एपिसोड आठवा- अरुण आएशा की नजदीकियां
पिछड़े एपिसोड में हमने देखा था की एलन और आएशा की सगाई अच्छे से हो गईं है, आकाश भी बहुत खुश है, उसकी एक बहन का तो वो मिल गया जो वो पाना चाहती है, पर फिर भी वो आएशा के लिए परेशान है।
जैनी को तो उसने बचपन से देखा था, जैनी उसकी छोटी बहन थी, सब की लाडली थी वो घर में, इकलौती लड़की थी परिवार में, तो उसके पापा और चाचा बहुत प्यार करते थे उससे, शायद इसलिए आकाश को एलेन के पापा के कहने पर उसे अनाथ कहकर छोड़ जाना उसे पसंद नही आया था।
पर कहते है ना अच्छी कर्मो से हम अपनी तकदीर बदल सकते है, वैसे ही जैनी के अनजाने में किए मदद से जैनी की किस्मत बदल गईं थी। क्या सवाल ये है की क्या अरुण के अच्छे कर्मों से आएशा भी राजी हो जाएगी उससे शादी करने के लिए, और फिर सवाल ये भी था की कैसे अरुण और अरुण के पापा के बीच की दूरियां खत्म हो सकती है।
कई सवाल से जुंज रही थी आएशा इस वक्त, फिर उसे अपने भी तो सवालों के जवाब ढूंढने थे, वो हर वक्त किसी के कॉन्टैक्ट में थी, कौन था वो। जो आएशा को मदद कर रहा था, ये तो आनेवाले एपिसोड में जान ही जाएंगे।
फिलहाल तो हम आएशा पर आते है, आएशा को घूमने का शौक था, जब की अरुण को ज्यादा घूमना फिरना पसंद ना था, आएशा को ख्वाबों जैसा राजकुमार चाहिए था, जब की अरुण इमोशन होने के साथ साथ बहुत ही प्रैक्टिकल था, बिलकुल आएशा के पापा जैसा।
कहने को तो आएशा और उसकी मम्मी रीना की लव मैरिज हुवी थी, पर उसमे प्यार दिखाई नही देता था, दोनों ही अपने अपने जिंदगी में इतने व्यस्त थे की जैसे मैंने पहले कहा, सिर्फ रात को ही एक साथ दिखते थे, रात का डिनर तीनों मिलकर साथ करते थे, कभी कभी देर होती तो, बाहर से ही खाना खाकर आते थे दोनों।
आएशा को तो बचपन से ही इसकी आदत हो चुकी थी , कहा ना एक वक्त के अलावा सब कुछ था उनके पास आएशा को देने के लिए। तो आएशा अपने जिंदगी में ऐसा इंसान चाहता था, जो की उसको वक्त दे पाए।
इस वक्त आएशा किसी एगेजमेंट और शादी के बारे में नहीं सोच रही थी, फिलहाल तो वो अपना फोकस उस सपने पर रखना चाहती थी, जो उसे बार बार आकर परेशान करता है।
अरुण से बार बार बात होती ही रहती थी, कहा ना जैनी के वजह से वो काफ़ी अच्छे दोस्त बन गए थे, जैनी और एलन को मिलवाने में एलेन का भी बड़ा हाथ था। वैसे अरुण और आएशा दोनों में कुछ कमी ना थी, अरुण को तो मैंने बताया वैसे आएशा पसंद थी।
जैनी भी बहुत खुश थी, जैसे मैंने बताया कि खुशी और गम दोनों हो तो वे उसी ब्रिज पर आकर खड़े हो जाते थे, घूमने को तो काफ़ी जगह थी लंदन में, पर जैनी और आएशा को वही ब्रिज पसंद था।
जैनी आज आई नहीं थी, आज भी आएशा थोड़ा बैचेन महसूस कर रही थी, तो वो अपनी स्कूटी लेकर ब्रिज पर आकर खड़ी हो गई। नीचे से थेम्स अपनी ही धुन में बही जा रही थी।
नदी का भी कैसा है ना कहा से बहती है और कहा जाकर पहचुती है, ये किसीको नहीं पता होता है, आएशा भी कुछ ऐसा ही सोच रही होती है, आएशा आकाश से भी बाते करती रहती है, तो आकाश उसे काफ़ी धीर देता रहता है।
आकाश का कोर्स पूरा होता है, वैसे जैनी का यहां पर सब सॉर्ट आउट हो चुका होता है, जैनी का भी सिर्फ एक साल ही बाकी होता है, बाद में उसको भी इंडिया जाना होगा, एमबीए खत्म होने के बाद उसकी शादी तय थी, वैसे एंगेजमेंट पर तो किसका इंडिया से आशीर्वाद देने आना पॉसिबल ना हो पाया था, पर शादी तो इंडिया के रस्मो रिवाज के अनुसार ही करना चाहती है।
सबने उससे वीडियो कॉल पर ही आशीर्वाद दिया था, एलेन के पापा को भी कोई ऐतराज ना था, आएशा और अरुण के एंगेजमेंट की डेट नजदीक आ रही थी, तो आएशा अब अरुण से बात करना चाहती है।
जैसे मैंने पहले बताया कि वो ब्रिज पर खड़ी है, बाय चांस वहा पर अरुण अपने दोस्त के साथ आता है, आएशा को देखकर वो उसके पास चला आता है, आएशा को वो परेशान देखता है।
अरुण को जल्दी जल्दी में फोन आता है, वो चला जाता है, तो अरुण आएशा के पास चला जाता है, आएशा अब उससे बातें करना चाहती है। आएशा अब उसके सपने के बारे में नहीं बाते करती है, वो बताती है की वो सपने में क्या क्या देखती है, क्या सच में उन सपनों से जुड़ा है कही ना कही अरुण भी।
आगे देखते है क्या होता है, कैसे अरुण की एंगेजमेंट रुक जाती है, कैसे आएशा जीवन के पास आती है इंडिया जैसे मैंने पहले बताया था की आएशा एलेन के aunt के पास चली जाती है जो की डॉक्टर यानी की साइकेट्रिस्ट होती है।
आएशा वैसे तो मेडिसिन लेती है, तो थोडी कम परेशान होती है, आएशा और जैनी आज दोनों ही साथ आए है, आएशा के सपनो के बारे में जानने के लिए आज आएशा के ऊपर hyponotism यानी की सम्मोहन करना चाहती है।
आएशा को अब कुछ कुछ धुंधला दिखाई दे रहा था, वो कुछ साफ साफ़ दिखाई दे रहा था। उसे सिद्धिविनायक मंदिर के साथ साथ अब एक और चेहरा दिखाई दिया, जो जीवन का था, पुलिस में एक इंसान और साथ में अहमद, अहमद आपको कैसे पता होगा, जानिए आगे की कहानी में अहमद के बारे में, क्या अहमद भी हमारे जीवन की तरह वापस आया है, किसी ना किसी शक्ल में, देखते है आगे।
अरुण भी अब उसको साथ देता है, आएशा अरुण को बताती है और चाहती है की वो इंडिया में जाना चाहती है। अरुण को कोई ऐतराज नहीं है, उसको इंडिया जाने से।
उसे समझ नही आता है की पापा मम्मी को कैसे बताए जब की उन्हें तो अब तक ख्वाबों के बारे में पता नहीं और बताया तो भी कोई फायदा नही क्योंकि पापा मम्मी तो पहले उसे सब भूल जाने को कहेंगे और इंडिया जानें की परमिशन भी ना देंगे, अरुण उसको वादा करता है की वो आएशा के पापा से बात कर कर उसे इंडिया जाने की परमिशन दिलाएगा।
क्यूंकि मैंने पहले बताया वैसे आएशा के पापा का अरुण पर काफ़ी भरवोसा है, तभी तो वो आएशा के साथ उसकी शादी करवाने जा रहे है। अरुण एक इतवार को अपने मम्मी निशा के साथ आएशा के घर पर आता है।
फोन पर अरूण ने कहा होता है जरूरी बात करना है, इसलिए आज घर पर सब रुके हुवे है, आज पहली बार वो अपनी बेटी के बारे में जान जाएंगे। क्या फैसला होगा उनका क्या समझ पाएंगे आएशा को।
आज आएशा के तरफ से पहली बार कोई बात करनेवाला था उसके पापा को, हमेशा उसको सपोर्ट करनेवाली जैनी भी फिलहाल कुछ काम से आ नहीं पाई थीं, उसकी केयरटेकर कावेरी को तो वी कैसी समझाती उसको तो लगता है की कोई भूत प्रेत का असर है उसपर।
लंच होने के बाद सब हॉल मैं आकर बैठते है, अब वो आएशा के तरफ देखता है, आएशा बेचारी डरी सहमी खड़ी है, उसको पापा क्या कहेंगे इस बात की फिकल हो रहि है।
अरूण आएशा को बोलने के लिए कहता है, तो पापा आएशा के तरफ देखता है, आएशा जी कभी अपने पापा के सामने मुंह नहीं खोलती है तो आज क्या वो बोल पाएगी। पर आज उसका बोलना जरूरी है।
पहले ही आएशा कहती है की उसकी एंगेजमेंट करने के लिए मना नहीं है, पर फिलहाल वो ना शादी ना एंगेजमेंट करना चाहती है। सब अवाक होकर सुन रहे होते है, वो आगे कहती है की वो इंडिया जाना चाहती है, अपने बारे में और जानना चाहती है।
क्या पापा रोक लेंगे वो सगाई, क्या आएशा को मिलेगी परमिशन इंडिया जाने की, सुनिए आगे, वो पहले से सब कुछ जो उसके साथ हुवा वो बताती है। वो बताती है कैसे उसे अलग इंसान के साथ वो मंदिर और बच्ची रोते दिखाई देती है, सब सुन रहे होते है।
आगे आएशा बताती है की कैसे वो एलेन के एंट के पास अपना इलाज करने के लिए जाती है, कैसी उसके हर सपनो का कनेक्शन इंडिया से है, कैसे उसको अपने सारे जवाब इंडिया जाकर मिलेंगे।
क्या पापा सगाई रोकेंगे, कौन मदद करेगा इन सब में, क्या अपना काम छोड़कर पापा मम्मी जा पाएगी आएशा के साथ, या ये सब सुनकर निशा अरूण को ये एंगेजमेंट करने देगी देखते है आगे।
पापा ने सब सुनकर भी इंडिया भेजने से मना कर दिया, वो तो काफ़ी दिनों से इंडिया नहीं गए थे, ऊपर से जैसा उसने बताया था अपने ख्वाबों के बारे में, उसकी जान को भी वहा पर खतरा था, तो वो वहा उसको भेजना नहीं चाहते थे।
वैसे कही गलत ना थे क्यूंकि वो इनकी इकलौती बेटी थी, तो वो किसी भी कीमत पर अपने बेटी की जिंदगी खतरे में नहीं डालना चाहते थे।
क्या अरूण उनको समझने में कामयाब हो पाएंगे, वैसे तो अरूण बहुत मैटर करता था, पर यहां तो सवाल उनके सबसे लाडली बेटी आएशा के जिंदगी का था, तो अब तो वो भगवान के भी नहीं सुननेवाले थे, अब अरूण के लिए ये काफ़ी मुश्किल होनेवाला था, क्यूंकि उसने आएशा को उसके पापा को राजी करवाने का वादा किया था।
बहुत समझने के बाद उसके पापा राजी हुवे थे, पर उन्होंने उसके सामने एक शर्त रखी थी, अब ये जानना मजेदार होगा ना की वो शर्त क्या थी, और इंडिया आने के लिए क्या वो अपने पापा के रखे शर्त को मान पाएगी।
वो वहा से गुस्से में चली जाती है, ऐसा क्या कहा होगा उसके पापा ने की वो वहा से ऐसी चली जाती है, पापा तो अपनी बातो पर अड़े थे तो वो तो ऐसी जाने ही नहीं देनेवाले थे, अरुण उसके पिछे पिछे चला जाता है, आएशा रूम के अंदर चली जाती है।
वो पापा से काफ़ी नाराज है, पर गुस्सा नहीं है। उसको समझ नहीं आ रहा है की अब वो क्या फैसला ले, क्या अरूण उसकी सही फैसला लेने में मदद कर पाएगा,क्या पापा के चाहे मुताबिक वो कर पाएगी, कैसे अरुण उसकी मदद कर पाएगा।
अरूण के बहुत समझने के बाद आएशा राजी होती है,पर निशा थोडी सी नाखुश दिख रही है,पर उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। वो भी फिलहाल चुप है, वैसे अरूण मन ही मन में बेहत खुश है, और साथ में आएशा के पापा भी खुश है आखिर क्यों ना हो उनकी मन की होने जा रही है।
आएशा के मॉम थोड़ी उदास है उसे समझ नहीं आ रहा है, वो क्या करे, सब बातें खत्म करने के बाद अरूण और उसकी मम्मी अपने घर चले जाते है। अरुण की मम्मी कुछ बोले बिना ही अपने रूम के अंदर चली जाती है, अरुण का उस ओर ध्यान ही नहीं जाता है, वो तो अपने आप में ही मगन है।
अरुण के पापा को वैसे उसका डिसीजन पसंद ना था, पर मॉम उसके साथ थी, घर आते हुए जो बात उसने महसूस ना की थी, अब उसको ध्यान मॉम पर गया, वो कुछ नाराज लग रही थी , पर पापा के सामने वो अरुण को कुछ नहीं बोली।
रात का डिनर होने के बाद सब काम निपटाकर निशा जा रही होती है, तभी वहा पर अरुण आ जाता है, अरूण अपनी मॉम को अपने कमरे के अंदर लेकर चला गया।
आखिर क्यू नाराज थी निशा कैसे मनायेगा अपनी मॉम को, पहले क्या समझाया आएशा को और अब क्या और कैसे समझाएगा अपनी मॉम को। थक हार करउसकी मॉम तो ताजी होती है, वैसे उसको अपने बेटे की भविष्य की चिंता हो रही थी।
अरूण से बात करकर वो सो बेड रूम में चली जाती है, अरुण के डैड निशा को परेशान देखते है, वैसे अरूण से बात ना होती थी तो क्या निशा अरूण के जिंदगी में होनेवाली हर एक छोटी बड़ी बात मोहन यानी की अरुण के डैड को बता पाएगी इतनी बड़ी बात, जो पहले से ही अरूण से नाराज है।
ऐसी कौन सी बात थी, क्या शर्त थी पापा की। क्या बात कही थी आएशा को अरुण ने की वो पापा की शर्त मान गईं थीं। क्यू आखिर नाराज़ थी निशा, क्या कहेंगे निशा के अति यानि मोहन, अपने बेटे को फैसला लेने देंगे, क्या निशा बेटे को लेकर क्यों परेशान है ये बता पाएगी, कौन लेके आएगा उसको इंडिया, क्या कीमत चुकाएगी इंडिया आने की, उसकी मां क्या अपने बेटी को समझ पाएगी, और आकाश उस हादसे से के बारे में और इंफॉर्मेशन जान पाएगा, ये जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी
"दो चेहरे प्यार या धोखा!"