एपिसोड 9 - एंगेजमेंट की तैयारी
पिछड़े एपिसोड में हमने देखा की आएशा ने अपने मॉम डैड को सारा सपनों का सच बता दिया था। अरूण के कहने पर वो पापा की शर्त मनाने के लिए तैयार हो गई थी, पर ना तो निशा और ना तो आएशा की मॉम रीना तैयार थीं, आएशा भी नाराज़ ही थी।
आएशा के डैड और अरूण दोनों ही सिर्फ ऐसे थे की जो इस बात से खुश थे, आएशा के पापा को अरूण काफ़ी अच्छा लगता था, इसलिए वो आएशा की शादी उससे करना चाहते थे, पर खुद के ही मॉम और डैड को नाराज करकर क्यों ही अरुण आएशा के साथ रिश्ता जोड़ना चाहता था। क्या कोई राज़ छिपा था इसके पीछे, जानते है आगे।
आएशा के पापा की जोरों से तैयारी चालू थी, आएशा ने पापा को इतना खुश कभी नहीं देखा था, आएशा के मॉम को तो आएशा की फिक्र हो रही थी। पर वैसे ही रीना की आएशा के डैड से बात नहीं हो पाती थी, पर फिलहाल वो आलोक के साथ बात करना चाहती है।
फंक्शन के कारण दोनों की बात नहीं हो पा रही थी। ऐसा नहीं था की आएशा शादी नहीं करना चाहती थी, पर वो पहले अपने सपनों के सच उजागर करना चाहती थी। पर उन सपनों तक पहुंचने की क़ीमत पापा ने बहुत महंगी मांगी थी, अरूण आएशा को एक दोस्त के तौर पर पसंद था, कहा अभी भी वो उसे ठीक से जान पाई थी।
दोस्त बनकर शायद अरूण अच्छा था, पर इससे ज्यादा फिलहाल के लिए उसके बारे में सोचना लगभग नामुमकिन था, पर पापा तो पापा थे, वो कहा ही समझने वाले थे ये बात। तो वो भी बस निराश होकर तैयारिया को गौर से देखे जा रही थी।
अरूण ने चुपके से मां से क्या कहा था, वो ही जाने की अब निशा भी तैयार हो गई थी, अब बारी पापा को मनाने की थी, वैसी आएशा भी ठिक ही कह रही थी बिना पापा के यानी मोहन के अरूण के ज़िंदगी में कैसे कोई खुशियां हो सकती थी।
तो अरूण ने ये जिम्मा उसके मां पर यानि निशा को दे दिया, वैसे निशा ये समझाने में असफल रहीं, फिर भी पापा फंक्शन में चले आने के लिए राज़ी हुए। पर मन ही मन में चाहते थे की ये फंक्शन ना हो, देखते है आगे क्या होता है।
अब वो दिन आ गया था की अब चाहे अनचाहे ही उसको तैयार होना पड रहा था उसे सिर्फ अब अरुण पर यकिन था आखिर क्यू था आएशा को अरुण पर यकिन ऐसा क्या कहा था अरुण ने सबको ही, और आएशा के पापा को किस चीज़ की जल्दी थी क्या कोई राज छिपा था उनके इस बर्ताव के पिछे जो शायद आएशा और रिना ना जानती हो।
जैनी और एलन सुबह से आये हुंवे थे, आखिर क्यू नहीं आते जब की वो दोनों आज आएशा और कुछ हद तक अरूण की बजह से एक हो रहे थे, आएशा को जैनी समझाने की कोशिश कर रही थी की सब ठिक हो जायेगा, उसे तो सबसे ज्यादा इस की फिक्र हो रही थी, वो आगे तो बढ रही है पर पिछे कुछ छूट ना जाये।
सब तैयार होकर चले गये एक बडे़ से हॉल में , हॉल पहले से ही किसी दुल्हन के तरह काफ़ी खुबसुरत सजा हुंवा था, आखिर आलोक के एकलौती बेटी की सगाई सबसे रईस के बेटे मोहन के बेटे अरुण से होने जा रही थी। बहुत खुशी का मौका था, आएशा तो इतनी खुबसुरत दिख रही थी की सबकी नजर उस पर ही रुकी हुंवी थी।
उसे नजर ना लगे इसलिए आएशा के कावेरी दादी ने उसे नजर का टिका लगा रखा था, कावेरी दादी भी बहुत खुश थी पर आएशा किस बजह से नाराज है ये वो समझ नहीं पा रही थी।
अरूण भी काफ़ी हैंडसम दिख रहा था इंडो वेस्टर्न लुक में, वैसे मैंने पहले कहा था वैसे अरुण भी बेहत हैंडसम था दिखने में, कहते है ना एक तो गुड लुकिंग और ऊपर से रिच, डेडली कॉम्बिनेशन था अरूण का। इसलिए तो पापा मोहन नहीं चाहते थे की राइवल के बेटी से अरूण एंगेजमेंट करे, उसके अपोजिट ही वो चाहता था की उसकी दोस्त के बेटी से वो शादी करे जो अरूण की बचपन से दोस्त है।
आज आई है वो भी एंगेजमेंट में, दोनों के लिए वो बेहत खुश है, आएशा के पापा के शर्त नुसार एंगेजमेंट के दो तीन हफ्ते बाद ही अरुण और आएशा की शादी होनेवाली थी, जिस ऑफिस में अरूण काम करता है वहा की पोस्ट यानि सीईओ की पोस्ट अरूण को मिलनेवाली थी, जैसे मैंने बताया नए बिज़नेस करने के लिए अरुण को आलोक एक जगह के साथ साथ मदद के तौर पर फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट करनेवाला था। तभी तो अरुण ये एंगेजमेंट करने जा रहा था, इतनी ही वजह थी या कुछ ओर, जैसे मेरी स्टोरी का टाइटल ही है यह दो चेहरे तो हर किसके इस कहानी में दो चेहरे है, बस देखते है कब वक्त उसे आपके सामने लाता है।
वो वक्त आ गया जब आएशा और अरूण और उसकी फैमिली स्टेज पर थी एंगेजमेंट के लिए, साथ साथ जैनी, एलन और उसके कॉलेज के दोस्त भी आए हुवे थे, तय किए हुवे मोहलत पर अंगूठी पहनानी थी, बेहत सारे महंगे महंगे तोफे मिले थे अरूण और आएशा को। वैसे तो अरूण के पापा आएशा के पापा के लिए नए नहीं थे, जैसे मैंने कहा कई बार दोनों का आमना सामना हो चुका था, पर क्या पता था दिनों को एक दिन रिश्ता जुड़ेगा, तो दोनों ने एक दूसरे को ग्रीट किया अच्छे से।
बस सारे रिचुअल पुरे होने के बाद अरूण और आएशा ने एक दूसरे को एंगेजमेंट रिंग पहनाई, ऑफिशियली अब वो एक रिश्ते में बंध गए थे, जैसा की मैंने बताया उसके तुरंत कुछ हफ्ते बाद शादी होने जा रही थी।
मेरे जैसा आपको भी ये सवाल मन में आ रहा है, जब शादी करके ही आएशा इंडिया आएगी तो क्या फायदा वो जीवन से मिले या ना मिले, जैसे की तय था एंगेजमेंट के तुरंत बाद ही अरूण को वो पोजीशन मिलने वाली थी जी वो हासिल करना चाहता था, और साथ में नई जगह के साथ आएशा के पापा ने इनवेस्टमेंट किया था कुछ, उसे एंगेजमेंट में यही गिफ्ट मिला।
एंगेजमेंट में अरूण के फैमिलीवालो ने भी आएशा को खूब गिफ्ट दिए आखिर क्यू ना देते जिस मकसद के साथ एंगेजमेंट की थी वो तो अभी भी पूरा नहीं हूंवा था,आखिर क्या मकसद था जान ही जायेंगें आगे की कहानी में।
आएशा को बिल्कुल शादी की फिक्र नहीं थी, अब उसे इंडिया आने के जल्दी ही रही थी, कोई था अरूण के जान पहचान का जो उसे यहां पर मदद करनेवाला था, कौन था वो उसका जान पहचान वाला इंडिया में। क्या उसका भी कोई रिश्ता होगा आएशा के अतीत से देखते है आगे।
पापा को बिना बताए ही आएशा और अरूण ने वीजा के साथ इंडिया जाने के लिए टिकट का बंदोबस्त किया, जानती थी आएशा की पापा को बताएगी तो पापा और मम्मी जाने नहीं देंगे, अरूण ने रहने का और खाने पीने का अच्छा बंदोबस्त किया था, अरूण को भी बड़ी जल्दी हो रही थी आएशा को भेजने की।
जैसे मैंने बताया वैसे ही आएशा और अरूण की सगाई तय किए वक्त से पहले ही हो गई थीं, होनी तो 15 जुलाई को थी, पर उससे पहले ही यानि की 10 जुलाई को हो गईं थी।
मैंने जैसे बताया था आकाश भी इसी चीज़ की तहकीकात में लगा हूवा था, वैसे आएशा भी आकाश को भाई मानती थी, वो आना चाहता था अपने बहन के एंगेजमेंट पर, पर जिस दिन एंगेजमेंट थी उसी दिन उसकी एग्जाम थी तो वो बिल्कुल भी एग्जाम मिस नहीं करना चाहता था, वो बार बार आएशा को तुम इस एंगेजमेंट से खुश हो ना यही पूछ रहा था, और उसने कुछ ना कहते हुए सिर्फ हां में सर हिलाया था।
पर वो तो आकाश था जैसी जैनी की शक्ल देखकर ही वो समझ लेता था उतना ही वो आएशा को भी बेहतर से समझने लगा था, आखिर उसको रॉ का ऑफिसर जो बनना था तो उसको तो इंसान को पहचानना आना ही चाहिए था।
चलो दोनों के घर में तैयारिया चालू थी, इधर तब तक अरूण बाकी का सार इतजाम कर रहा था, जैसी की उसने वादा किया था वो निभा भी रहा था। वैसे इस वादे को निभाने में उसका भी फायदा ही होनेवाला था।
क्या आएशा अरूण पर यकीन रखके सही कर रही थी वो अपने ही पापा मम्मी से क्या छिपाई जा रही थी, क्या ये कदम उठाकर वो अपने ख्वाबों के करीब या उससे दूर जानेवाली थी। क्या अरूण सच में वैसा था जैसे दिख रहा था, की आएशा और उसके डैड अरूण का नया चेहरा देखनेवाले थे।
अरूण के कहे अनुसार वो आएशा के पापा को समझा के शादी आगे ले जानेवाले थे, क्या आएशा के पापा मान जाएंगे, वो आज आएशा के घर आया था, पापा उसके रूम में बैठे हुवे थे, पर आज आएशा और उसकी मॉम घर पर नहीं थे।
अरूण के उन्हें काफ़ी समझाने की कोशिश की, तब जाकर पापा मान गए,आज घर आते ही पापा ने उसे इंडिया जाने की इजाजत दे दी थी, और उसकी मॉम भी राज़ी हो गईं। यानि की पूरे एक हफ़्ते के बाद वो जानेवाली थी।
सब ठीक चल रहा था, आएशा भी खुश थी, एटलीस्ट वो अब जानेवाली थी इंडिया क्या सच में वो इंडिया आ पाएगी या फिर कुछ ऐसा होगा की वो आ ही नहीं पाएगी।
देखते है आगे, कुछ काम से आएशा के डैड और मम्मी आज काम पर गए है, आएशा इंडिया जाने के लिए निकली है, अरुण भी इंडिया के दोस्त से लगातार कॉन्टैक्ट में है, जैनी और आकाश की फैमिली किसी काम से इंडिया से बाहर गई है, आकाश तो एग्जाम में सिलेक्ट होकर अपने ट्रेनिंग पर गई है।
अरुण और आएशा एयरपोर्ट पर पहुंच जाते है, सब फॉर्मेलिटी कंपलीट होने के बाद वो अंदर जाती है, आकाश सब इंफर्मेशन देकर वहा से चला जाता है, अब वो कुछ कदम ही दूर होती है, माना वहा जाकर भी उसकी राह आसान नहीं होनेवाली होती है।
तभी अंदर जाकर देखती है की अरूण के पापा भी दुसरे प्लेन में बैठने जा रहे होते है तो वो अचानक निचे बैठ जाते है, आएशा भागते भागते उनके पास आ जाती है, आएशा का प्लेन उड़नेवाला होता हैं ये फाइनल अनाउंसमेंट होती है, पर आएशा अरूण के पापा को छोड़कर नहीं जा पाती है।
वो मोहन को वहा के डॉक्टर को दिखाती है, वहा के डॉक्टर थोड़ी बहुत ट्रिटमेंट कर कर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करने के लिए बोलते है, वो तुरंत ही उन्हें हॉस्पिटल ले जाती है, क्यूंकि उन्हें मेजर हार्ट अटैक आया होता है, वो अरूण को कॉल करती है, पर जैसा मैंने कहा अरूण को किसी काम से जाना पड़ा इसलिए वो कॉल नहीं उठता।
आएशा फिर निशा को कॉल करती है, निशा कॉल उठाती है , वो सब फोन पर बता देती है, समय पर पहुंचे इसलिए मोहन बच जाता है। निशा भी वहा पर आ जाती है, पर पापा को फिर भी 24 घंटो के लिए अंदर ऑब्जरवेशन ररखा होता है।
आएशा पूरे वक्त वहा पर रुकती है, बाद में अरूण और आएशा के घरवाले भी आ जाते है। 24 घंटे अंदर ऑब्जरवेशन में रखने के बाद डॉक्टर उन्हें डिस्चार्ज देते है, अब मोहन घर पर आये है, साथ में आएशा और उसकी फैमिली भी है।
कुछ देर रुकने के बादआएशा के मॉम डैड चले जाते है, आएशा वहीं पर रुकी है। इतना होने के बाद कैसी आएगी आएशा मुंबई देखते है अगले एपीसोड में
"दो चेहरे प्यार या धोखा!"