आमतौर पर महिलाएं घर
में बचत पर अधिक जोर देती हैं, जिसके कारण वह चीजों का बार-बार व एक ही कई चीज का इस्तेमाल
करने में विश्वास करती हैं। फिर चाहें बात खान-पान की चीजों की हो या अन्य चीज की।
अगर रोटी बच जाए तो चाउमीन बना लिया, रात की दाल बच गई तो सुबह परांठे बना लिए। इसी
तरह बची हुई चीजों का दोबारा इस्तेमाल करने में वह माहिर होती हैं, लेकिन कुछ चीजों
का दोबारा इस्तेमाल सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इन्हीं में एक है तेल का दोबारा
इस्तेमाल। अक्सर घरों में कभी पूरी तो कभी पकौड़े बनाने के लिए तेल का इस्तेमाल डीपफ्राई
करने के लिए किया जाता है और महिलाएं उस बचे हुए तेल से बाद में भोजन बनाती है। ऐसा
करना वास्तव में एक सेहतमंद आदत नहीं है। इसके कारण कई तरह की बीमारियां जन्म लेती
हैं। तो चलिए जानते हैं बचे हुए तेल से होने वाली बीमारियों और उससे बचने के तरीकों
के बारे में-
हो सकता है कैंसर
कैंसर का नाम सुनते
ही मन घबराने लगता है। लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि बचत करने के चक्कर में
बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल करने से कैंसर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
दरअसल, बचे हुए तेल में फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं और जब तेल को बार-बार गर्म किया
जाता है तो उसकी गंध खत्म हो जाती है और उसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी नहीं बचते, जिसके
चलते उसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व पैदा हो जाते हैं। खासतौर से, इस तरह इस्तेमाल
किए जाने वाले तेल से पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल
डीप फ्राई किए गए तेल
का इस्तेमाल करने से कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कड़ाही के तले
में फैट जमने से कड़ाही का तला काला हो जाता है। बाद में यह फैट खाने में चिपककर स्वास्थ्य
को कई तरह के नुकसान तो पहुंचाता है ही, साथ ही इससे कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ने लगता है।
यह कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों के साथ-साथ एसिडिटी व मोटापे जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं
को न्यौता देता है।
टाॅक्सिन्स की अधिक मात्रा
बचे हुए तेल का इस्तेमाल
करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तेल को जितनी बार गर्म किया जाएगा, उसकी विषाक्तता
बढ़ती जाएगी। एक शोध से भी यह बात साबित हुई है। दरअसल, तेल को गर्म करने पर उसमें एचएनई
पदार्थ अर्थात विषाक्त पदार्थ बनने शुरू हो जाते हैं और जितनी बार भी तेल गर्म किया
जाता है, तो विषाक्त पदार्थ उतने ही ज्यादा बनते हैं। वैसे कुछ ऐसे तेल होते हैं, जिनमें
एचएनई पदार्थ ज्यादा बनते हैं जैसे ग्रेपसीड आॅयल, सनफलावर आॅयल, काॅर्न आॅयल। इसलिए
इसका भोजन में करें लेकिन इससे डीप फ्राई न करें।
हो सकती हैं बीमारियां
बचे हुए तेल का इस्तेमाल
सिर्फ कैंसर का ही कारण नहीं बनता, बल्कि इसका प्रयोग करके आप स्वयं को और अपने परिवार
के अन्य सदस्यों को काफी बीमार बना रही हैं। शायद आपको पता न हो लेकिन इसके कारण एसिडिटी,
दिल की बीमारी, कैंसर, के अलावा स्ट्रोक, पार्किसंस और अलजाइमर जैसी बीमारियां भी हो
सकती हैं।
इसका रखें ध्यान
अगर आपको ऐसा लगता
है कि तेल का एक बार इस्तेमाल करने के बाद उसे फेंकना वास्तव में पैसों की बर्बादी
है और आप उसे दोबारा इस्तेमाल करना चाहती हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक
है।
- सबसे पहले तो आप डीप
फ्राई के लिए ऐसे तेल का इस्तेमाल करें, जिसका स्मोकिंग प्वाइंट अधिक हो। कुछ तेल हेल्दी
होने के बावजूद अगर डीप फ्राई के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं तो उससे स्वास्थ्य को नुकसान
ही होता है और फिर वह दोबारा इस्तेमाल करने लायक नहीं रहते। जैसे आॅलिव आॅयल को डीप
फ्राई के लिए इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।
- अगर आप तेल को दोबारा
इस्तेमाल कर रहे हैं तो पहले तेल की जांच करें। मसलन, यह देखें कि उसके रंग व गंध में
कितना परिवर्तन हुआ है। अगर तेल बहुत अधिक काला हो गया है और वह पहले से काफी अधिक
चिपचिपा है व उसमें से गंध आ रही है तो उसे फेंक देना ही बेहतर रहेगा। लेकिन अगर उसमें
रंग में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं हुआ है और अभी भी वह लाइट है तो उसका इस्तेमाल किया
जा सकता है।
- डीप फ्राई में इस्तेमाल
किए हुए तेल को इस्तेमाल से पहले किसी कपड़े की मदद से छान लें और उस तेल को दोबारा
डीप फ्राई के लिए प्रयोग न करें। क्योंकि पहले से इस्तेमाल किए हुए तेल को दोबारा बहुत
अधिक गर्म करना उचित नहीं है।
- डीप फ्राई के दौरान
भी इस बात का ध्यान रखें कि आप खाली तेल को बहुत देर तक ज्यादा तेज आंच पर कड़ाही में
न रहने दें। साथ ही किसी भी चीज को तलने के लिए लोहे या काॅपर की कड़ाही का इस्तेमाल
न करें ताकि तेल की गुणवत्ता बनी रहे।
- डीप फ्राई करने या
भोजन बनाने के लिए एक साथ कई तेलों का इस्तेमाल ना करें। एक समय में एक तेल से ही भोजन
पकाएं।