कहते हैं कि जल ही जीवन है। अर्थात पानी के बिना व्यक्ति के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वैसे भी मनुष्य के आधे से अधिक शरीर पानी से ही बना है। यह पानी ही शरीर की कार्यप्रणाली को सही तरह से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है और अगर इसकी कमी हो जाए तो व्यक्ति को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर दिनभर में आठ से दस गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है लेकिन पानी की मात्रा व्यक्ति की उम्र व आवश्यकताओं के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। इसलिए पहले यह जानना बेहद आवश्यक है कि आप अपने शरीर की आवश्यकता के अनुरूप पानी का सेवन कर रहे हैं या नहीं। दरअसल, जब भी शरीर में पानी की कमी होती है तो व्यक्ति का शरीर खुद-ब-खुद इस बात के संकेत देता हे। बस जरूरत होती है तो उसे पहचानने और पानी की कमी को दूर करने की। तो चलिए जानते हैं उन संकेतों के बारे में-
सिर में दर्द की परेशानी
अगर आपको हमेशा ही सिर में दर्द होता है और दवाईयों का सेवन करने के बाद भी यह परेशानी बनी रहती है तो हो सकता है कि यह पानी की कमी के कारण हो। दरअसल, जब शरीर में पानी की कमी होती है तो डिहाइड्रेशन के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन और रक्त का प्रवाह भी कम हो जाता है। कुछ रिपोर्टस से भी इस बात का पता चलता है कि माइग्रेन और सिरदर्द का एक कारण निर्जलीकरण भी होता है।
ध्यान भटकना
बच्चों का मन चंचल होता है, इसलिए वह भटकता रहता है। लेकिन अगर बडों का मन भी काम में नहीं लगता या वह कार्य में अपना ध्यान एकाग्र नहीं कर पाते तो यह संकेत है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो गई है। दरअसल, मानव मस्तिष्क 90 प्रतिशत पानी से बना है और जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो उसका असर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी दिखाई देता है। शरीर मंे पानी की कमी होने पर व्यक्ति न तो अपना ध्यान एकाग्र कर पाता है और न ही सही ढंग से निर्णय ले पाता है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति को चीजों को याद रखने में भी परेशानी होती है। ऐसे व्यक्ति अक्सर चिंता व थकान से जूझते नजर आते हैं।
पाचन तंत्र पर बुरा असर
पाचन तंत्र अगर सही तरह से काम नहीं करता तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और पाचनतंत्र का सही तरह से काम करने के लिए जरूरी है कि शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा हो। पानी बाउल सिस्टम को बेहतर बनाकर कब्ज व अन्य पेट की परेशानियों को दूर रखता है। लेकिन अगर आपको लगातार कब्ज, अपच व हार्टबर्न जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है, तो यह इशारा है कि अब आपको अपनी पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।
स्किन का रूखापन
अगर आपको अपनी स्किन काफी रूखी व बेजान नजर आती है। मुंह बार-बार सूखता है या फिर मुंह से बदबू आने लगी है तो समझ लीजिए कि आप अपने शरीर की आवश्यकता अनुरूप पानी का सेवन नहीं कर रहे हैं। पानी शरीर की नमी को बनाए रखता है और अगर इसमें रूखापन काफी बढ़ने लगा है तो शरीर में भी पानी की कमी होने लगी है।
यूरिन का कलर
आपको शायद पता न हो लेकिन आपके यूरिन का कलर भी बहुत कुछ कहता है। अगर आपका पेशाब बहुत अधिक पीला आ रहा है या यूरिन से बदबू आ रही है तो इसका अर्थ है कि शरीर में पानी की कमी हो गई है। अगर आप पानी की मात्रा को बढ़ाते हैं तो इसके बाद आपको यूरिन के कलर में भी अंतर नजर आएगा।
अत्यधिक थकावट
अगर आपको बिना किसी कारण हरदम ही थकान का अहसास होता है तो यह भी शरीर में पानी की कमी का एक संकेत है। दरअसल, जब शरीर में पानी की कमी होती है तो शरीर खून में से पानी लेने लगता है। जिससे व्यक्ति को बार-बार थकावट और सुस्ती महसूस होती है।
जोड़ों में दर्द
शरीर में पानी की कमी और जोड़ों व हड्डियों के दर्द का आपस में गहरा नाता है। शरीर के कार्टिलेज और रीढ़ की हड्डी के हिस्सों के निर्माण में 80 प्रतिशत भूमिका पानी की होती हैं। यूं तो बढ़ती उम्र में जोड़ों का दर्द आम है लेकिन कम उम्र में बिना किसी कारण जोड़ों या हड्डियों में दर्द होता है तो यह शरीर में पानी की कमी के कारण हो सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- शरीर में पानी का सही स्तर बनाए रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। यह सच है कि एकदम से आठ से दस गिलास पानी पीना संभव नहीं है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर शरीर में पानी की कमी से बचा जा सकता है। मसलन, हमेशा ही दिन की शुरूआत एक गिलास पानी से करें। आप चाहें तो इसमें नींबू व शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे आपको अन्य कई स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होंगे।
- आप चाहें घर पर लेटे हों, आॅफिस में काम कर रहे हों या फिर दोस्तों के साथ कहीं बाहर जा रहे हों, हमेशा अपने साथ एक पानी की बोतल भी रखें। जब आपके आसपास बोतल होगी तो आप अवश्य ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीएंगे।
- कभी भी एकदम से बहुत अधिक पानी पीने का प्रयास न करें। इससे पेट काफी हैवी हो जाता है और व्यक्ति को अपना काम करने में परेशानी होती है। कोशिश करें कि आप हर आधा घंटे में थोड़ा पानी पीएं।
- अधिकतर लोग प्यास लगने पर पानी पीते है। इसका अर्थ है कि शरीर में पानी का स्तर काफी कम हो चुका है। पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतजार न करें, बल्कि हर थोड़ी देर में पानी पीना अपनी आदत बनाएं। पानी पीने से शरीर के सभी विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर भीतर व बाहर दोनों से स्वस्थ हो जाता है।