मुझको खबर ना थी
मेरा दोस्त,
दुश्मनी निभाएगा
मेरी दोस्ती का अहसान भुल जाएगा
मुझको खबर ना थी
देख के उनको एक बार
दिल सीने में मचल जाएगा
शमा बन के क्या जले वो
दिल मोम कि तरह पिघल जाएगा
मुझको सुना रहे आजकल वो मेरी हि ग़ज़ल
कह रहे है तुम्हारा दिल बहल जाएगा
रख दो इन रंजिशों को कही ताक पे
वरना मोहबत का हसीन पल निकल जाएगा
आ जाओ मेरी बाहो मे, देख क्या रही हो
मेरे प्यार कि शरम से,
गाल तुम्हारा हो लाल जाएगा
मुझको खबर ना थी
तुम्हारी बाहो मे बीत ये साल जाएगा