"जय गणेश, जय हो गणपति की, मंगलमूर्ति, सुजान, प्रथम पूज्य सारे देवों में, श्री गणेश भगवान, एकदंत हैं, दयावंत प्रभु, शिव-गौरी के लाल, विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, सबका सदा करें कल्याण, पूजा करे जो गणना
मैया तेरे नव-रूपों में, मां का रूप समाया।इसीलिए तेरे दर्शन को, तेरे दर पर आया।।मिले आशीष भवानी!कृपा करना महारानी!!...जगह जगह है अनाचार, खल ने मर्यादा खोई।अधमों के चंगुल में अबला, निस्सहाय सम रोई।।हरो
शक्ति की भक्ति में,डूबा हर व्यक्ति है,माँ की आराधना को,"दीप" आई नवरात्रि है।बिना उसकी मर्जी से,हिलती नहीं पत्ती है,दुनियाँ को चलाने वाली,वो ऐसी आदि शक्ति है।देवी की भक्ति से,मिलती नव शक्ति है,फूल और प
ओ मोहना....मन मोहना।यमुना के तीरे बंसी बजाएँ।श्याम तेरी मुरलियाँ मन को लुभाए।प्यारे नटवर तू माखन चुराये।गैया चराये तू ब्रज का कन्हैया।तू बांका छबीला, यशोदा तेरी मैया।।नटवर.. नटखट राधा के मोहन।छटा निरा
मां सरस्वती वंदना हे मां सरस्वती, हंसवहिनी कृपा करो, अपने ज्ञान ज्ञोत से जगत का अंधकार हरो, बुद्धि विद्या प्रदान करो हे मां शास्त्ररुपिणी, जन-जन को ऊर्जावान करो मां सुवासिनी, द्वेष,क्रोध,ल
ढांढस बन्हाई के जोहाई समुझाई के त शक्ति के भान उ करउलैं जमवंता । साहस न बाटे केहू तोहरा के रोके टोके छेके डाँड़ डहरी हो चाहे भगवंता । सिया सुधि लेहि आवा देरी ना लगावा त ले सगरे प पुल दु बनइहें अभियं
हे त्रिकालदर्शी शमशान वासी तुम्हे नमन, हे शंभू शूल पाणि उठो सर्वेश्वर शिखर चन्द्र सजाओ विष्णुप्रिय अब रूप बदल आयो जल स्नान करो हे भस्म रमैया थोड़ा श्रृंगार करो हे भुजंग सजैया छवि देख ना डरे मेरी मई
कर्म रूप को साध में रख कर, कर्मभूमि में निहित मेरे हनुमान जी! ऐश्वर्
जय माता दी 🙏
सभी लोगो नवरात्रि की शुभकामना।
माता रानी करे प
कावेरी हर साल की तरह इस साल भी माता की पूजा का स्थापना ब
गिरिधारी नटवर नागर, मोर मुकुट मोहे भाया।
सूरत मैं तेरी
*इस संसार में जन्म लेने के बाद प्रत्येक मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए , या किसी भी प्रकार की सफलता प्राप्त करने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करता है और उसी लक्ष्य पर दिन रात चिन्तन करते हुए कर्म करता है तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करता है | कोई भी लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*।।श्रीमते रामानुजाय नमः।।**श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् का जन्म*-------------------------------------------------------श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् कूरत्तालवान् (कूरेश स्वामी) और माता आण्डाल के सुपुत्र हैं । श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् (दोनों भाई)
हम पर भारी पड़ा फादर्स डे डॉ शोभा भारद्वाज 21 जून को पितृ दिवस दिन रविवार था | बेटी परिवार सहित सिंगापुर में रहती यहीं उच्चपद का आसीन है अक्सर वह व्यस्त रहती है लेकिन में लाक डाउन घर से काम करती है लेकिन इतवार के दिन वह अखबार पढ़ती है सिंगापुर में चीन से निकलने वाला दि ग्लोबल टाईम्स का इंग्लि
संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं Ke Ghar Kab Aaoge - Sandese Aate Hain LyricsSndese ate hain hamen tadpaate hainJo chitthhi ati hai wo puchhe jaati haiKe ghar kab aoge likho kab aogeKe tum bin ye ghar suna suna haiKisi dilawaali ne, kisi matawaali neHamen khat likha ha
ऐ मां मेरी यादों को दिल में बसा लेना| अब जाता है लड़ने को, ये देश भक्त दीवाना| विजय पाकर के ही आए, बस इतनी दुआ देना| ऐ मां मेरी यादों को दिल में बसा लेना| है दिल में मां मेरे, सरहद क
हे शिव शंभू, आपकी महिमा अपरम्पार हैहमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैंआपकी जटा से तो गंगा बहती हैआप जैसा वर मिले, यह हर लड़की कहती हैआपसे मिलने बद्रीनाथ, सभी तैयार हैंहमारे तो हैं दो हाथ, आपके हज़ार हैंआपके गले उतरने से ज़हर भी रुक जाता हैअपके सामने आकर पूरा संसार झुक जाता हैभक्तों के कष्ट दूर करने