मौत से हमेशा डरता था मैं,
मरने से नही, बस ख्याल ये रहता था कि मौत के बाद कैसा लगता होगा
बैताल पच्चीसी की छब्बीसवीं कहानी विक्रमार्क न
लड़की और लड़का पांच साल से एक दूसरे के साथ थे,प्यार में थे और खुश थे । एक दिन लड़की ने लड़
अपने कल्पना के घोड़े दौड़ा कर साइंस मे कल्पना का पुट डाल कर कुछ
"होयसलेश्वरा, जिसे हलेवीडु मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, पत
सर्जिकल स्ट्राइक
---" अरे आज संडे है , क्या प्रोग्राम बना
रंगा सियार एक जंगल में एक चतुर सियार रहता था.जंगल के सभी जानवर उसकी चतुरता के
शीर्षक :---दूसरी माँ
मोनिका गर्ग
सानू माँ का लाड़ला जहाँ भी र
दरअसल आज मै आपको अपनी जिंदगी में घटी एक घटना सुनाने आया हूं जिसका सीधा संबंध हमारे दे
कल्पना के घोड़े दौड़ा कर साइंस मे कल्पना का पुट डाल कर कुछ लिखे तो कुछ ऐस
नया पंचतंत्र - सारस और लोमड़ी की कहानी चालाक लोमड़ी सभी से मीठा बोलकर विश्वास ज
मौत से हमेशा डरता था मैं, मरने से नही, बस ख्याल ये रहता था कि मौत के बाद कैसा लगता होगा, हम कहाँ
किशोर अवस्था का अंतिम दौर और युवा अवस्था की दहलीज पर कदम रखते ही मन शांत और कुछ जानने की
प्रेम .... जाल .... ( लघु कथा ) गुप्ता साहब की बिटिया अंजली बड़ी सुंदर थी पढ़ने मे भी काफी तेज थी गुप्ता साहब अपनी बिटिया अंजली के लिए एक अच्छा लड़का तलाश कर रहे थे एक दिन गुप्ता जी ने अंजली से कहा बेटा तेरे लिए एक लड़का देखा है वह इंजीनियर है अच्छे परिवार है अंजली ने तपाक
लघु कथा......."हीत मीत नात घर जोहा, तब खेतन में मुजहँन शोहा" मटका का कुर्ता और परमसुख की धोती झहरा के झिनकू भैया, पान दबाये, मुस्की मारते हुए खूब झलक रहे थे। बहुत दिनों बाद नबाबी लिवास में झिनकू भैया को देखकर, आंखें रंगीन चौराहे की भरचक सड़क पर गोता खा गयी। अरे भैया क्या
रावण का पुत्र वीर योद्धा मेघनाथ यह जान गया था की श्रीराम
"वाह रे अपनत्व" झिनकू भैया दौड़-दौड़ के किसी को पानी पिला रहे हैं तो किसी को चाय और नमकीन का प्लेट पकड़ा रहें है। किसी को सीधे-सीधे दोपहर के खाने पर ही हाल- हवाल बतला रहे हैं। सुबह से शाम जब भी किसी का झोला उठ जाता तो उसको बस पकड़ा रहें होते हैं। कभी सामान से भरी अटैंची उठाए