क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है. कब किस मैच का पासा पलट जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है. मैच जीतने के लिए खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन एक अच्छा क्रिकेटर बनने के लिए न सिर्फ़ कड़ी मेहनत बल्कि समर्पण की भी ज़रूरत होती है. तभी गावस्कर, कपिल, सचिन, धोनी और विराट जैसे खिलाड़ी बन पाते हैं. क्रिकेट मेहनत का खेल तो है ही साथ ही इसमें किस्मत का भी अहम योगदान होता है. किसी बल्लेबाज़ के लिए कोई मैदान बेहद ख़ास होता है तो किसी बॉलर के लिए किसी एक बैट्समैन का विकेट. ठीक उसी तरह भारतीय क्रिकेट और खिलाड़ियों के लिए ऐसा ही एक नंबर बेहद लकी माना जाता है, जिसने कई खिलाड़ियों की किस्मत बदल दी है.
टीम इंडिया से कई खिलाड़ी खेले हैं, जिन्होंने टीम और अपने लिए कई रिकॉर्ड बनाये हैं. लेकिन जिन खिलाड़ियों ने वनडे क्रिकेट में '183' रन का स्कोर बनाया है वो या तो महान क्रिकेटर बने हैं या फिर उन्होंने भारत की कप्तानी की है. यहां तक कि वो भारत के सबसे सफ़ल कप्तान भी बने हैं. ये नंबर कोई चमत्कारी तो नहीं है, लेकिन टीम इंडिया के लिए ख़ास ज़रूर है. टीम इंडिया के तीन खिलाड़ियों पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, एमएस धोनी और मौजूदा कप्तान विराट कोहली का वनडे क्रिकेट में बेस्ट स्कोर 183 रन है. इन तीनों खिलाड़ियों का इस जादुई आंकड़े से कुछ ख़ास रिश्ता रहा है.
आईये जानते हैं:
1. सौरव गांगुली (183)
सौरव गांगुली उर्फ़ दादा ने 11 जनवरी, 1992 को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की थी. 1999 के वर्ल्डकप में श्रीलंका के ख़िलाफ़ दादा ने 17 चौके और 7 छक्कों की बदौलत 183 रन की धमाकेदार पारी खेली थी. वर्ल्डकप में किसी भी भारतीय का ये सबसे उच्च स्कोर है. इस जादुई आंकड़े के एक साल बाद साल 2000 में गांगुली को टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया. इसके बाद दादा भारत के सबसे सफ़ल कप्तान बने. गांगुली God of the Off Side के नाम से भी मशहूर हैं.
2. महेंद्र सिंह धोनी (183*)
एमएस धोनी ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 23 दिसंबर, 2004 को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ की थी. वो अपने पहले ही मैच में शून्य के स्कोर पर रन आउट हो गए थे. इसके बाद धोनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो भारत के सबसे सफ़ल कप्तान हैं. साल 2005 में धोनी ने जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में श्रीलंका के ख़िलाफ़ 183 रन की नाबाद पारी खेली थी. इस धमाकेदार पारी में धोनी ने 15 चौके और 10 छक्के लगाए थे. भारत ये मैच 6 विकेट से जीता था. इसके ठीक दो साल बाद साल 2007 में धोनी को भारत का T-20 कप्तान नियुक्त किया गया. धोनी की युवा टीम ने भारत को T-20 वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. इसके बाद उनकी शानदार परफ़ॉर्मेंस को देखते हुए वनडे की कप्तानी मिली और फिर एक साल बाद टेस्ट टीम के कप्तान भी बन गए.
3. विराट कोहली (183)
विराट कोहली ने 18 अगस्त, 2008 को श्रीलंका के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत की थी. विराट ने साल 2012 में एशिया कप के दौरान पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 183 रन की शानदार पारी खेली थी. भारत को ये मैच जीतने के लिए 329 रन का टारगेट मिला था. जिसमें विराट ने 183 रन की बेहतरीन पारी खेलकर भारत को शानदार जीत दिलाई थी. विराट ने अपनी इस मैराथॉन पारी में 22 चौके और 2 छक्के लगाए थे. 183 के इस जादुई आंकड़े के बाद साल 2014 में विराट को भारत की टेस्ट कप्तानी का मौक़ा मिला. जब एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले लिया था.
4. 1983 वर्ल्डकप
ये तो रही '183' के इस जादुई आंकड़े की बदौलत एक साधारण खिलाड़ी से इंडिया के कप्तान बनने की कहानी. लेकिन ये जादुई आंकड़ा आज से नहीं बल्कि साल 1983 से टीम इंडिया के लिए लकी रहा है. 1983 के वर्ल्डकप में भारत ने उस समय की सबसे मज़बूत टीम वेस्टइंडीज़ को हराकर पहली बार वर्ल्डकप जीता था. इस मैच में भारतीय टीम ने 183 रन का स्कोर बनाया था. भारत ने ये मैच 43 रन से जीता था.
तो, दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा ये जादुई आंकड़ा? अगर आपके पास भी क्रिकेट से जुड़ी कोई भी ख़ास जानकारी है तो हमसे शेयर करें.
1983 वर्ल्ड कप से लेकर अभी तक इंडियन टीम के कई मैचों में अहम योगदान दे चुका है ‘183’ का स्कोर