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महोत्सव समीक्षा

7 नवम्बर 2021

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विषय- समीक्षा
विधा-आलेख
बहुत उलझे बहुत सुलझे मगर उलझन न उलझे जो उलझन सुलझाने आए..
हमारी उलझन की सुलझन खुद बनी उनकी ही उलझन जो सुलझाने आए..
जब तक हम किसी परिस्थिति में उलझे रहेंगे तो उस परिस्थिति के सुलझने के आसार बहुत ही कम होते हैं मगर जब हम किसी विषय विशेष की परिस्थितियों की समीक्षा करते हैं तो वह उलझन उलझन नहीं एक महोत्सव का लेख बन जाता है ।
दिपावली एक त्यौहार ही नहीं महोत्सव और महापर्व  है यह पांच-दिवसीय महापर्व है जिसमें पांच सोपान है  और पांचों त्यौहारों का अपनी अपनी जगह अलग-अलग महत्व है ।
यह पांचों त्यौहार एक दूसरे के पूरक होने के साथ-साथ उनका अपनी जगह अपना अपना महत्व है।
धनतेरस का माहात्म्य सुख समृद्धि स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि का पूंजा अर्चना करना और उनसे अपने परिवार समाज देश को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना ।
रुप चौदस या नरकाचतुर्दशी का माहात्म्य भी समाज की दूषित परम्परा जो नरकासुर राक्षस द्वारा उन सोलह हजार कन्याओं को बंधन मुक्त कराकर भगवान श्रीकृष्ण द्वारा उनका सम्मान दिलाना 
फिर दीपावली को महालक्ष्मी और ऋधि सिद्धि के दाता भगवान ब्रह्माणी गणेश जी की पूजा अर्चना कर दीप जलाकर कर विश्व में फैले गहन अन्धकार को नष्ट कराना है।
ब्रह्मा जी जी मानस पुत्र और विश्व के प्रथम अभियंता विश्वकर्मा की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लेना विश्वकर्मा दिवस मनाना और गोवर्धन पूजा अन्नकूट भी दीपावली महोत्सव का एक अंग है ।
और पांचवां दिवस भैय्या दूज जिसे यम ने अपनी बहनों के यहां जाकर भाई बहन के अटूट रिश्ते को एक नमी विचार धारा प्रदान करना है।
यह पांचों त्यौहार एक साथ एक महोत्सव का रुप लेकर हमारे जीवन को एक नई दिशा देने की कोशिश करते हैं ।
इन त्योहारों का सकुशल समापन ही हमारी समीक्षा का आधार होता है हम आशा और विश्वास करते ‌है कि यह त्यौहार हमारे जीवन में इसी तरह खुशियां बिखेरते रहेंगे।
राजन मिश्र
अंकुर इंक्लेव
करावल नगर दिल्ली 94

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Pragya pandey

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🙏🙏🙏😊

7 नवम्बर 2021

Rajan Mishra

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7 नवम्बर 2021

आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार प्रज्ञा जी

Rajan Mishra

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सुन्दर रचना

7 नवम्बर 2021

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दिवा स्वप्न

12 अक्टूबर 2021
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13 अक्टूबर 2021
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14 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">नमो-नमो हे अंबे महागौरी माता</span></div><div><span style="font-

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15 अक्टूबर 2021
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15 अक्टूबर 2021
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बेइंतहा

17 अक्टूबर 2021
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17 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">विसर्जन</span></div><div><span style="font-size: 16px;">सर्वे मं

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नज़ारे

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ए दिवानगी

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कुछ तो कहोगे

21 अक्टूबर 2021
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करवाचौथ

24 अक्टूबर 2021
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26 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">ए चांद जरा यहां कुछ देर ठहर</span></div><div><span style="font-s

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26 अक्टूबर 2021
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27 अक्टूबर 2021
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28 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">कुछ ईंट और पत्थर भी थे</span></div><div><span style="font-size:

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यारो की दुनिया

30 अक्टूबर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">यारों की यारी पर सबकी दुनियादारी है</span></div><div><span style

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दीपावली की तैयारी

1 नवम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">दीपावली एक त्योहार नहीं आत्मज्ञान का प्रतीक है जैसे एक छोट

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3 नवम्बर 2021
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4 नवम्बर 2021
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भैय्या दूज

6 नवम्बर 2021
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महोत्सव समीक्षा

7 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">विषय- समीक्षा</span></div><div><span style="font-

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एक और गुनाह

10 नवम्बर 2021
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13 नवम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">चाहे दिया जले या फिर जिया जले</span></div><div><span style="font

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दीपक जलाएं

14 नवम्बर 2021
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बच्चे

14 नवम्बर 2021
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16 नवम्बर 2021
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19 नवम्बर 2021
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शराबी

22 नवम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;"><b>वह सड़क पर औधा पड़ा हुआ था आते जाते हुए कुत्ते उसको चाट चाट क

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23 नवम्बर 2021
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<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">दिनांक- 23/11/21</span></div><div><span style="fo

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सही सोच

5 दिसम्बर 2021
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जिंदगी

9 दिसम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">जिंदगी का फलसफा</span></div><div><span style="font-size: 16px;">

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तुम देना साथ सदा

23 दिसम्बर 2021
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<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">विधा-कविता</span></div><div><span style="font-siz

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नाज़ुक हालात

9 फरवरी 2022
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विधा -कविताशीर्षक-नाजुक हालातयह रुद्र का त्रिनेत्र खुला या रक्त तांडव काया कुरु पांडव समरांगन है कुरूक्षेत्र काशवों से घिरी धरा पर धधकती है चिताएंक्या आजअंतिम प्रहर है कलयुग शेष का ।।बहती जाती है निरं

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माधव गोविन्द

19 अगस्त 2022
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हे माधव तुम कौन होद्वापर युग के महान प्रणेताकान्हा बाल गोविंद कन्हैयाकृष्ण मुरली मनोहर माखन चोरताथा थैय्या नाचते गोविंदाकांधे लकुटिया माथे मुकुट पंखे मोरअघासुर वकासुर पूतना सकटासुरकालिया दहन मान मर्दन

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हरि दर्शन

20 अगस्त 2022
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ॐ ब्रह्माण्ड व उसमें तुम ही तुमसृष्टि सृजन प्रलय व समाप्त होहरि तुम आदि अनंत अदृश्य होपरंतु तुम सबके ह्रदय में व्याप्त हो।।तुम सचराचर के स्वामी होपरंतु भक्तों के दीनबंधु दीनानाथ होतुम अगम अगोचर निराका

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आसमान

23 अगस्त 2022
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यह जो आसमान मेरे हिस्से का है मुझे दे दोतुम्हारे ख्वाब तुम्हारी कोशिशें तुम्हारे ही लिएमेरे हिस्से का दर्द जख्मी टीस सब मुझे दे दोउसकी ऊंचाई छूने का इरादा तुम मुझसे ले लो।।खामखां मैं परेशान रहूं कुछ क

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मृगतृष्णा

23 अगस्त 2022
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नमन कलम रथ परिवारदिनांक 23/08/22विषय गगन/आसमानविधा कवितायह जो आसमान मेरे हिस्से का है मुझे दे दोतुम्हारे ख्वाब तुम्हारी कोशिशें तुम्हारे ही लिएमेरे हिस्से का दर्द जख्मी टीस सब मुझे दे दोउसकी ऊंचाई छून

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मेरी मृगतृष्णा

24 अगस्त 2022
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मृगतृष्णाआज आफिस के बाद क्या कर रहे हैं मिस्टर रविन्द्र.. क्या हमारे साथ लांग ड्राइव पर चलना पसंद करेंगे .. आकांक्षा अपने केबिन से बाहर निकलते हुए रविन्द्र से कहा।नहीं मेडम आज कल प्रोजेक्ट का प्रजेंटे

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