पहले तुमको देखता हु फिर खुद को देखता हु
मै आजकल दुनिया को कम देखता हु
तुमको पाया है मैंने जबसे,
मै खुद को खुदा के करीब देखता हु
मेरे रूबरू होकर जब भी निकलो , मुझसे मिल जाया करो
मै जल जाता हु ,जब तुम्हे नहीं देखता हु
मेरे करीब आकर मुझमे रहने लग जाओ
मै तुम मे और मुझ मे कोई फर्क नहीं देखता हु
वो आये थे मुझको कत्ल करने लेकिन
जो मुझको कत्ल कर पाए ,उनके खंज़र मे वो धार नहीं देखता हु