कोई जब प्यार मे धोखा खा जाए
फिर क्या करें , जब आँखों मे लहू आ जाए
दिल को फिर कीस तरह समझाए
दिल के हिस्से मे जब बेवफाई का खंजर आ जाए
टूट के फिर कोई बिखर जाए
लब पे जब आह आ जाए
जिन्दगी जब मौत की पनाहो मे आ जाए
कोई फिर हौसला लेकर कहा जाए
प्यार की राहो मे थी जुदाई
तुम ही करते थे उनसे प्यार
उन्होंने तो छोड़ दी थी खुदाई
अकेले बजाते रहो अब प्यार की शहनाई
फिर क्या करे
जब प्यार पे आपके , उनको नफरत आ जाए
जिस्म से रूह तक सब खत्म हो जाए
फिर ख़ुद मे से निकल कर ज़िन्दगी कहा जाए
चलो इक बार फिर से कोशिश की जाए
ख्वाबों मे डूबे हुए " विकास" को उठाया जाए
हर हद अबकी बार तोड़ दी जाए
पत्थर भी अबकी बार पिघल जाए
ख़ुदा भी अबकी बार हिल जाए
आह ऐसी निकले लब से
जो उनके दिल तक पहुँच जाए
दौड के महबूब ख़ुद आ जाए
बाहो मे लेकर प्यार बरसाए
जीवन की आखरी दुआ कबूल हो जाए
कोई और आए ना जाए
मौत हमको उनकी बाहो मे आ जाए