दिल ने कहा धड़कनो मे कुछ खराबी है
तुम्हे देखा है जब से आदते शराबी है
सुबह की तो क्या कहु रात तक गुलाबी है
मेरी आँखों मे गिर गया है तेरा हसीन ख्वाब आके
आँखों की रंगत अब गुलाबी है
धीरे धीरे उसका सुरूर मुझपे चढ़ने लगेगा , नशा कुछ गहरा होने लगेगा
ये इश्क़ की शराब है , इसको पीने मे क्या खराबी है
कुछ उम्रदराज़ लोग भी आ गए है महफ़िल मे
आँखों मे हमारे शरम बाकि है , वरना जानते है हम
ये सब भी आदतन शराबी है
कुछ लोग मूछों पर ताव देते है
हमारे नहीं है तो हम मे क्या खराबी है