दर्द को छोड़ दो दवा की बात करो
माँ के पाँव छु लो उसकी दुआ की बात करो
कल का सूरज कल के साथ डूब गया ,
आँखों मे नये ख़्वाब रखो और
कल को छोड़ दो आज की बात करो
जब तुम्हारी मन्जिल मे हु और मुझको पाना है तो
दुनिया को छोड़ दो मेरी बात करो
यह मेरी नजम है और तुम्हारे लिए है
इसको पढ़ लो और ग़ज़ल की बात करो
रात के आसमान पर आज सूरज भी है
अब जिन्दगी के अन्धेरो को भूल जाओ और उजाले की बात करो
अब तुम्हारे और मेरे दरमियाँ , हवा को भी मैं रहने नहीं दूंगा
तुम भी अमित राजेश राहुल को भूल जाओ
और अब सिर्फ विकास की बात करो
जब कोई नहीं हो साथ देने वाला तब
अपना सर झुकाओ उसके सजदे मे और ख़ुदा से बात करो