🌷🌷🌷🌷जय श्री राम 🌷🌷🌷🌷
🌷🌹"सिमरन रब्बी मनोवृत्ति है"🌹🌷 श्रीरामचरितमान
एक हाथी था। वह मर गया तो धर्मराजके यहाँ पहुँचा। धर्मराजने उससे पूछा-'
जय गणपति, जय गौरीनंदन, स्वीकारो, मेरा चरण वंदन। हे एक दन्त, माथे मुकुट कुंदन, सुनो व्यथा, करता मैं क्रंदन। रक्षा करो, करो दुखों का मर्दन, हाथ जोड़, करता अभिनन्दन। जय गणपति, जय शिवनंदन, स्व
जप में कृष्ण, तप में कृष्ण,कृष्ण हैं मन कर्म वचन में
कृष्ण नाम का कुसुम खिला राधा के मन
कबीर से तुलसी तक जिनके आराध्य राम है। कबीर का जन्म और पालन पोषण किन परि
भविष्य पुराण प्रथम भाग मध्यमपर्व में एक अध्याय आता है जिसका शीर्षक है --- ब्राह्मणों की महिमा तथा