shabd-logo

फलीभूत भी हो सकता है

8 सितम्बर 2021

45 बार देखा गया 45

कभी-कभी मिल जाते यूं ही,अपने चलते -चलते।
कभी-कभी सपने जगते हैं,आंखें मलते-मलते।।

कभी -कभी सोचा करता हूं,पकड़ूं राह नवेली।
कभी-कभी जी में आता है, कौन सुनेगा मेरी?
कभी-कभी आसान बहुत है, सोचा समझा अपना।
कभी-कभी धोका देता है,दिन में देखा सपना।।
कभी-कभी  दीपक बुझ जाता,यूं ही जलते -जलते।
कभी-कभी सपने जगते हैं, आंखें मलते-मलते।।

कभी-कभी नयनों से होती, बारिश खारी -खारी।
कभी-कभी गिर कर उठना भी,हो जाता है भारी।।
कभी नहीं हिम्मत को हारो,मंत्र यही  है जपना।
फलीभूत भी हो सकता है, दिन में देखा सपना।।
वक्त लगा लेतें हैं यारों,  द्रुम भी फलते-फलते।
कभी-कभी सपने जगते हैं, आंखें मलते-मलते।।
©कमल कांत


Shivansh Shukla

Shivansh Shukla

बहुत खूब सर🙏🙏❣️❣️

8 सितम्बर 2021

कमल कांत

कमल कांत

8 सितम्बर 2021

धन्यवाद 🙏

Poonam kaparwan

Poonam kaparwan

शानदार अभिव्यक्ति ।

8 सितम्बर 2021

कमल कांत

कमल कांत

8 सितम्बर 2021

धन्यवाद 🙏

26
रचनाएँ
कमल कांत की डायरी
0.0
फुटकर विविध रचनाएं
1

नया पंचतंत्र

30 अगस्त 2021
4
6
2

<p><br></p> <p>नया पंचतंत्र - सारस और लोमड़ी की कहानी</p> <p>चालाक लोमड़ी सभी से मीठा बोलकर विश्वास ज

2

कोई न आया होगा

31 अगस्त 2021
7
7
4

<p><br></p> <p>कौन आएगा यहां, कोई न आया होगा<br> <br> बेशर्म हवाओं ने दरवाजा खटखटाया होगा</p> <p>यह

3

लुटा दी दुकान लगाने से पहले

1 सितम्बर 2021
3
5
2

<p><br></p> <p>संभाला बहुत बिखर जाने से पहले।<br> सोचा बहुत हिचक जाने से पहले।।<br> आंखों में

4

उस को देखा तो ये ख़याल आया….

1 सितम्बर 2021
4
7
2

<p><br></p> <p> उस को देखा तो ये, ख़याल आया।</p> <p>

5

हिचकी

2 सितम्बर 2021
4
7
2

<p>चिर-परिचित सी कोई धुन, जब पड़ती इन कानों में।<br> <br> तेरी यादों के जुगनू , चमके इन वीरान

6

ये बीच वाले

2 सितम्बर 2021
3
7
0

<p><br></p> <p>जब कभी हम बीच में रह कर निकल जाने की कोशिश में रहते हैं तो अक्सर भूल जाते हैं कि युधि

7

मधुशाला और साकी

6 सितम्बर 2021
3
4
0

<div align="left"><p dir="ltr">कुछ यादें और तन्हाई <br> मुझको लाईं मधुशाला ।<br> साकी अपनी आंख

8

फलीभूत भी हो सकता है

8 सितम्बर 2021
4
7
4

<div align="left"><p dir="ltr">कभी-कभी मिल जाते यूं ही,अपने चलते -चलते।<br> कभी-कभी सपने जगते हैं,आं

9

..याद आया!

9 सितम्बर 2021
3
12
1

<div align="left"><p dir="ltr">शहर से गुजरती थी रेल की पटरी,<br> गाड़ी का छुक-छुकाना याद आया |</p> <p

10

आत्मबोध

11 सितम्बर 2021
2
5
0

<div align="left"><p dir="ltr"><b>आत्मबोध</b><br> ...............<br> कुछ झिलमिल कुछ -कुछ कुहासे सी,

11

ऐसा क्यों होता है ?

12 सितम्बर 2021
6
9
3

<div align="left"><p dir="ltr"><b><span style="font-size: 1em;">रखवाला कर्तव्य भूल कर,खुली आंख सोता

12

महिमा अनंत है

17 सितम्बर 2021
4
3
2

<div align="left"><p dir="ltr">हफ्ते में संडे की, काशी में पंडे की।<br> चेलों में गंडे की,महिमा अनंत

13

सवाल अनेक:जवाब एक

17 सितम्बर 2021
1
3
0

<div align="left"><p dir="ltr">कामवाली आज नहीं आई,<br> ऊपर के काम कौन करेगा?<br> साबुन इतना कै

14

तुक्तक

18 सितम्बर 2021
0
5
0

<div align="left"><p dir="ltr"></p><div><br></div><ul><li><b> मांग में सिंदूर की, मय में अंगूर की।</

15

चपरासी मुझको लगवा दो

18 सितम्बर 2021
0
8
0

<div align="left"><p dir="ltr">चपरासी मुझको लगवा दो...<br></p> <p dir="ltr">हे प्रभु ! तुम दया के सा

16

नटवर नागर

23 सितम्बर 2021
2
3
2

<div align="left"><p dir="ltr"><br> गिरिधारी नटवर नागर, मोर मुकुट मोहे भाया।<br> सूरत मैं तेरी

17

आज की ताजा ख़बर

6 अक्टूबर 2021
4
2
6

वो जो तूफानी करते हैं,अपनी मनमानी करते हैं।<div>पत्थर फेंकें हुड़दंग मचायें,बेशर्मी से धाक जमायें।।</

18

सत्यबाला अब क्या करे?

13 अक्टूबर 2021
2
2
0

<div>वह द्विविधा में थी कि सतीश के प्रस्ताव को किस तरह स्वीकार करे . उसके सुदर्शन व्यक्तित्व से वह प

19

नर्म,गर्म और शर्म

18 अक्टूबर 2021
3
3
2

<div align="left"><p dir="ltr"><b>बंधुराम किसी सरकारी कार्यालय में लिपिक थे. स्वभाव से बेहद नर्म और

20

धीरे,धीरे..

18 अक्टूबर 2021
1
0
1

<div align="left"><p dir="ltr">मिलेगी हमारी नज़र धीरे धीरे,<br> मोहब्बत करेगी असर धीरे धीरे ।

21

बदलना संभल-संभल के

18 अक्टूबर 2021
3
1
2

यह कहानी है एक शेर और एक हाथी की . दोनों एक ही वन में रहा करते थे । एक मांसाहारी और दूसरा विशुद्ध शा

22

गुरुभक्त आरुणि

19 अक्टूबर 2021
1
1
0

<div align="left"><p dir="ltr"><b><u>व्यंग्य</u></b><b> विनोद की चाशनी में डुबा कर परोसी गई पुरानी क

23

जीवन क्या है?

21 अक्टूबर 2021
1
0
2

<div align="left"><p dir="ltr">जीवन एक साबुन का बुलबुला है,<br> सुंदर, मनभावन,रंगीन।<br> तभी तक ,जब

24

दादी तुम ऐसी क्यों हो?

21 अक्टूबर 2021
1
1
0

<div align="left"><p dir="ltr"><span style="font-size: 1em;">अक्सर वही गीत गुनगुनाती हो क्यों

25

गुस्ताखियां

22 अक्टूबर 2021
2
1
2

<div align="left"><p dir="ltr"><b>1.दंगा:</b><br> &n

26

नास्तिक कौन है?

23 अक्टूबर 2021
2
1
0

नास्तिक कौन है?<div><br></div><div>नास्तिक शब्द से हमें ऐसे व्यक्ति का बोध होता है जिसकी प्रचलित धर्

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए