क्यू रहते हो मुझसे खफ़ा और नाराज़
मुझ मे आकर रहने लग जाओ , सीख लो मेरे अन्दाज
चाँद जल रहा है मेरी रूह बन कर
सूरज पिघल रहा है मेरी आह सुनकर
तुम क्यू नहीं आकर , मुझ मे मिल जाते हो
जान जाओगे फिर , मेरे दिल के सब राज
दर्द का एक तिनका मेरी आँख में गिरा है
दिल का लहू आँखों से बहने लगा है
वक्त थमने लगा है , दिल घबराने लगा है
आ जाओ की अब तो , जनाजा उठने लगा है
तोड़ दो , छोड़ दो , अब तो , ज़माने की रस्मो की लाज