लूका 10:19) मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रोदंने का अधिकार दिया है और किसी वस्तु से तुम्हें कोई हानि न होगी! (यूहन्ना 1:12-13) जितनो ने उसे ग्रहण किया उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं वे ना तो लहू से ना शरीर की इच्छा सेना मनुष्य की इच्छा से परंतु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं!
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विषय -आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है?

24 अगस्त 2023
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जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्

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विषय -आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है? पार्ट --2

24 अगस्त 2023
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जी हां मित्रों आज यह बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर हमारी प्रार्थना अनसुनी क्यों है जबकि परमेश्वर ने हमें चुना है हमने विश्वास किया है प्रभु को ग्रहण किया है और प्रभु से उसके बदले बहुत से दान वरदानों को प्

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अध्याय २ "*विषय - प्रभु भोज .***

24 अगस्त 2023
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जी हां मित्रों प्रभु भोज भी एक बड़ा गंभीर विषय है जिसको आज बड़े हल्के में लोग लेते हैं और बड़े हल्के में लोग प्रभु भोज को ले भी रहे हैं लेकिन उसकी गंभीरता को उसकी चेतावनी को नहीं जानते कि प्रभु

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* विषय - प्रभु भोज पार्ट- 2 "**

24 अगस्त 2023
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मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया कि प्रभु भोज हमें कभी भी अनुचित रीति से नहीं लेना चाहिए प्रभु भोज कोई हलवा नहीं कि आप जब चाहे खा लो लेकिन प्रभु एक मिठाई और दवाई है तो एक मीठा जहर भी है जिसे ख

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**विषय -प्रभु भोज पार्ट--- 3.#**

24 अगस्त 2023
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पिछले दो भागों में मैंने आपको प्रभु भोज की गंभीरता के बारे में बताया कि कैसे हमको प्रभु भोज लेना चाहिए और किन लोगों को लेना चाहिए यह बहुत जरूरी बात है । प्रभु भोज हर एक व्यक्ति के लिए नहीं है परंतु उ

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विषय -एक विश्वासी के जीवन की कहानी! पार्ट- 2

25 अगस्त 2023
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मित्रों कल मैं आपको मसीह जीवन के बारे में बताया की कैसे हमको एक मसीह जीवन को नए जीवन को इस दुनिया में बिताना है और स्वर्ग जाने के कुछ परमेश्वर की आज्ञा और नियम बताएं और नए जन्म के बारे में बताया!म

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विषय. 1 -एक विश्वासी के जीवन की कहानी!

25 अगस्त 2023
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एक मसीह जीवन मतलब एक नया जीवन जो हमें इस दुनिया से परे एक नई दुनिया में ले जाने वाला है जिसमें हम बगैर नया जन्म लिए नहीं जा सकते हैं और एक मसीह जीवन की कहानी है जो एक फिल्म की तरह उत्पत्ति से शुरू होत

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विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! Part1.

25 अगस्त 2023
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जी हां मित्रों आज आप परमेश्वर का वचन कैसे सुनते हो क्योंकि आज वचन का सुनना हमारे मन के मुताबिक होता है यदि हमारे मन का वचन है तो हम सुनते हैं और नहीं है तो हम उसको हल्के में लेते हैं जब चर्च में कलीसि

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विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! पार्ट 2..

25 अगस्त 2023
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(प्रेरितो के काम 16:11-13)(प्रेरितो के काम 16:11-13) जी हां मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया जो लोग परमेश्वर का वचन ध्यान से सुनते हैं और संगति रखते हैं और परमेश्वर के सेवको का आदर करते हैं

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विषय- आप कैसे वचन सुनते हो .part 3

26 अगस्त 2023
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(प्रेरितो के काम 16:11-13) मित्रों कल मैंने आपको बताया कि हमें खुदा के खादिमों का आदर करना चाहिए क्योंकि खुदा के खादिम परमेश्वर की ओर से चुने हुए उसके सेवक होते हैं और जो कुछ वाह सिखाएं हमें बड़े ध्य

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विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! पार्ट -4

26 अगस्त 2023
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(प्रेरितो के काम 16:11-13) मित्रों कल मैंने आपको बताया कि हमें खुदा के खादिमों का आदर करना चाहिए क्योंकि खुदा के खादिम परमेश्वर की ओर से चुने हुए उसके सेवक होते हैं और जो कुछ वाह सिखाएं हमें बड़े

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13.प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है .।।

27 अगस्त 2023
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डॉ. सुश्रुत जो की एक बहुत ही प्रसिद्ध  प्लास्टिक सर्जरी और मोतियाबिंद स्पेशलिस्ट सर्जन थे , उन्हें एक बार किसी समारोह में भाग लेने के लिए किसी दूर शहर जाना था . उस समारोह में उन्हें उनकी नई मेडिकल

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विषय- आप कैसे वचन सुनते हो ! पार्ट -5.

26 अगस्त 2023
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मित्रों पिछले भागों में हमने देखा कि कैसे खुदा का वचन सुनने से और खुदा के खादिमों का आदर करने से और वह जो वचन सुनाते हैं उनको ध्यान से सुनने से परमेश्वर कैसे हमें आशीषित करता है यह हम कई उदाहरणों में

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14.विषय-आत्मिक युद्ध .

29 अगस्त 2023
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-प्रभु और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो ! -प्रभु और उसकी शक्ति के प्रभाव में बलवंत बनो !-परमेश्वर के सारे हथियार बांध लो कि तुम शैतान की युक्तियों के सामने खड़े रह सको!की युक्तियों के सामने खड़े

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विषय-आत्मिक युद्ध पार्ट... 2.

29 अगस्त 2023
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विषय-आत्मिक युद्ध पार्ट...3.

29 अगस्त 2023
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(इफिसियों 6:10-17) (प्रकाशितवाक्य 21:7 -8)  जो जय पाए वही इन वस्तुओं का वारिश होगा ! स्वर्ग और उसकी वस्तुओं के वारिस हम तभी होंगे जब हम एक जैवंत जीवन जीकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करेंगे!

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.विषय- क्या आप जल और आत्मा से जन्मे है.

30 अगस्त 2023
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मित्रों जब हम हवा की बात करते हैं तो हमारा पूरा का पूरा भूमंडल बहुत सी गैसों और हवा के आवरण से घिरा हुआ है जिसमें लगातार ऑक्सीजन कम होती जा रही है जिसकी वजह है प्रकृति से छेड़छाड़ आज मनुष्य जाति अपने

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विषय- अच्छी औषधि .*

30 अगस्त 2023
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अच्छी औषधि मतलब दवाई जो आपको चंगाई देती है बीमारी से परंतु एक औषधि और है जो आपको संपूर्ण मन में छुटकारा देती है संपूर्ण प्राण में छुटकारा देती है संपूर्ण आनंद देती है और वाह औषधि है परमेश्वर का वचन!

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20.विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं.

30 अगस्त 2023
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जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

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विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं .

30 अगस्त 2023
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जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

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21.विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं .

30 अगस्त 2023
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जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

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विषय- जो मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हैं. part 2.

30 अगस्त 2023
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जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो! जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु कहते हो!जब तुम मेरा कहना नहीं मानते तो क्यों मुझे हे प्रभु हे प्रभु

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विषय- कपड़े गंदे क्यों .*

30 अगस्त 2023
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 परमेश्वर कहता है और हम आपस में बातचीत करें  वह आपको बुला रहा है पर हम कहते हैं कि हमारे पास समय नहीं है डॉक्टर के पास बिमार को समय निकालकर जाना पड़ता है तभी इलाज होता है हमको भी परमेश्वर के प

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विषय- तिनका और लढ्ढा .*

30 अगस्त 2023
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(मत्ती 7:1-5) भैंस ने गाय से कहा तेरी पूंछ काली है परंतु गाय ने कहा तू पूरी काली है इंसान की बहुत बड़ी आदत बन चुकी है कि दूसरे की कमी निकालना जबकि उसको अपनी कमी कभी नहीं दिखती और पूरे संसार म

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विषय- सबसे बड़ी समस्या .

30 अगस्त 2023
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एक भाई ने मुझसे कहा मेरी पांच समस्या इस साल में हल होना चाहिए इसके लिए प्रार्थना करो मैंने कहा मैं जरूर प्रार्थना करूंगा और आपकी यह 5 समस्या हल भी हो जाएंगे वाह भाई बहुत खुश हो गया उसके बाद मैंने

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विषय- सुखी परिवार.*

30 अगस्त 2023
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मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते ! मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते !मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते ! (यूहन्ना 15:5)  जी हां मित्रो एक परिवार तभी सुखी रह सकता है जब वह परमेश

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विषय- उजियाला बुझ ना जाए.*

30 अगस्त 2023
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यीशु ने कहा दिया जलाकर पैमाने के नीचे मत रखो पैमाने का अर्थ माप तोल कर बर्तन जिससे हम लेनदेन करते हैं मसीह जीवन में अगर आप ज्योति में रहना चाहते तो आज ही आप लेन-देन में पवित्र बने वरन आपका दिया बुझ

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विषय- मन में मूरत .*

30 अगस्त 2023
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जी हां मित्रों मूरत वाह नहीं जो मिट्टी की बनी है लेकिन मूरत वाह है जो आपके मन में बसी है मिट्टी की मूरत तो तो हम तोड़ सकते हैं हटा सकते हैं पर मन की मूरत को तोड़ना और हटाना इतना आसान नहीं क्

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विषय- धोखा *. मैं धर्मी हूं .

30 अगस्त 2023
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यदि कोई अपने आप को भक्त समझे और अपनी जीभ पर लगाम ना दे पर अपने हृदय को धोखा दे तो उसकी भक्ति व्यर्थ है! (याकूब 1:26) जी हां मित्रों आज ज्यादातर  विश्वासियों  में यह सबसे बड़ा धोखा है कि मैं धर्म

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विषय -पहले आप .

3 सितम्बर 2023
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हमारे हिंदुस्तान की रीति है पहले आप से शुरूआत की जाती है किसी भी काम को जो हम करते हैं तो पहले आप के द्वारा संबोधन से करते हैं और यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि यह शब्द हमारी ओर से नहीं परंतु परमेश्वर

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विषय- धोखा मुझ में पाप नहीं.

9 सितम्बर 2023
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हे प्रिय भाइयों धोखा ना खाओ!       (याकूब 1:16) एक व्यक्ति पेढें बेचा करता था रोज दोपहर से शाम तक चिल्लाता मथुरा के पेढें ले लो मथुरा के पेढें ले लो एक व्यक्ति ने उससे पूछा अरे भैया आप सुबह शाम

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विषय- छोटी लोमड़ियां 1.

9 सितम्बर 2023
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जो छोटी लोमड़िया दाख की बारीयों को बिगाड़ती है उन्हें पकड़ ले! ( श्रेष्ठ गीत 2:15) मित्रों लोमड़ी पाप को बताती हैं छोटी लोमड़ी का मतलब है छोटे पाप आज हमने बड़े-बड़े पाप पकड़ लिए हैं जैसे शराब, सि

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विषय- चमत्कार के बाद आपका जीवन .

9 सितम्बर 2023
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वह उन नगरों को उलाहना देने लगा जिनमें उसने बहुतेरे समर्थ के काम किए थे क्योंकि उन्होंने अपना मन नहीं फिराया था ! (मत्ती 11:20) यीशु जब इस दुनिया में था बड़े बड़े चमत्कार किए मुर्दों को भी जिला

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विषय- विश्वास या कर्म *

9 सितम्बर 2023
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तू अपना विश्वास मुझे कर्म  बिना तो दिखा और मैं अपना विश्वास कर्म के द्वारा तुझे दिखाऊंगा!तू अपना विश्वास मुझे कर्म  बिना तो दिखा और मैं अपना विश्वास कर्म के द्वारा तुझे दिखाऊंगा! (याकूब 2:18) आज ए

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विषय- क्या आप बांझपन के शिकार हैं *

9 सितम्बर 2023
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जी हां मित्रों बांझपन  एक ऐसा शब्द है जिसका मतलब है पुर्नवर्ती ना होना यह किसी चीज का निर्माण ना कर पाना बांझपन  दो प्रकार का होता है एक शारीरिक और एक आत्मिक शारीरिक बांझपन को ज्यादातर स्त्रियों के

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विषय- गंभीर बात बाद में *

9 सितम्बर 2023
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एक राजा था उसके दोस्त को पता चला कि कोई उसका खून करने वाला है उसने उसको पत्र लिखा कि तो कोई तुझे जान से मारने  आने वाला है इसलिए सावधान रहें और अपनी जान बचा इस खत को लेकर एक आदमी राजा के पास आया खत के

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विषय -पहले आप .

12 सितम्बर 2023
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हमारे हिंदुस्तान की रीति है पहले आप से शुरूआत की जाती है किसी भी काम को जो हम करते हैं तो पहले आप के द्वारा संबोधन से करते हैं और यह बहुत अच्छी बात है क्योंकि यह शब्द हमारी ओर से नहीं परंतु परमेश्वर

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विषय - सेवकाई सीजन 2.2

12 सितम्बर 2023
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एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि आज हर एक विश्वासी प्रभु की सेवा करना चाहता है परंतु वह अच्छा सेवक नहीं बनना चाहता आज लोग पास्टर तो बनना चाहते हैं लेकिन सेवक नहीं बनना चाहते और एक अच्छा सेवक ही अच

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विषय- सेवकाई 2.2.*2

12 सितम्बर 2023
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मित्रों एक बड़ी और समर्थी प्रभु की मिनिस्ट्री करने के लिए हमें सबसे पहले एक अच्छा चेला बनने की जरूरत है जिसके अंदर ईमानदारी पवित्रता अनुशासन और आज्ञाकारिता हो क्योंकि आप पूरी बाइबल में उठा कर देख लो

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विषय- सेवकाई 2.2*3

12 सितम्बर 2023
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पिछले  भागों में मैंने आपको बताया कि कैसे परमेश्वर सेवकाई के लिए लोगों को चुनता है और इस्तेमाल करता है और कैसे लोग खुद अपने मन से परमेश्वर की सेवा को चुनते हैं और अपने जीवन को बर्बाद करते हैं! पिछले

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क्या हम आजाद हैं.??

12 सितम्बर 2023
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आज हम 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं आजादी का जश्न मना रहे हैं लेकिन क्या हम सचमुच आज हम आजाद हैं आजादी तीनं प्रकार की होती है  भौतिक शारीरिक और मानसिक हम भौतिक रूप से शारीरिक रूप से इस दुनिया म

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विषय- सेवकाई 2.2.4

13 सितम्बर 2023
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मित्रों पिछले भाग में मैंने आपको बताया यीशु मसीह जो परमेश्वर का एकलौता पुत्र था पुत्र होने के बावजूद भी वह स्वर्ग में एक सेवक की तरह रहता था और राजा बनने से पहले यीशु मसीह एक सेवक के रूप में परमेश्वर

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विषय- कपटी (मक्कार)

13 सितम्बर 2023
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 हे कपटी शास्त्री और फरीसियों तुम पर हाय तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिए सारे जल और थल में फिरते हो और जब वह मत में आ जाता है तो उसे अपने से दूर ना नारकिय बना देते हो!  हे कपटी शास्त्री और फरी

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विषय- मसीह में हमारा आत्मिक जीवन व चाल चलन*.

13 सितम्बर 2023
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इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भारतीय स्थित इच्छा को मालूम करते रहो ! इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के

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विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन 2.

13 सितम्बर 2023
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इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भारतीय स्थित इच्छा को मालूम करते रहो ! (रोमियो 12:2) जी हां मित्रों यीशु मसीह ने

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विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन .3.

13 सितम्बर 2023
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इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो ! (रोमियो 12:2) जी हां मित्रों यीशु मसीह न

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विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन .4

13 सितम्बर 2023
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इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो ! (रोमियो 12:2) (इफिसियों 5:9-13) मित्रों अब हम जब

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विषय- मसीह में हमारा आत्मिक चाल चलन 5 *

13 सितम्बर 2023
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इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जाने से तुम्हारा चाल चलन बदलता जाए जिससे तुम परमेश्वर के भली और भवती इच्छा को मालूम करते रहो ! इस संसार की तरह ना बनो परंतु तुम्हारे मन के नए हो जा

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विषय- सेवकाई 2.2.5

16 सितम्बर 2023
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मित्रों सेवकाई के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है वह होती है अभिषेक और पवित्र आत्मा की सामर्थ जो हमें खुदा के अभिषिक्त खादिमों की संगति करने से मिलता है उनकी सेवा टहल करने से मिलता है! मित्रों स

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विषय- न्याय के दिन आपका प्रतिफल क्या होगा?

19 सितम्बर 2023
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मित्रों प्रत्येक जन चाहे वह विश्वासी हो या अविश्वासी जब भी वह कोई काम करता है तो उस काम के बदले प्रतिफल की इच्छा रखता है कि हम जो कर रहे हैं उसका फल हमको क्या मिलेगा इसी तरह हर एक विश्वासी व्यक्ति ज

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