राधे राधे जय श्री कृष्णा🌷🌷🌷🌷
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया
सब दुःख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
पुष्प की अभिलाषा है कि
उसे अपराधी, हिंसक, अन्यायी, भ्रष्ट
अहोई अष्टमी “ध्रियते लोकोऽनेन, वा धारयतीति धर्मः |” श्रावण मास स
जगन्नाथ पुरी का मंदिर पूरे विश्व में चर्चित है, हमारे चार धामों में ए
भगवान बुद्ध और विषधर नाग
बातें जब ज्ञान या ध्यान की हों, अध्यात्म या दर्शन की हों, धर्म या पौराणिकता की हों, जीवन-मृत्यु य
नास्तिक कौन है?
क्यों लौटता है तू हारकर
स्वशक्ति का अपमान कर
इस नैराश्य का नाश कर
स्वशक्ति का उद्गा
पराए वक्त की थाती में सांस ढोता शरीर नींद ले रहा था, तभी मस्तिष्क पर कुछ दस्तक हुई और हड़बड़ा कर
जीवन एक साबुन का बुलबुला है,
सुंदर, मनभावन,रंगीन।
तभी तक ,जब