राधा का कृष्ण आ रहा है
फिर जन्म का दिन आ रहा है
मै हु तैयार , तुम भी तैयार रहो
दिन एक महान आ रहा है
हर हिन्दू , हर घर और
हर मन्दिर के लिए
प्यारा एक त्यौहार आ रहा है
बंसी बजाने , हम को जगाने
मुरली वाला आ रहा है
बजते है मृदंग , ताल और डमरू
घुंघरू और गाजे बाजे
रात कि इस तन्हाई मे
कान्हा हमारा दुलार पाने आ रहा है
कान्हा हम जानते है , तुमको क्या पसन्द है
तुम्हारे लिए प्यारे कान्हा
हमारे प्यार मे भीगा हुआ
माखन आ रहा है