नई दिल्ली:आईपीएल 2018 का फाइनल रविवार को मुंबई में चेन्नई और हैदराबाद के बीच खेल ा जाएगा. चेन्नई की जहां बल्लेबाजी मजबूत मानी जा रही हैं तो हैदराबाद की गेंदबाजी अभी तक बेहतरीन रही है. इस तरह से कहा जाए तो वानखेड़े स्टेडियम पर चेन्नई की बल्लेबाजी और हैदराबाद की गेंदबाजी के बीच असली जंग होगी. कुछ फैक्टर हैं जो बताते हैं धोनी की टीम इस बार फिर से आईपीएल चैंपियन बनेगी. आइए ऐसे ही कुछ फैक्टर पर एक नजर डाल लेते हैं.
चेन्नई के खिलाड़ियों का अनुभवी होना
चेन्नई बड़े मैचों में कैसा प्रदर्शन करना है, इससे भलीभांति परिचित है. चेन्नई का नौ प्रयासों में यह सातवां फाइनल है. चेन्नई के पास अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतर तालमेल है जिसमें महेंद्र सिंह धोनी (36), अंबाती रायडू (32), सुरेश रैना (31), ड्वेन ब्रावो (34) और शेन वॉटसन (37) शामिल हैं. इस संबंध स्टीफन फ्लेमिंग का यह बयान बहुत मायने रखता है जिसमें उन्होंने कहा, "मैं यहा चेन्नई को जिताने के लिए हूं, युवा खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए नहीं. हम अनुभव को महत्व देते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि इससे जीतने के सबसे ज्यादा अवसर होते हैं."
माही का कूल अंदाज
कैप्टन धोनी के कूल अंदाज का ही ये परिणाम है कि टीम फाइनल में है. कई टीमें जब दबाव में बिखर जाती हैं तब चेन्नई उसका सबसे ज्यादा फायदा उठाती है. पूरे सीजन के दौरान, टीम के कई खिलाड़ियों ने आगे बढ़कर अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाई है. कई खिलाड़ियों ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी ली और उसे पूरा भी किया है. ऊपर से धोनी का कूल अंदाज टीम के खिलाड़ियों का विश्वास बढ़ाता है.
रायडू, वॉटसन और धोनी की 'आंधी'
रायडू ने अभी तक चेन्नई के लिए लाजवाब प्रदर्शन किया है. इस सीजन में अभी तक वह 15 पारियों में 153 की स्ट्राइक रेट से 586 रन बना चुके हैं. उन्होंने कई अच्छी गेंदों को चौकों मे बदला. धोनी ने उनकी तारीफ में कहा था कि मैं उन्हें खास तवज्जो देता हूं. बात अगर वॉटसन की जाए तो उन्होंने अब तक 14 पारियों में 145.03 की स्ट्राइक रेट से 438 रन बनाए हैं. उन्होंने कई बार अकेले ही ही मैच जिताया है. धोनी ने इस सीजन में डेथ ओवर में खतरनाक बल्लेबाजी की है. उन्होंने 148 गेंदों में 297 रन बनाए हैं जिसमें 24 छक्के और 16 चौके शामिल है. धोनी अब तक 15 पारियों में 455 रन बना चुके हैं.
इस सीजन में चेन्नई से नहीं जीत पाई हैदराबाद
हैदराबाद और चेन्नई की टीमें आईपीएल के इस सीजन में तीन बार भिड़ चुकी हैं और हर बार जीत की बाजी महेंद्र सिंह धोनी के हाथ लगी है. इसी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए तीसरी बार खिताब जीतने की कोशिश में जुटी चेन्नई 2016 की चैंपियन हैदराबाद से पहले क्वालीफायर मुकाबले के पांच दिन बाद खेलेगी. दोनों टीमें 22 मई को पहले क्वालीफायर में आमने-सामने थी जिसमें 2010 और 2011 की चैम्पियन चेन्नई ने दो विकेट से जीत दर्ज करके फाइनल में जगह बनाई थी.