यह पैरोडी "ओ हंसिनी ओ हंसिनी कहां उड़ चली" गीत पर बनाई गई है । एक व्यक्ति की बीवी बहुत मोटी है , बिल्कुल टुनटुन की नानी जैसी । जब वह चलती है तो धरती हिलने लग जाती है । तो उस पत्नी के
"हरि अनंत हरि कथा अनंता" की तरह "लेडीज क्लब" की बातें भी अनंत होती हैं । कभी भी समाप्त नहीं होने वाले आसमान की तरह । इन बातों से पेट कभी भरता नहीं और भूख कभी मिटती नहीं । मगर समय की घड़ी तो टिक टिक चल
हमसफ़र, हमराज तुम , हमराही, हमदम मेरे हमनशीं तुम दिलनशीं हो, तुम ही हमसाया मेरे ख्वाबों में तुम, सांसों में तुम, आहों में हो तुम मेरे धड़कन में तुम, तड़पन में तुम, तुम मेहरबां
आपने कभी कशिश महसूस की किसी चीज की... जिसकी दीवानगी...पागलपन के हद की हो... कोई ऐसा जो सब कुछ भुला दे... किसी की जिंदगी में उसे मिल जाये तो फिर आगे क्या होगा? उसकी सोच समझ और उसके आस पास सब
लक्ष्मी जी को छमिया भाभी के बारे में होने वाली बातों में बड़ा रस आता था । दरअसल छमिया भाभी पर पूरे मौहल्ले के मर्द जान छिड़कते थे । बस यही बात लक्ष्मी जी को हजम नहीं होती थी । इसलिए वो गाहे बगाहे छमिय
“एक झूठ बोलेगे मेरे लिये” “झूठ क्यों ?” “मेरे लिये बस एक छोटा सा झूठ” “पहले बताओ क्या झूठ?” “कहो कि जब मैं सामने हूं तो कोई और दिखाई नहीं देता” “कभी सोचा नहीं” “सोचना नहीं है बस झू
आज फिर से सुनाओ ना अपनी हसरतों का फसाना नजरें चुराकर नजरों से शरमाकर कुछ कह जाना पलकों से पैगाम भेजकर दिल के आंगन में बुलाना खामोशियों की चादर ओढ हाल ए दिल बत
"सुनो" "कहो" "एक बात पूछूं" "हां जी, पूछिए" "क्या आप हमें प्यार करते हैं" "अपने दिल से पूछिए, वह क्या कह रहा है" "आप न बात को घुमा देते हैं । जैसे मैंने सीधे सीधे प
लक्ष्मी जी को अपनी कही हुई बात पर जवाब देते हुए नहीं बना तो यह कहते हुए बचने की कोशिश करने लगीं कि "एक बात बताओ जिज्जी कि पति के साथ घूमने में भी कोई आनंद आता है क्या ? अरे, एक ही सूरत देखते देखते बोर
हमने तो तुम्हें दिल से चाहा है सनम ये दिल सिर्फ तुम्हारे लिए धड़कता है हर सांस तुम्हारा नाम लेकर थिरकती है हर ख्वाब तुम्हारे जजबातों से पलता है आसमां से ऊंची है मेरे इश्क की तड
लाजो जी का मन कहीं लग नहीं रहा था । मन लगता भी कैसे ? जबसे चौधराइन ने "खुशखबरी" सुनाई है तब से लाजो जी की नींद हराम हो गई है । पड़ौस में तो किलकारियां गूजेंगी मगर यहां "ताने" मारे जायेंगे । आजकल जमाना
ये कहानी उस दौर की है जब दुनिया पूरी तरहा से तहस नहस हो गई थी। दुनिया मे प्रलय आने के लिए कोई भी दैवी शक्ति जिम्मेदार नहीं थी। ये तो हमारी ही भूख बहोत बढ गई थी, और चाहिए, और चाहिए की भ
दिल के बजाय जिस्म से इश्क करने लगे हैं लोग जिस्म के गहरे समंदर में इश्क ढूंढने लगे हैं लोग किसी जमाने में इश्क इबादत हुआ करता था "हरि" अब इश्क को कमीना, कमबख्त कहने लगे हैं लोग इश्क
बस एक ही शर्त थी खुश रहने की… मेरे सुकून की… मैंने कहां कुछ ज्यादा मांगा, पूरी दुनिया ना मिले ना सही पर वो तो होना चाहिए ना साथ अभी इस वक्त यहां होना चाहिए था ना उसे… रोज हर रोज बस यही
बारिश हो रही थी बहोत तेज बारिश। वो बरसात की रात थी। शहर से बाहर दूर एक खेत मे सुनील राधा के साथ गया था। सुनील अपने गाव मे कॉलेज की छुट्टीया मनाने आया था। और फिर वो राधा से मिला। र
अमोलक जी को लगा कि लाजो जी ताना मार रही हैं कि प्रथम को पांच साल हो गए हैं शादी किए मगर अभी तक कोई बच्चा नहीं लगा रितिका को । लाजो जी को समझाते हुए वे कहने लगे "आजकल बच्चे बहुत समझदार हो गए हैं । वे अ
कुछ लोग करते हैं नफरत वाला प्यार अजीबोगरीब सा होता है इनका संसार माशूका पर कोई कभी तेजाब फेंक देता है तो कोई प्यार के नाम पे गला रेत देता है कोई चाकुओं से गोदकर आनंदित होता है
जब से लाजो जी ने सुना था कि चौधराइन की बहू मेघांशी "पेट से है" उनके दिमाग में लावा सा दौड़ने लगा । एक कहावत है न कि "पाड़ौसन खावे दही तो मो पै कब जावा सही" । जब पड़ौसन की बहू जो कि अभी दो साल पहले ही
हरिवचन भाग 6 मुफ्तखोरी की लत आज लॉकडाउन का 21वां दिन है और लॉकडाउन 1.0 का अंतिम दिन है। आज 10 बजे प्रधानमंत्री जी देश को एक बार पुनः संबोधित करेंगे और उम्मीद है कि लॉकडाउन 2.0 आज घोषित हो जायेगा जो
हरिवचन भाग - 3सोशल मीडिया वीरों को सलाम आज सोशल मीडिया का जमाना है। किसी जमाने में कहा जाता था कि " जीवन के बस तीन मकाम , रोटी, कपड़ा और मकान " वैसे ही आज कहा जाता है कि " जीवन जीने का यही है आइडिया