🎶🎶🎶गीत🎶 🎶🎶
गीत आज एक मनहर लिखा जाये।
सस्वर साज बजा के सब मिल गायें।।
राधाभाव में खो हम धुल मिल जायें।
आओ मधुबन में रास रचाया जाये।।
गीत आज एक मनहर लिखा जाये-१
वृंदावन की गलियों में विचरा जाये।
मन भर माखन- दधि खाया जाये।।
गोपियन के मन की भी सुना जाये।
दुख-सुख मिलजुल बाँटा जाये।।
गीत आज एक मनहर लिखा जाये-२
छलिया को आज छकाया जाये।
चितचोर बन सबके हो जायें।।
यमुना की धारा में बहते जायें।
बाँसुरी की तान में खो जायें।।
गीत आज एक मनहर लिखा जाये-३
कंस बना कोरोना, मारा जाये।
मास्क पहन उसे रोका जाये।।
दूर रह सुदर्शन चक्र चलायें।
नर संहार अब रोका जाये।।
गीत आज एक मनहर लिखा जाये-४
गीत आज एक मनहर लिखा जाये।
सस्वर साज बजा कर सब मिल गायें-५
डॉ. कवि कुमार निर्मल___✍️
बेतिया, बिहार