आखिर ये केसा जीवन है
जिसमे अन्धकार ज्यादा और प्रकाश कम है
मेरा कलेजा चाक जिगर , आ देख ले झांक कर इधर
पानी ज़्यादा और खून कम है
मेरी मुस्कान पे मत जाओ दोस्त"
मेरे पास गम ज्यादा और ख़ुशी कम है
वो मेरे गले लग के अब रो रहा है
कह रहा है उसे , मेरा क़त्ल करने का गम है
फिर भी उसका गम , मेरे अपनों के गम से कम है