वो हसते रहे मैं रोता रहा
प्यार मे उनका जुल्म बढ़ता रहा
नफरत कि धुप से जला ये दिल
उनकी जुल्फों का साया ढूंढता रहा
इतना तन्हा हु मै आजकल
खाली वक़्त में उनको याद करता रहा
मै खो गया हु अपने हि शहर मे
रात दिन खुद को खुद मे ढूंढ़ता रहा