संभाला बहुत बिखर जाने से पहले।
सोचा बहुत हिचक जाने से पहले।।
आंखों में जिनकी खोये थे कभी हम।
बहलाया उन्हें रुलाने से पहले।।
हवाओं ने गेसू बिखराये जब उनके।
हुए सुर्ख रुख़सार लजाने से पहले।।
वक्त के मानिंद वो फिर नहीं आये।
नज़रें झुकाये थे जाने से पहले।
हमको न मालूम बाज़ार की फितरत।
लुटा दी दुकान लगाने से पहले।।