दिल तुम्हारा तोड़ के
मै भी खूब रोया हु
तुमने शायद आसू बहाए होंगे
मै खून मे अपने नहाया हु
मै जानता हु कि तुम
फूलो से भी नाजुक हो
मगर यकीन जानो
दिल तुम्हारा तोड़ने के बाद
मै काटो पे चल के आया हु
मेरी मज़बूरी तुम नहीं जानती
लेकिन इतना बस जान लो
दिल तुम्हारा तोड़ने के बाद
मै लाश अपनी ,
अपने कन्धो पे लेकर आया हु
मरने के मौसम शायद रोज नहीं आते
तेरी यादो में रोज मरता "रमन"
एक बार मरके ,
किस्सा ये खत्म कर आया हु