पीठ की समस्या आज के समय में बेहद आम है। पहले जहां सिर्फ बढ़ती उम्र में ही लोग कमरदर्द से जूझते थे, वहीं आज के समय में युवाओं को भी इस दर्द से दो-चार होना पड़ता है। आमतौर पर लोग इसे नजरअंदाज करते हैं, जिससे स्थिति और भी अधिक बिगड़ जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे आपकी कुछ छोटी-छोटी गलतियां जिम्मेदार होती हैं। अगर उन पर ध्यान दिया जाए तो बिना दवाईयों के सेवन से भी कमर दर्द से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है-
गलत पाॅश्चर
कमरदर्द का एक सबसे आम कारण है गलत पाॅश्चर। जब लोग गलत तरीके से बैठते, लेटते या चलते हैं तो इससे उनकी कमर पर विपरीत असर पड़ता है। दरअसल, गलत पोश्चर के दौरान शरीर का रक्त संचार प्रभावित होता है जिससे कमर और कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है।
भारी सामान उठाना
अक्सर हम देखते हैं कि सिर्फ आॅफिस में बैठने वाले ही नहीं, बल्कि जिन लोगों का काम ज्यादातर बाहर का होता है, उन्हें भी कमर में काफी दर्द होता है। इसके पीछे का कारण है घंटों भारी बैग लटकाकर घूमना। इससे आपकी बॉडी खासकर स्पाइन का बैलेंस खराब होता है। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपके बैग का कुल वजन आपके शरीर के वजन का 10 फीसदी से ज्यादा बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
घंटों बैठना
अगर आपकी डेस्क जाॅब है तो खुद को हेल्दी बनाए रखने और कमरदर्द से दूरी बनाए रखने के लिए एक-दो घंटे में अपनी सीट से उठकर इधर-उधर घूमें। ऑफिस में लगातार बैठना कमर के लिए काफी खतरनाक है। दरअसल, जब आप लगातार बैठे रहते हैं तो स्पाइन पर अधिक दबाव पड़ता है। इसी तरह जो लोग घंटों एक जगह बैठकर टीवी देखते हैं, उन्हें भी कमरदर्द की परेशानी अधिक होती है।
सोने का तरीका
बेहतर नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है, लेकिन सोने का तरीका स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करता है। अगर हर सुबह उठते ही आपको कमर में दर्द होता है तो अपने सोने के तरीके पर ध्यान दें। साथ ही सोने के लिए बेहद नर्म गद्दे का प्रयोग न करें। इससे कमरदर्द की शिकायत बढ़ सकती है। कोशिश करें कि गद्दा थोड़ा कठोर हो, जो पीठ और कमर के लिए सहयोगी हो। वहीं अगर आपका मैट्रेस 10 साल से ज्यादा पुराना है तो उसे बदल दें। ऐसे मैट्रेस से आपकी कमर को सपोर्ट नहीं मिलता और कमरदर्द की परेशानी शुरू हो जाती है।
एक ही गतिविधि
आमतौर पर लोग प्रतिदिन एक ही काम को कई घंटों तक लगातार करते हैं, जिसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द हो सकता है। मसलन, अगर आप आॅफिस या फैक्ट्री में एक ही काम को बार-बार करते हैं तो इससे उन्हें कमरदर्द अधिक होता है। इसलिए आप चाहे जो भी काम करते हों, उसमें नियमित अंतराल पर ब्रेक अवश्य लें।
बढ़ता मोटापा
आपको शायद पता न हो लेकिन आपका आहार भी कमरदर्द की एक मुख्य वजह बन सकता है। जब आप जंक फूड व बाहर का खाना खाते हैं तो इससे वजन बढ़ने लगता है, जिसका सीधा असर कमर पर होता है। दरअसल, वसा का अत्यधिक जमाव कई बार आपकी मांसपेशियों में दर्द पैदा करने का काम करता है, जो लगातार बना रहता है। इतना ही नहीं, वजन ज्यादा होने पर ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। इसलिए वजन को संतुलित रखने का प्रयास करें। इससे आप कमरदर्द के साथ-साथ अन्य कई तरह की परेशानियों से आसानी से बच जाएंगे।
फुटवियर का चुनाव
गलत फुटवियर सिर्फ पैर को ही परेशानी नहीं देता, बल्कि इसके चलते कमर में दर्द की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। हमेशा किसी अच्छी कंपनी का कंफर्टेबल फुटवियर ही चुनें। साथ ही फुटवियर का चुनाव करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि आप न तो हाई हील्स पहनें और न ही बिल्कुल फ्लैट पहनें। पीछे से सपोर्ट वाले सैंडल्स पहनना बेहतर है क्योंकि इससे पैर का बैलेंस बना रहता है।
व्यायाम और कमरदर्द
व्यायाम और कमर में दर्द का आपस में गहरा नाता है। जो लोग बिल्कुल भी व्यायाम नहीं करते, उनका वजन तो बढ़ता है ही, साथ ही शरीर की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं, जिससे कमरदर्द की परेशानी शुरू होती है। इतना ही नहीं, व्यायाम न करने से हड्डियों को भी नुकसान होता है और कमजोर हड्डियां आस्टियोपोरोसिस व कमरदर्द का कारण बनती हैं। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत डालें। इसके अतिरिक्त बहुत अधिक व्यायाम करना या फिर व्यायाम करते समय पाॅश्चर का ध्यान न रखने से भी कमर में तीव्र दर्द होता है।
अत्यधिक तनाव
स्ट्रेस मेंटल हेल्थ के साथ-साथ शरीर के लिए भी उचित नहीं माना जाता। तनाव कई तरह की परेशानियों की वजह बनता है। इन्हीं मंे से एक है कमरदर्द। इसलिए जितना हो सके, खुद को रिलैक्स रखने की कोशिश करें। खुद को तनावमुक्त रखने के लिए आप अपनी पसंद का कोई भी काम कर सकते हैं जैसे गाने सुनना, मेडिटेशन करना आदि।
धूम्रपान करना
धूम्रपान करने से जहां एक ओर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, वहीं दूसरी ओर इसके चलते कमरदर्द भी होने लगता है। दरसअल, स्मोकिंग के कारण पीठ के टिशू डैमेज हो जाते है।
ड्राइविंग के दौरान
ड्राइविंग के दौरान कमरदर्द की शिकायत बेहद आम मानी गई है। अधिकतर समस्याएं इसलिए पैदा होती हैं क्योंकि आप कार की सीट के साथ सही तरीके से एडजस्ट नहीं करतें या अपना सिर आगे की ओर अधिक रखते हैं। इसलिए ड्राइविंग के दौरान सही तरह से बैठें।
सूरज से दूरी
यह सही है कि सूरज की हानिकारक किरणें स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं, जिसके कारण लोग सूरज की रोशनी से दूरी बनाना पसंद करते हैं। लेकिन सूरज की रोशनी के कम संपर्क में आने से भी कई समस्याएं पैदा होती है। कमरदर्द की समस्या उनमें से एक है। दरअसल, सूरज की रोशनी न लेने से शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। पीठ दर्द को कम करने के लिए विटामिन डी की मात्रा का अधिक सेवन करना वास्तव में बहुत सहायक होता है। इतना ही नहीं, विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में कैल्शियम का अब्जार्बशन नहीं होता और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। जिससे कमर दर्द के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों में भी दर्द होता है।