दूसरा- बर्थ डे सेलिब्रेशन
पिछले एपिसोड में हमने देखा थी की एक ब्रिज पर खड़ी होकर वो अपने दोस्त जैनी से अपने सपने के बारे में बात कर रही है, उसके सपने के अनुसार जैनी पेटिंग भी बनाती है, पर कुछ क्लिअर नहीं होता। आएशा काफी परेशान है तस्वीर और ख्बाबों के बजह से।
आज आएशा के मॉम बड़े खुश है उनके एकलौती बेटी का आज जन्मदिन है, वैसे तो लंदन में होने के बावजूद वो हिंदुस्तानी रिती रिवाज को बहुत मानते है तभी तो सुबह सुबह आज मॉम ने उसकी आरती करके उसको टिका लगाया है, पापा ने उसे प्यारी प्यारी ड्रेस गिफ्ट की है, ढेर सारे आशीर्वाद और गिफ्ट दिये है।
कितने दिनों बाद आएशा ने अपने मॉम पापा को ऐसे एक साथ देखा है, वरना तो दोनो के काम अलग अलग है, तो अपने जाने के वक्त भी अलग होता है।
आएशा के पापा का खुद का बिझनेस है, बहुत बड़ा बिझनेस है उनका इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का, साथ ही साथ में वो इलेक्ट्रॉनिक के फिल्ड में भी काफी मशहूर है।
काफी सारी कंपनीज उनके साथ टाय अप करना चाहती है, काफी क्रेडिट है उनका मार्केट में, पर ये सब उनके विरासत में नहीं मिला था।
आएशा के पापा ने बचपन से ही बहुत हार्ड वर्क करते थे, तभी तो वो आज की पोझिशन कमा पाए है, जैसे उन्हें कामयाबी की लत लगी हुवी है, तभी नाकामयाबी वो बर्दाश्त नहीं कर पाते है।
हमेशा अपने स्टँडर्ड के मुताबिक ही काम करना पसंद करते है।आएशा की मॉम खुद एक फैशन डिझायनर है, उसका अपना खुद का एक बुटीक होने के साथ साथ वो फैशन डिझायनरों के साथ काम भी करती है, मतलब खुद ही एक एंटरप्रेन्योर है।
तो वक्त बेवक्त दोनों ही हमेशा घर से बाहर रहते है, पार्टियाँ भी उनकी घर में किसी ना किसी मकसद के साथ ही होती है, हमेशा मुनाफे की बात करते है।
वैसे तो उनकी बेटी आएशा टँलेटेड है, परफेक्ट मास्टरपिस है वो, पहले ही ताया था मैंने कितना कुछ कर लेती है ।
आएशा के दादा दादी इंडिया से थे, पर उसके कभी पापा को इंडियन लँग्वेजज बोलते नहीं सुना। पर उससे सिखना अच्छा लगता है तो कुछ हद तक ये काम जैनी और उसकी केअरटेकर किया करती है।
मॉम तो उसकी पहले से ही लंदन में पढी बड़ी है तो कभी इंडिया से उसका दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है, कभी वो इंडिया नहीं गई है, पर आएशा देखना चाहती है, ना सिर्फ इंडिया बल्कि वो अलग अलग जगह घूमकर लोगों से मिलना चाहता है। उस बेचारी को क्या पता कुछ दिनो के बाद डेस्टिनी उसे खिंचकर इंडिया में ही लानेवाला थी। उसके ख्बाब कहाँ उसे चैन से लंदन में रहने देनेवाले थे।
आज आएशा हमारी पार्टी की हिरोईन उसका 20 वा बर्थ डे है, काफी बड़ी पार्टी रखी गई है, काफी नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया गया है, वैसे हर साल उसकी बर्थ डे पर पार्टी होती है, वैसे जब भी बडा़ इव्हेटस् होता है तो उसके मम्मी पापा घर पर ही होते है, वरना तो उनको कहां ही वक्त मिलता अपनी बेटी आएशा के लिए, जो आजकल सबके होते हुंवे अकेला महसूस करती है, ले देके जैनी है जो उसको समझती है अच्छे से, तभी तो वो सारी बातें उसीसे शेअर किया करती है।
कहने को तो उसके दादी जैसी केअरटेकर भी है पर वो
सारी बातें कहां कह पाती है, लंदन में होने के बावजूद थोड़ी पुराने के खयालात की है बेचारी। बुखार भी आए तो डॉक्टर के बजह टोना टोटका करने में यकिन रखते है।
जब दादा दादी जिंदी थे तब उसकी माँ अपने पती के साथ यहां आई थी, पहले तो आएशा के पापा की हालात भी अच्छी ना थी, पर आएशा के मॉम से उनकी शादी होने से पहले ही वो अपना नाम कमा चुके थे। तभी तो दादाजी ने उन्हीं के गांव से उनके खेतों में काम करनेवाले शंकर और शांता क बुलाया था, उन्हीं की बहु थी आएशा की केअरटेकर जिसका नाम था कावेरी। वहां रहकर भी वह क्या करते, खेती बाडी ।
तो कुछ जरुरत के बजह से बेची थी आएशा के दादा जी ने ,और पापा कभी लौटकर इंडिया जाना नहीं चाहते थे तो उन्होंने इंडिया में कभी जमीन नहीं खरीदी थी।
कावेरी की शादी बचपन में ही हो गई थी जब यहा आई तो वो शादीशीदा थी, पर उस बेचारी को कभी कोई बच्चा ना हो पाया, तो वो आएशा से बेइंतहा मोहब्बत किया करती है,उसे ही अपनी बेटी मान लेती है, विधवा थी बेचारी कावेरी, बहुत जल्दी उसका पती मर गया था।
बचपन में किसी चीज़ से आएशा डर जाती तो वो उसे लोरी सुनाकर सुलाती थी, हालाकि आएशा को तब भी वो क्या गा रही है वो समझ नहीं आता था, पर सिखते सिखते वो अब तक अच्छे से हिंदी बोल लेती है, समझ पाती है, लिख पाती है।
तभी तो केयरटेकर दादी की बात समझ पाती है, फिर जैनी भी तो था, उसने कई बार अपने ख्वाबों के बारे में केयरटेकर कावेरी को बताया था, पर उसने धूप दीप किया, भूतो खेतो की नज़र लगी होगी इसलिए नजर उतारी।
उस बेचारी की भी कौन सी गलती थी उसने बचपन से वहीं देखा था, आएशा के पापा इसके सक्त खिलाफ थे, पर कावेरी को कुछ नहीं कह पाते थे। आज भी मॉम ने कावेरी के कहने पर आएशा का टिका किया था।
आएशा सुबह ही मंदिर जाकर आई थी कावेरी के साथ, पर पार्टी में कावेरी नहीं आई थी, उसको शोर शराबा बिल्कुल पसंद नहीं था। कावेरी ने आएशा को पहले से ही उसकी मनपसंद खीर खिलाई थी, साथ में उसके लिए कानों की बूंदें भी खरीद लिये थे, जिसे आएशा ने पापा के दिये ड्रेस के उपर पहने थे।
ज्वेलरी की आएशा के पास कोई कमी ना थी, एक से बढकर एक महंगे नेकलेस थे उसके पास, और मँचिंग इयरिंग भी। पर महंगे तोफो में वो बात कहा जो कावेरी दादी ने दिये हुवे इस बूंदों में थी, कावेरी दादी ने थी वो आएशा की ।
सुबह से ही घर पर चहल पहल है, लोगों का आना जाना लगा है, मम्मी पापा के लिए भी बड़ा खास मौका है, वैसे माँ पापा कभी भी किसीके भी बूरे नहीं होते, और आएशा के माँ पापा भी चाहते है कि जिन दिक्कतों का सामना करते हुवे वो बडे हुवे वो दिक्कतें उनकी बेटी के किस्मत में कभी भी ना आये।
कहीं गलत नहीं थे आएशा के माँ पापा, गलती सिर्फ इतनी हुवी की पैसों के पिछे भागते भागते वो अपनी बेटी को वक्त ही नहीं दे पाते थे, यकिन मानो इस बात का उन्हें भी पछतावा था।
माना की खुश होने के लिए पैसा जरुरी होता है ,पर क्या सिर्फ पैसों से ही खुशियाँ मिलती, ये बात सबको समझन चाहिए। जाने दो, सब अरेंजमेंटस् अच्छे से होने के बावजूद कहीं कमी ना रह जाये इस बात का टेंशन आलोक को थी, कुछ खास होनेवाला था पार्टी में, तो सब परफेक्ट ही चाहते थे।
एक तरह रईस आएशा जो सब कुछ था उसके पास पर फिर भी वो खुश ना थी, खुद को तनहा पाती थी, आखिर दोस्त भी कितना दर्द बाटे, एक मोड़ पर किसी हमसफर की तलाश होती है जो आकर सिर्फ तुम्हारे हाथों पर हाथ भी रख दे ना तो काफी होता है, यहीं एहसास आएशा के मन में आ रहा था, जब जैना के एलेन से वो मिलती है।
आएशा को बार बार ये खयाल आता था कि काश उसका भी एलेन जैसा कोई बॉयफ्रेंड होता तो वो उसका कितना खयाल रखता वैसे जैनी काफी थी उसके लिए। पर कहा ही उसको पता था की खुशिया जल्द ही उसके दरवाजे पर दस्तक देनेवाली है।
बस खुशियों के दस्तक से सिर्फ आएशा ही बेखबर थी, आएशा के मॉम डैड तो सब जानते थे, कुछ बड़ा होनेवाला था इस पार्टी में। आएशा पहले से ही जानती थीं कि बिना किसी कारण पापा पार्टी नहीं देते इसलिए उसकी धड़कन भी आज पहले से ज्यादा जोरों से धड़क रही थी।
क्या सच में आज आयशा हमारे कहानी के नायक जीवन से मिलने वाली थी, क्या लगता है आपको, जिसकी डेस्टिनेशन मुंबई है वो कहा ही लंदन के पार्टी में मिल पाएगा।
नहीं, मैं जीवन की नही दूसरे सर्पराइज कि बात कर रही हु, सॉरी आपको तो पता ही नहीं, जीवन के बारे में, हमारे कहानी का नायक या विलन । सोचते रहिए आप।
इधर हमारी स्टोरी का हीरो जीवन जोशी बहुत ही सिंपल लाइफ जीता था, पर ख्वाब बड़े बड़े देखता था, जिसे पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करता था। इतना की 24 घण्टे कम पड जाए। ऐसा कोन सा ख्वाब है उसका पता नहीं, उसके पापा हमेशा कहते की उसके लिए आसमान से परी आयेगी इक दिन, और वो इस बात पर सिर्फ मुस्कुरा देता था।
जीवन कॉलेज खत्म होने के बाद एज ए मैनेजर काम कर रहा था, होटल जादा बड़ा ना था, इसलिए पैसे भी ज्यादा नहीं मिलते थे, कम ही सैलरी थी उसकी। इसलिए वो रात को टैक्सी चलाता था जो उसके दोस्त की थी, जिसके लिए वह कुछ पैसे देता था अपने कमाई के। सुबह जब फ्री होता था, कभी कभी अपने पापा की जगह गणपति बप्पा की पूजा किया करता था।
जीवन के घर में उसके पापा दिनानाथ, उसकी मम्मी सुषमा, बहन जानवी, दादा दादी यानी शंकर और पुष्पा है, काफी बड़ा परिवार है। सब अपने अपने हिस्से की मेहनत करते है।
परिवार इतना की घर में बैठने को जगह कम पर जाये, पर दिल में हर किसीके लिए जगह है, काफी मिलनसार परिवार है जीवन का, तभी तो आस पास के सारे इलाके में वो मशहूर है।
दिनानाथ जी मंदिर में पूजा करने का काम करते है, साथ ही साथ सिद्धीविनायक मंदिर के पास उनकी फूलों की दुकान है, जहा पर उसके दादाजी और पापा बैठते है।
जीवन की मम्मी कारखाने में वर्कर का काम करती है, जब की जीवन की बहन टुरिस्ट गाईड का काम करती है, वो टुरिस्ट में अपना करियर करना चाहती है।
साथ ही साथ वो ट्रान्सलेटर का काम भी करती है, और कंपनी के लिए वर्क फ्रॉम होम किया करती है। दादी अकेली ही घर पर होती है, जान्हवी को नये नये दोस्त बनाना काफी पसंद है, ना की इंडिया से बल्कि काफी देश के फ्रेंड है उसके ऑनलाईन। क्या आएशा भी है उसकी दोस्त ये तो बाद में पता चलेगा
तो आएशा के घर लंदन। शाम के लगबग आठ के आसपास पार्टी है, सब इनव्हाईटेड है,लंदन के बडे़ बडे़ बिझनेस वाले लोग आये है, पापा ने सबको इनव्हाईट किया है, और आएशा के कॉलेज फ्रेंड, जैनी, उसका बॉयफ्रेंड अलन,जैनी का कझन आकाश भी आया है।जैनी आकाश को आएशा से मिलाती है।
पार्टी शुरु होती है, केक कटिंग होने के बाद आएशा और जैनी बात कर रहे होते है, इतने में आकाश आएशा को कुछ गिफ्ट कर देता है जो आगे जाकर उसके लिए मददगार साबित होनेवाला था, क्या था ऐसा गिफ्ट जो उसकी मदद करेगा, जानने के लिए पढते रहिये कहानी आगे।
पर पार्टी अभी खताम नहीं हुंवी है, पार्टी में टिस्ट आना तो बाकी है, क्या है टिस्ट ,कौन लायेगा टिस्ट, कैसे मिल पायेगा हमारी आएशा जीवन से।सच में जीवन के पापा के कहे अनुसार आसमान से उतरकर परी आऐगी आएश जीवन के लिए पढते रहिये।
"दो चेहरे प्यार या धोखा़"