शहद एक ऐसी चीज है, जिसका प्रयोग किचन से लेकर काॅस्मेटिक्स तक किया जाता है। कुछ लोग तो सुबह की शुरूआत ही नींबू व शहद के पानी से करते हैं। वहीं स्किन को बेहतर बनाने के लिए भी शहद का प्रयोग किया जाता है। शहद के गुणों के बारे में जितना भी कहा जाए, कम ही है। यह एक प्राकृतिक और सेहत के लिए लाभकारी स्वीटनर है, तभी तो चीनी के स्थान पर शहद का प्रयोग करने पर जोर दिया जाता है। प्राकृतिक शर्करा का एक समृद्ध स्रोत, शहद में एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके शक्तिशाली जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण को दूर रखने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें कई तरह के अन्य पोषक तत्व जैसे राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी 12 और सी, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। वैसे तो शहद सेहत के लिए लाभकारी है ही, साथ ही कई बीमारियों में भी यह रामबाण की तरह काम करता है। तो चलिए जानते हैं कि शहद की मदद से किन बीमारियों को दें मात-
भरे घाव
रोजमर्रा के जीवन में काम करते समय व्यक्ति को कई तरह के घाव या कट लग जाते हैं। जिसके इलाज के लिए आपको डाॅक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। बस आप शहद की मदद से इसका उपचार कर सकते हैं। बस आप शहद की एक लेयर को प्रभावित स्थान के उपर लगाएं और एक पट्टी के साथ कवर करें। आवश्यकतानुसार इसे दिन में कई बार बदलें। या फिर आप शहद और हल्दी को बराबर मात्रा में मिलाकर घाव पर दिन में दो-तीन बार लगाएं और करीबन आधे घंटे बाद इसे साफ कर लें। दरअसल, शहद एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है और इसमें कई रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो घावों को निष्फल कर सकते हैं और जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें एक एंजाइम है जो हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उत्पादन करता है, जो शहद को घाव-चिकित्सा योग्य बनाता है।
जल जाए स्किन
कई बार काम करते हुए सामान्य रूप से हाथ-पैर जल जाते हैं, जिसके बाद काफी जलन होती है। इस स्थिति में प्रभावित स्थान को तुरंत ठंडे पानी से धोना चाहिए। उसके बाद उस स्थान पर आराम से शहद लगाएं और पट्टी लगाएं। कच्चा शहद त्वचा को सूदिंग इफेक्ट देता है, और इसके प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुण प्रभावी रूप से संक्रमण को रोकते हैं।
खांसी का इलाज
गले में खराश या खांसी होने पर जरूरी नहीं है कि आप डाॅक्टर के पास ही जाएं या फिर दवा का सेवन करें। शहद आपके घर का डाॅक्टर है। बस आप एक चम्मच शहद का सेवन करें। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स भी एक प्राकृतिक खांसी के उपाय के रूप में शहद की सलाह देते हैं। शहद एक कफ सप्रेसेंट का काम करता है। यह बलगम को साफ करने और आपके गले को शांत करने में भी मदद करता है।
याद्दाश्त में सुधार
जो लोग अक्सर अपनी चीजें भूल जाते हैं या फिर उन्हें चीजों को याद रखने में परेशानी होती है, उन्हें शहद का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह प्राकृतिक स्वीटनर अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्मृति दोनों में सुधार कर सकता है। अपनी याददाश्त को तेज करने के लिए बस आप नाश्ते से आधा घंटा पहले या फिर सोने से पूर्व एक से दो चम्मच शहद का सेवन करें।
दूर करे पाचन समस्याएं
आज के समय में व्यक्ति का लाइफस्टाइल जिस प्रकार का है, उसका सबसे बुरा प्रभाव उनके पाचनतंत्र पर पड़ता है। हर व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की पाचन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन शहद समग्र पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा है। चाहे आपके पास गैस, अपच, एसिड भाटा या दस्त हो, शहद आपको असुविधाओं से बचा सकता है। शहद विषाक्त पदार्थों को समाप्त करके बृहदान्त्र को साफ करने में सहायता करता है। यह बृहदान्त्र में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे पाचन बेहतर होता है। यह बदले में सूजन, गैस और एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद करता है। पेट दर्द को शांत करने और गैस और सूजन को रोकने के लिए खाली पेट 1 से 2 चम्मच शहद लें।
इसका रखें ध्यान
वैसे तो शहद को सेहत के लिए वरदान माना गया है लेकिन कच्चा शहद हानिकारक बैक्टीरिया ले सकता है जो बोटुलिज्म का कारण बन सकता है, जो विशेष रूप से शिशुओं के लिए खतरनाक है। आपको 1 साल से कम उम्र के बच्चों को कच्चा शहद कभी नहीं खिलाना चाहिए। वहीं अगर व्यस्क व्यक्ति को शहद का सेवन करने के बाद मतली, उल्टी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें तो एक बार डाॅक्टर से परामर्श अवश्य लें।