एपिसोड 19- आएशा और जीवन की दोस्ती
पिछड़े एपिसोड में हमने देखा था की खान चाचा रिकवर हो रहे है, आयशा के आंटी जैनी की मॉम की तबियत में भी सुधार आ गया है आएशा के वजह से, जीवन को सच्चाई पता चल जाने के बाद वो भी उसी सच के तलाश में है, जो सच की तलाश आएशा को है।
एपीसोड के एंड में हम देखते है की आयशा जूहू बीच पर अकेली बैठी है, उसकी आदत है की जब भी वो खुश होती है या परेशान होती है वो बीच पर आकर बैठ जाती है।
जीवन भी उसी बीच पर होता है, जब आएशा वहा बैठी होती है, जैसे ही आएशा को जीवन देखता है, वो जैसे ही क्लाइंट से फुरसत मिलती है उसके आस चला आता है।
आएशा अपने आप में ही मगन होती है, आस पास का उसे ध्यान ही नही है, इसलिए तो जीवन उसे पीछे से पुकारता है, वो कुछ जवाब ही नहीं देती है, कैसे जवाब दे बेचारी, क्यू हमेशा से वही सोचती रहती है, वो जहा से शुरुवात करती है, वही वापस आ जाती है।
इतना समय बिताया था यहां पर, फिर भी वो कुछ भी उसके हाथ नही आया था, वो खाली हाथ ही थी अब तक। उसके पास भी ज्यादा वक्त ना था, यूं ज्यादा दिनों तक वो यहां इंडिया में नही रह सकती थी।
उसे अपनी अतीत की सच्चाई जानकर जल्द से जल्द अपने घर अपने मम्मी पापा के पास लौटना था। वैसे यह आकाश का परिवार बहुत अच्छा है, आएशा का बड़ा खयाल रखता है, तभी तो वो यहां पर रह सकती थी और उसके मम्मी पापा को भी कोई आएशा की ज्यादा फ़िक्र नहीं हो रही थी।
जीवन उसके पास चला आया, पर कहा उसकी तरफ आएशा का ध्यान था, जीवन उसके कंधे पर हाथ रख देता है, तब वो पीछे मुडके देखती है, तब उसके पीछे जीवन खड़ा होता है, वैसे जीवन के पास ज्यादा वक्त नहीं होता, जैसे मैने कहा था की क्लाइंट का खयाल रखना उसकी प्रायोरिटी थी।
आएशा ने जीवन को देखा और वैसी ही वो बिना कुछ बोले आगे मुंह करके बैठ गई। आएशा से जीवन ने अपनी की बदसुलूकी के लिए माफी मांग ली। आएशा ने सुना और बिना कुछ बोले वहा से उठकर चली गई, और जीवन मन ही मन में खुद ही गिल्टी फील कर रहा था।
पर उसे नही समझ आ रहा था की वो क्या करे, कैसे आएशा से माफी मांगे, तब वो सोच ही रहा होता है तब पीछे से आकर आएशा उसे आवाज दे देती है। आएशा थोड़ा नाराज होती है जीवन से इसलिए वो जल्दी से उसे माफ नहीं कर पाती है।
पर जैसे ही वो सोचती है की इसमें तो जीवन के कोई गलाती नही होती है, वो तो सुनकर सब नाराज था बस वो दिल का बुरा नही था, इसलिए वो उसे माफ कर देता है।
जीवन को ये जानकर बहुत खुशी होती है, वो उसके तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाता है और उसे आएशा एक्सेप्ट कर देती है, इस तरह जीवन और आएशा दोस्त बन जाते है।
वो आएशा को उसी मंदिर में मिलने को बोलकर वहा से मुस्कुराता हुवा निकल जाता है, आज पहली बार उसे दिल से कुछ अच्छा होने का एहसास होता है। वो कुछ देर वहा बैठ जाती है, उसे ऐसा लगता है की लहरे अपने साथ उसके दिल का सारा मैल बहाकर ले गई है, और दिल का बोझ उसे हल्का होने के कारण अब हल्का हल्का सा महसूस होता है।
कुछ दी बाद वो घर के लिए निकल जाती है, पर सब कुछ तो जिंदगी में भी सही नहीं होता तो हमारे कहानी में कैसे सब ठीक होता, जैसे ही आएशा को थोडी उम्मीद दिखाई देती थी वैसे ही अंधेरा आकर चारो तरफ से उसे घेर लेता था, अब क्या होनेवाला था, कौन आनेवाला था अब उसको परेशान करने के लिए।
मैंने जैसा कहा था जैसे की जिंदगी में अच्छा अच्छा हो तो हम ऊब जायेंगे, वैसे ही अब आएशा के जिंदगी में भी नया ट्विस्ट आनेवाला था, कौन आनेवाला था अब उसके ज़िंदगी में , देखते है आगे क्या होता है।
जैसा कि मैंने बताया होता है अरुण के पापा बीमार होते है, पर उनकी तबियत थोड़ी बहुत संभाली होती है, जिसकी वजह से वो इंडिया आने के लिए निकलती है, वैसे बीच बीच मैं आएशा की मोहन यानी की अरुण के डैड से बात होती रहती है।
जैसा कि मैंने बताया उनको पहले से ही दिल की बीमारी थी, उन्हे पहले से ही एक हार्ट अटैक आ चुका था , जब उनकी मदद आएशा ने की होती है, उन्हे हॉस्पिटल ले जाने के बाद उनकी देखभाल भी घर पर रहकर की होती है आएशा ने, जिसके कारण आएशा का मोहन जी से अलग ही बॉन्डिंग हो गई थी।
मोहन के पापा बहुत मिस करते थे आएशा को, ऊपर से आएशा के बजाए से ही मोहन और अरुण पास आए थे , इनके बीच की दुरिया कुछ हद तक कम हो पाई थी, तभी से अपने काम के बीच फुरसत निकाल कर अपने पापा के पास बैठता था, उनसे ढेर सारी बाते किया करता था।
मोहन को भी अरुण में आया बदलाव अच्छा लगने लगा था, जो बिजनेस की बाते किया करता था पैसों के पीछे भागता था अब रिश्ते और जिम्मेदारी को समझने लगा था, पास ऐसी की बात हो गईं की मोहन के पापा को सीरियस हार्ट अटैक आया, और कैसे ये हार्ट अटैक ही आएशा के लिए मुसीबत बनानेवाला था ।
अरुण क्या करनेवाले था ऐसा की जिसकी वजह से अरुण के खुद के पापा को हार्ट अटैक आ गया और ऐसी क्या दुश्मनी थी अरुण की आलोक के फैमिली से की अरुण उनकी बरबाद करने की कोशीश कर रहा था, सिर्फ पैसा जी एकमात्र वजह थी या फिर कोई पर्सनल दुश्मनी थी अरुण की उन सबसे दिखते है हम आगे।
अरुण का दोस्त आलोक के ऑफिस में काम करता था, बहुत मेहनती था बेचारा, और इतना ईमानदार था की क्या ही बात करे हम। बहुत सीधा था बेचारा, कहा इस कॉरपोरेट दुनिया के तौर तरीके की वो जानता था, बस अपना काम करता रहता था। पर कोई और ही उसके मेहनत का क्रेडिट लेकर जाता था।
इतने तक तो ठीक था, वो ये बात अरुण को बताता रहता, तो अरुण उसे हमेशा अपने हक के लिए आवाज उठाए को कहता पर वो पागल कभी ये बात नहीं मानता था, कितनी बार अरुण ने उसे आलोक जी की कंपनी छोड़कर अपने साथ काम करने को कहा था, पर वो किसी का एहसान नहीं लेना चाहता था, जो भी था अपने दम पर पाना चाहता था।
एक दिन उसके बड़े ऑफिसर ने बहुत बड़ा गफला करके बिना उसे पता लगाए अरुण के बचपन के दोस्त के साइन ले लिए, इस बात की खबर तक ना तो उन्हे थी ना आलोक को, हालाकि अरुण से अपने से बड़े ऑफिसर के कितनी बार अरुण का दोस्त शिकायत कर चुका था, पर आलोक ने उसे नजर अंदाज किया था।उसी का नतीजा आलोक और शायद आएशा भुगतानेवाले थे, और अरुण ने अपने अजीज दोस्त को खोकर भोगत चुका था, ऐसा क्या हो गया था उसके जिंदगी में।
बड़े ऑफीसर ने सारा कांड करके उसका इल्जाम अरुण के दोस्त पर लगाया, जब उसकी सच्चाई जानने की कोशिश की, तो किसीने धोखे से उसके घर पर बऑफिस का पैसा रख दिया जो की किसी और ने चुराया था, क्यूंकि पैसा उसकी के घर पर मिला इसलिए बिना सच जाने आलोक ने उसे जेल में डलवा दिया था।
जब इस बात का अरुण को पता चला, तब उसने जमानत पर उसे छुड़ाया, पर ना नौकरी थी उसके पास, और ना इज्जत बची थी। बहुत टूट चुका था उसका दोस्त,बिना किसी जुर्म के वो सजा काट रहा था, कितने दिन तक वो ऐसी ही डिप्रेशन में जी रहा था, सिर्फ अरुण ही उसका दुख दर्द समझ रहा था।
उसकी गर्लफ्रेंड भी जब उसे छोड़ कर चली गई किसी और के साथ, तब वो पूरी तरह बिखड़ गया, जी उसे क्रिमिनल समझकर छोड़ चली गई,तब वो पहली बार अरुण के सामने फूट फूट कर रोया था।
अरुण उसकी ये हालत देख नही पा रहा था, वो अपने फैमिली से दूर था, अकेला था अरुण उसको इस हाल में एक पल भी अकेला नहीं छोड़ता था, पर उसे एक ही गलती हुई, जो अपने दोस्त को गवा बैठा था वो।
उस दिन वो अपने दोस्त के लिए दवाई लेने गया था, जब वो आया तो उसके दोस्त ने गले में फंदा डालकर खुदकुशी की थी, तब से अरुण ने ठान लिया था की आएशा के पापा अरुण को वो नही छोड़ेगा, उसे बरबाद करके छोड़ेगा, तभी तो वो आएशा और उसके फेमिली के सामने अच्छा बनने का नाटक करता है,और इसलिए वो आलोक के ऑफिस में काम करता है, और आलोक का विश्वास पा लेता है।
उसका सारा बिजनेस ,पैसा वो अपने नाम कर लेना चाहता है, आलोक को रास्ते पर लेकर आना चाहता है। इसलिए तो आएशा से भी दोस्ती और सगाई का नाटक करता है पर वो कभी उससे शादी नहीं करना चाहता था इस बात से अनजान आलोक उसके जाल में फस चुका था, और इन सब बातों का पता मोहन को चला था इसलिए उन्हें दूसरा हार्ट अटैक आया था।
अब उस हार्ट अटैक से कैसे बदलता है आएशा की तकदीर देखते है कल के एपिसोड में
" दो चेहरे - प्यार या धोखा । "