अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में और जानकारी देते हुए, यह साक्षात इतिहास में महत्वपूर्ण घटना है जिसने लोगों का दिल जीता है। रामलला की मूर्ति, जिसे 51 इंच की सोने और फूलों से सजी गई है
होती थी यह वर्षों पहले जब दिवाली में जलते थे दिये पर अब चाहे हो जैसे दिवाली में जलते हैं पैसे छोड़ते हैं बम-पटाखे और छोड़ते हैं रॉकेट फैलाते है प्रदुषण बढ़ाते हैं बीमारी चाहे हो जैसे पर दिवाल
आई दिवाली खुशियों वाली,खुशियों के सब दीप जलाएं,कोई दुःखी न हो इस जग में,ऐसा प्रभु से आशीष हम पाएं।आई अमावश की काली रात है देखो,मिलजुल कर सब दीप जलाएं,एक से मिलकर एक दीप जलाकर,हम जग को रौशन कर जाएं।न स
दीपोत्सव दीपोत्सव, दिपावली, अनंत चतुर्दशी, ऐसे अनेकों नाम से अनेकों जगहों पर जाना जाने वाला भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा त्यौहार यानि दिवाली अर्थात दिपोत्सव. अगर बात करें दिपोत्सव के शुरुआत की तो,
इस दिवाली, मां की आंखें होंगी सजल, पिता का बढ़ेगा बाहुबल, छोटी बहना की मनेगी
इस दीवाली आओगे न ? मित्रों, चार नवम्बर को दीपावली का प्रकाश पर्व है... हम सभी
गरीब की दीवाली दीवाली के दिए जले हैं घर-घर में खुशहाली है।पर इस गरीब की दीवाली लगती खाली खाली है।पैसा वालों के घर देखोअच्छी लगे सजावट है।इस गरीब के घर को देखोटूटी- फूटी हालत है।हाय-हाय बेदर्द विधातागला गरीबी घोट रही।बच्चों के अब ख्वाब घरौंदेलाचारी में टूट रही।जेब पड़ी है खाली मेरीकैसे पर्व मनाऊं म
अगले दिन कल्पना धीर से मिली। वह अपनी खुशी से लाए हुए सामान को देना चाहती थी फिर यह सोच कर रूक गई कि धीर अभी तो यही है। दो दिन बाद दे दुंगी लेकिन मन में सपना की शंका और धीर के सवाल के डर से वह उसे बता ही नहीं पाई। हालांकि वह खुश थी। कल्पना का मन होता कि वह उसे बनवाने के लिए दें दे कि आ
हिन्दू धर्म में बहुत सारे पर्व और त्योहार मनाये जाते है | उसी तरह हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी का बहुत महत्व होता है | यह पर्वे शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव जागरण के रूप में मनाया जाता है | इस बार यह पर्वे ८
पांच दिवसीय महोत्सव शुरू हो गया है। धनतेरस से शुरू होने वाले इस पर्व की तैयारी हो गयी है बाजार और घर रौशनी से जगमगा गए है। बाजारों और घर में महालक्ष्मी, श्री गणेश, रिद्धि-सिद्धी, और धन कुबेर की पूजा-अर्चना की खरीदारी जारी है।धनतेरस को सभी लोग नए जेवर, वस्त्र , नए वाहन की
27 अक्टूबर के दिन पूरा देश दीपावली का शुभ त्यौहार मनाएगा। हर कोई इसकी खरीदारी और तैयारी में लगा हुआ है लेकिन अगर इनमें सबसे अहम बात को जाना जाए तो पूजा सबसे अहम होती है। अगर दीपावली वाले दिन पूजा नहीं हो तो ये दिन मनाने का कोई मतलब नहीं होता है। यहां हम आपको दीपावली मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त के
भारतीय संस्कृति के अनुसार दिवाली साल का प्रमुख त्यौहार और बड़ा पर्व होता है। दिवाली का त्यौहार जीवन में ख़ुशी, उल्लास, नयी रौशनी लेकर आता है। इस बार दिवाली 27 अक्टूबर को आ रही है। यह त्यौहार क्यों खास है इसका पता बाज़ारो की रौनक से पता लगाया जा सकता है। चारो तरफ सजावट, बाजार
धनतेरस का पर्व दिवाली से ठीक 2 दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व बहुत ही खास होता है इस बार तो यह पर्व और भी खास होने वाला है। इस बार धनतेरस पर लग्नादि, चंद्र, मंगल, सदा संचार और अष्टलक्ष्मी फलदायी के संयोग बन रहे है जो इस दिन को बहुत खास बना
दिवाली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली से कुछ ही दिन बचे है। इस बार दिवाली रविवार २७, अक्टूबर को है। दिवाली के ठीक २ दिन पहले धनतेरस को बड़े धूम से मनाया जाता है। इस दिन मान्यता है की भगवान् धनतेरस का जन्म हुआ था। अधिकतर लोग इसी दिन नए गहने, और अन्य समान की
आई दिवाली फिर से आई,शुरू हो गई साफ सफाई,आई दिवाली आई !साफ सफाई सीमित घर तक,रस्तों पर कचरे का जमघट,बाजारों की फीकी रौनक,मिली नहीं है अब तक बोनस,कैसे बने मिठाई !आई दिवाली आई !हुआ दिवाली महँगा सौदा,पनप रहा ईर्ष्या का पौधा,पहले सा ना वह अपनापन,हुआ दिखावे का अब प्रचलन,खत्म
इस बार अक्टूबर का पूरा महीना व्रत-त्यौहार के नाम है. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस महीने में बड़े-बड़े त्यौहार और व्रत मनाये जायेगे. इस महीने में बड़े पर्व में नवरात्रि, दशहरा, दीपावली जैसे त्यौहार है. महीने के शुरुआती दिनों में ही माँ दुर्गा के नवरात्री उत्सव मना रहे है. नवरात
सारादेश विदेश पावन दीवाली पर राममय है। इसी ६नवमबर ,१८ को अयोध्या में दीवाली परदीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।अयोध्या में देश-विदेश से आये मेहमानों के रामसमर्पित भाव को देख ह्रदय में राम नाम की धुन बज उठी। त्रेता युग के राम से मिलने कीलालसा और तीव्र हो उठी। अयोध
इस लिस्ट में हमने बजट कीमत से लेकर 20,000 रूपए तक की कीमत के स्मार्टफोन्स को शामिल किया है जोकि अपने स्पेसिफिकेशंस व कीमत के हिसाब से एकदम परफैक्ट गिफ्ट ऑप्शन साबित हो सकते हैं। भारत में फेस्टिव सीजन शुरु हो गया है और ये समय है ढेरों मौज-मस