हे शिवार्धांगनी गणपति माता
महिमा अमिट जगत विख्याता
हे सिद्ध धात्री अनुपम कृपा करो
जय अंबे महारानी दया करो..
रक्ताभ नैयनाभिराम स्वरूपा
हे ऋद्धि सिद्धि की दातारी
हे अष्टभुजा सिंहवाहिनी माता
निर्मल मति जीवन पथ नया करो..
कर में कराल कालिका रूप धरी
कमंडल कमल हस्त ब्रह्माणी नरहरी
दुर्गा दुर्लभ योग टालती जीवन के
शैलपुत्री बन शिव जैसा मया करो..
विद्या बुद्धि ज्ञान विज्ञान प्रदायिनी
अन्न पूर्णा बन करतीं हैं जग पालनी
समर विजय असुराधिपति संहारे
सुर मुनि मन मंगल गान गाया करें..
द्वारे आकर तेरी अरदास लगाएं
मन मंदिर तुम्हें बिठा ज्योति जलाएं
मैं बालक तू माता यह भूल न जाएं
रिश्तों के रिश्ते से राजन मया करें..
राजन मिश्र
अंकुर इंक्लेव
करावल नगर दिल्ली 94