
पिछले कुछ समय से योग के महत्व को पूरी दुनिया ने माना है और यही कारण है कि आज के समय में लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवाईयों से अधिक योगाभ्यास करना ज्यादा उचित समझते हैं। वैसे तो योग में कई तरह के योगासनों को शामिल किया गया है, लेकिन कपालभांति एक ऐसा प्रणायाम है, जिसे करने में न तो ज्यादा समय लगता है और अगर महज दस मिनट भी प्रतिदिन कपालभांति का अभ्यास किया जाए तो इससे मोटापे से लेकर तनाव आदि सभी तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कपालभांति करने के तरीके और इससे होने वाले लाभों के बारे में-
ऐसे करें कपालभांति
कपालभाति दो शब्दों कपाल और भाति से मिलकर बना हुआ है। जहां कपाल का मतलब माथा या सिर और भाति का मतलब प्रकाश या चमक से है। यह ऐसा प्राणायाम है जिसमें व्यक्ति को सांस खींचने और सांस को छोड़ने की प्रक्रिया के बीच समन्वय बिठाना पड़ता है। कपालभांति का अभ्यास करने के लिए आप सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन या ध्यान मुद्रा मंे बैठें। अब शरीर को ढीला छोडे़ं और सांसों को बाहर की तरफ छोडे़। इस अवस्था में आपका पेट अंदर की तरफ जाएगा। ध्यान रखें कि कपालभांति में सांस को अंदर नहीं खींचा जाता, बस बाहर की ओर धकेला जाता है। आप इस अभ्यास को लगातार 30 से चालीस बार करने की कोशिश करें। इसके बाद धीरे-धीरे इसकी गिनती व समय बढ़ाएं। हालांकि यह आसन सभी उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको श्वसन संबंधी कोई समस्या है तो इस आसन को करने से पूर्व एक बार चिकित्सक की सलाह अवश्य लें और किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही योगासन व प्रणायाम का अभ्यास करंे।
कम करे वजन
जो लोग अपने बढ़ते वजन के कारण परेशान है और जिम आदि में समय, पैसा व पसीना नहीं बहाना चाहते, उन्हे नियमित रूप से कपालभांति का अभ्यास करना चाहिए। जब आप इस प्रणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करते हैं तो इससे न सिर्फ आपका मेटाबाॅलिज्म बेहतर होता है, बल्कि पाचन क्रिया भी अच्छी तरह से काम करने लगती है, जिससे वजन कम करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती। साथ ही इसके अभ्यास से काफी कैलोरी बर्न होती हैं। महज एक माह में ही आपको अंतर नजर आने लगता है। हालांकि यह बेहद जरूरी है कि आप कपालभांति करते हुए अपने खानपान पर भी संयम बरतें।
मजबूत पाचनतंत्र
जैसा कि पहले भी बताया है कि कपालभांति का अभ्यास करने से पाचनतंत्र बेहतर तरीके से काम करने लगता है। अगर किसी व्यक्ति को अपच, कब्ज, गैस या एसिडिटी की शिकायत अक्सर रहती है, उसे इस प्रणायाम का अभ्यास अवश्य ही करना चाहिए। इसके अतिरिक्त मधुमेह पीड़ित रोगियों के लिए भी इसे एक लाभदायी प्रणायाम माना गया है।
श्वास संबंधी समस्याएं
श्वास संबंधी समस्याएं दूर करने में कपालभांति किसी रामबाण से कम नहीं है। अगर चिकित्सक की सलाह के बाद आप कपालभांति का अभ्यास करते हैं तो इससे अस्थमा को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इससे श्वसन मार्ग के सभी अवरोध दूर होते हैं और व्यक्ति को बलगम जमा नहीं होता। यह साइनस की समस्या को दूर करने में भी प्रभावी है।
मानसिक शांति
आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी तरह की चिंता व तनाव से ग्रस्त है। लेकिन अगर आप तनाव को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहते तो कपालभांति का नियमित रूप से अभ्यास करें। यह प्रणायाम व्यक्ति के तन-मन को शंात करता है, जिससे उसे भीतर से काफी अच्छा लगता है। इतना ही नहीं, डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को बाहर आने में भी यह प्रणायाम काफी हद तक मदद करता है। साथ ही अनिद्रा जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।
बढ़ाए खूबसूरती
आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन कपालभांति प्रणायाम आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ सौंदर्य का भी ख्याल रखता है। इसके नियमित अभ्यास से चेहरे पर निखार आता है और डार्क सर्कल्स जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
हर अंग के लिए लाभदायी
कपालभांति करने का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसके नियमित अभ्यास से शरीर के हर अंग को लाभ मिलता है। दरअसल, जब आप इसका अभ्यास करते हैं तो शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर तरीके से होता है। जिससे सभी अंगों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त जब आप इसका अभ्यास करते हैं तो इससे शरीर में पहले से ही जमा सभी तरह के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।