
बहुत से लोगों को सोते समय खर्राटे लेने की आदत होती है, उन्हें भले ही इस बात का पता न चले लेकिन उनकी इस आदत के कारण आसपास सोने वाले लोगों को काफी तकलीफ होती है। यहां तक कि अन्य लोगों के लिए ठीक तरह से सो पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। अमूमन देखने में आता है कि जिन लोगों को सोते समय खर्राटे लेने की आदत होती है, वह दवाईयों का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अतिरिक्त भी कुछ उपायों के जरिए आप बेहद आसानी से खराटों की समस्या से निजात पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
सोने का तरीका
यूं तो पीठ के बल सोना सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन जिन लोगों को नींद में खर्राटे लेने की आदत है, उनके लिए सोने का यह तरीका उचित नहीं माना जाता। दरअसल, इस पोजिशन में आपके गले और जीभ पर ज्यादा दबाव बनता है और खर्राटे आने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए ऐसे लोगों को करवट लेकर ही सोना चाहिए। इसके अतिरिक्त सोते समय अपने शरीर को पूरी तरह रिलैक्स करें। ध्यान दें कि आपके शरीर के किसी भी अंग पर जोर न पड़े। वहीं सोते समय सिर को थोड़ा उंचा करके सोएं। इससे भी व्यक्ति को खर्राटे काफी कम आते हैं।
नाक की सफाई
खर्राटे आने का एक मुख्य कारण नाक में सूजन या नाक की ठीक तरह से सफाई न होना भी होता है। इसलिए जिन लोगों को खर्राटों की समस्या है, उन्हें नाक की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
हल्दी आएगी काम
हल्दी के गुणों से तो हर कोई वाकिफ है। कई तरह की समस्याएं होने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है, वैसे यह खर्राटों की समस्या को भी दूर करती है। दरअसल, हल्दी के एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक गुण के कारण नासा-द्वार साफ हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में आसानी होती है और उससे खर्राटे नहीं आते। इसलिए रोज रात को सोने से पहले दूध में हल्दी पकाकर पीएं।
पुदीने का तेल
पुदीने का तेल खर्राटों की समस्या को खत्म करता है। जब आप इसका प्रयोग करते हैं तो उससे नाक के पैसेज खुलते हैं और गले के मोटे टीशूज भी सिकुड़ते हैं। जिससे व्यक्ति को आराम मिलता है। इसके इस्तेमाल के लिए तेल की दो से तीन बूंदें हाथ में लेकर या रुमाल में रखकर रोजाना सूंघें। अगर आप चाहें तो पुदीने का तेल डालकर स्टीम भी ले सकते हैं। वैसे पुदीने के तेल के स्थान पर नीलगिरी के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्वसन तंत्र को बेहतर बनाए लहसुन
लहसुन के इस्तेमाल का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे ब्लाॅकेज साफ होते हैं और श्वसन-तंत्र बेहतर होता है। कुछ लोगों को साइनस के कारण भी खर्राटों की समस्या होती है। लहसुन साइनस की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। इसमें हीलिंग क्वालिटी होती है।
इलायची का इस्तेमाल
आपको शायद पता न हो लेकिन इलायची सिर्फ मुंह की बदबू को ही दूर नहीं करती, बल्कि खर्राटों की समस्या को भी दूर करती है। इसके इस्तेमाल से सांस लेने की प्रक्रिया आसान होती है। जिससे व्यक्ति को खर्राटों से आराम मिलता है। इसके इस्तेमाल के लिए सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीएं। आपको यकीनन लाभ होगा।
पर्याप्त हो विटामिन सी
अपनी डाइट में विटामिन सी युक्त आहार को प्राथमिकता दें। वैसे आप चाहें तो विटामिन सी टैबलेट का भी इस्तेमाल कर सकते है। इससे प्रतिरक्षा तंत्र तो बेहतर होता है ही, साथ ही साइनस भी साफ होता है। जिससे व्यक्ति को खर्राटों से आराम मिलता है। वैसे गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करा रही महिलाओं को विटामिन सी टैबलेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पानी की कमी
पानी की कमी व्यक्ति के शरीर में कई तरह की परेशानियां खड़ी करते हैं। खर्राटे आना भी इन्हीं समस्याओं में से एक है। जब शरीर में पानी की कमी होती है तो नाक के रास्ते की नमी सूख जाती है। ऐसे में साइनस हवा की गति को श्वास तंत्र में पहुंचने के बीच में सहयोग नहीं कर पाता और सांस लेना कठिन हो जाता है। ऐसे में खर्राटे की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। इसलिए खुद को स्वस्थ रखने के लिए पूरा दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
इन बातों पर भी दें ध्यान
इन घरेलू उपायों के अतिरिक्त कुछ बातों पर ध्यान देकर भी खर्राटों की समस्या से निजात पाई जा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि आप खर्राटे आने के कारणों पर प्रहार करें। मसलन, मोटापा भी खर्राटों का कारण बनता है। दरअसल, जब गले के आप-पास अधिक वसा युक्त कोशिकाएं जमा होती हैं तो इससे गले में सिकुड़न होती है और खर्राटे की ध्वनि निकलती है।
वहीं जहां तक संभव हो, धूम्रपान से बचने की कोशिश करें। धूम्रपान करने से वायुमार्ग की झिल्ली में परेशानी होती है और नाक और गले में हवा सही तरह से पास नहीं होती। जिससे व्यक्ति को खर्राटे आते हैं।
खर्राटों को कम करने के लिए गले की मांसपेशियों की एक्सरसाइज करना भी एक अच्छा विचार है।
डाइट से नमक कम करने की कोशिश करें। इससे गले की भीतरी सूजन को कम करने में मदद मिलती है जिससे खर्राटे को रोकना आसान हो जाता है।