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रोजमर्रा

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22/9/2022 दिन-गुरुवार 😊📚प्यारी दिलरुबा कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम तो है बस कहना बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना,,           😊हां दिलरुबा कभी-कभी किसी की कोई बात मन को बहुत चुभ जाती ह

डियर काव्यांक्षी                     कैसी हो प्यारी🥰मैं तो बहुत बहुत बहुत ही ज्यादा खुश हूं, क्यों ?? अरे तुम भूल गई ऐसे कैसे भुल गई काव्यांक्षी

मैं एक किसान हूँ सदियों से पिसता रहा हूँ  सब कुछ झेलता रहा हूँ गरीबी लिखी मेरे भाग्य में बस,  उसी का एक निशान हूँ, मैं एक किसान हूँ।  राज महलों से क्या मतलब मुझे सुखों की कैसी तलब  प्रकृति से जुड़ा

20/9/2022प्रिय डायरी,                आज का शीर्षक है नारी शक्ति का दुरुपयोग,नारी उस वृक्ष की भांति है जो विषम परिस्थितियों में भी तटस्थ रहते हुए राहगीरों क

हैलो सखी।कैसी हो ।कल रात तो जम कर मेघा बरसे ।बस देहली शोप पर आते समय थोड़ा रास्ते मे दिक्कत होती है जगह जगह जल भराव हो जाता है बाकी जो मौसम मे उमस थी उससे काफी निजात मिली।शोप पर आकर बैठे और मोबाइल खोल

डियर दिलरुबा दिनांक 19/9/22 दिन-सोमवार। समय-1:10रात्री 📚📚📚📚 डियर दिलरुबा देखो आज मैं तुमसे मिलने कितनी देर में आई हूं,,, तुम्हें इंतज़ार  करना पड़ा ना,,,, तुम तो जानती ही हो,, वैसे तो रात के सन्ना

प्रिय सखी ।कैसी हो ।मै अच्छी हूं ।अब की बार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में भाग ना लेने का विचार किया है ।बस मन नही करता ऐसे जीत हासिल करने से ।जब फोन वेरिफिकेशन होने लगेगा और रियल पाठक बढ़ेंगे रचनाओं पर

18/9/2022प्रिय डायरी,                आज का शीर्षक है अंधविश्वास,अंधविश्वास होता क्या है यही बड़े बुजुर्ग लोगों ने बताया कि जाते समय खाली बाल्टी देखो अच्छा

प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे है और देहली शोप पर है।आजकल श्राद्ध पक्ष के कारण लोग कपड़ा कम खरीद रहे है इसलिए काम थोड़ा ढीला है ।ये लोगों का अंधविश्वास नही तो और क्या है । क्या हमारे पूर्वज हमे अच्छे कपड़

रिश्ता ! क्या होता है ये रिश्ता और इनके मायने क्या होते हैं ? कौन देता है इन्हें मां बाप ,भाई बहन और ऐसे अनेकों नाम, साथ ही इनमे  जन्म लेती और पल्लवित होती भावनाएं और एक अपनत्व को जतलाता हुआ अख्त

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है और मजे से है ।आजकल देहली शोप पर नही जा रही हूं ।कल बैंक का काम था सोई उसे निपटाते हुए बारह यही बज गये ।फिर देहली गये ही नही। कुछ दिनों से फरीदाबाद में मौसम खराब ही चल रह

17/9/2022प्रिय डायरी,                  आज का शीर्षक है नारीवाद,      नारीवाद अवधारणा का आरंभ इस विश्वास के साथ होता है कि स्त्रियां पुर

नारीवाद~एक इंसान के तौर पर जब हम इस धरती पर आते है तो सबसे पहला सानिध्य जिससे होता है वो एक नारी है, एक बुभुक्षु के तौर पर हमें कराई गयी पहली क्षुधा पूर्ति का माध्यम एक नारी होती है , और तो और हमारे स

प्रिय सखी।कैसी हो। हम अच्छे है ।कल ही पतिदेव की दादी जी का श्राद्ध था।मौसम भी बदल रहा है तुम से गुजारिश अपना ख्याल रखा करो ।आज का विषय:-पितृपक्षजो  आजकल चल रहा है अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष को पित

15/9/2022प्रिय डायरी,                  आज का शीर्षक है मानवीय पूंजी,      मानवीय पूंजी निवेश उसके विचारों का दर्पण होता है। मानव को समा

अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चे पहली बार स्कूल जाते हैं तब वे बहुत घबराए हुए से होते हैं। नई जगह, नए लोगों के बीच वे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते। इन्हीं सब चिंताओं का सामना करने के लिए उन्हें अप

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14/9/2022प्रिय डायरी,                 आज का शीर्षक है हिन्दी दिवस,       आज का दिन हिन्दी भाषा का दिन अर्थात दिवस है। हिन्दी हमारी मातृ

प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है । औरों का पता नही हम पूर्णतः स्वस्थ है। हां लोग कोशिश करते है अपनी बीमारी दूसरे पर लादकर उसे बीमार घोषित करने मे लगे रहते है पर जनता और जानकार बेवकूफ नहीं है उन्हें समझ

डियर काव्यांक्षी                        कैसी हो प्यारी🥰 मैं लोगों की लाख कोशिशों के बाद भी अच्छी हूं प्यारी,😀वैसे तो मैं खुद में मस्त और म

डियर दिलरुबा दिनांक-12/9/22 दिन-सोमवार 🙇💐कैसी हो दिलरुबा, आजाओ अब  कुछ तुम्हारी सुनते हैं और कुछ अपनी लिखते हैं,,, हां तो दोस्त, मैं बता रही थी...आज तो मैं बहुत ख़ुश हूँ।वजह मेरा बगीचा, सुंदर फूलों

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