आद्यात्मिक होना बड़ा सरल हे .धार्मिक नही आद्यात्मिक होना .धर्म ,बिना वजह के क्लेश कराता हे .
आद्यात्मिक होना कोई मुश्किल काम नही है .धार्मिक नही आद्यात्मिक .धर्म बिना समझे ,सिर्फ लड़ाई कराता
मैने हरदम अपनी रचना में शाम को ही शाम लिक्खा
दूर बसे दिल में नजदीक दिखाय सुपंथ मिटा अंधियारी। दीजिए ज्ञान विज्ञान विशेष यही
शीर्षक - गुरु तुमसा गुरु बन तुम आए प्रभु इस संसार में,
उपहार जीने का दिया गीता
फख़त मेरा बस एक चांद से वास्ता था....
वो रा
पहाड़ों पर बसा मनाली की सुंदरता हर किसी को अपनी ओर खींच लेता ह
पजूसन पर्व आज भाद्रपद कृष्ण द्वादशी – एक ओर प्रदोष व्रत और दूसरी ओर श्वेताम्बर
विचार जो हमारे मन मस्तिष्क में उपजते है तथा हर पल हर क्षण परिवर्तित ह
तन मन की सुधा मिटा दे सबके स्वामी
मोह से नाता
राधे कृष्ण की सुंदर छवि, जो मैंने मन में बसाई है, कैसे तुमको मैं बतलाऊं, क्या मेरे मन मे स
विघ्नहर्ता मंगलकर्ता, करते सबके दूर क्लेश, जो भी लेकर नाम प्रभु का, करता श्री गणेश ।