मुझे अपनी मोहबत दे दो
इतनी सी मुझ पे इनायत कर दो
बरस रहा है सावन लेकिन
दिल तो मेरा प्यासा है
अपने प्यार कि मुझ पे बरसात कर दो
खुद को भूल के तुम मे खो जाऊ
अपनी मोहबत मे ऐसी मेरी हालत कर दो
मुझे अपनी मोहबत दे दो
जाहिर मुझ पे अपनी चाहत कर दो
हु मे तो दिवाना तुम्हारा इक उमर से
आज पूरी दिल कि हर हसरत कर दो
इतनी सी मुझ पे इनायत कर दो
दिल मेरा मासूम है और मै भी
कुछ तो हमको राहत दे दो
मेरे दिल के बगीचे में लगा दो
अपने प्यार का गुलाब
और प्यार कि बरसात कर दो
इतनी सी मुझ पे इनायत कर दो