एपीसोड 10 आएशा की इंडिया में एंट्री
जैसे की मैंने पिछड़े एपीसोड में बताया था की आएशा अपने पापा से इजाजत लेकर इंडिया आने के लिए निकल लेती है, पर पापा ममी हमेशा के तरह अपने काम में बिजी होते है, तो अरूण आता है उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने, पर वो भी ज्यादा देर तक नहीं रुक सकता क्यूंकि उसको भी किसका फोन आता है, और उसे जाना पड़ता है।
सब प्रोसेस करने के बाद जब वह अंदर जाती है, वो वहा पर अरुण के पापा मोहन को देखती है, वो भी प्लेन में बैठकर कहीं जानेवाले होते है तो वो निचे बैठ जाते है, उन्हें हार्ट अटैक आया होता है, एयरपोर्ट के डॉक्टर के कहने पर आएशा हॉस्पिटल ले जाती है, क्यूंकि अरुण फोन नहीं उठाता तो निशा को कॉल करती है, वो आ जाती है, इलाज करने के बाद उन्हें घर ले जाते है, अब उसके आगे की कहानी आज देखते है।
जैसे मैंने पिछड़े एपिसोड में बताया था की आएशा के मॉम डैड वापस आते है, पर आएशा अब भी अरुण के घर पर ही रुकी हुई है, माना की अरुण के मॉम ने उसे जाने के लिए कहा था, और आएशा के मॉम डैड ने भी साथ चलने के लिए कहा था, फिर भी वो खुद ही नहीं जानती थी कि उसको यहां क्या ही रुकने पर मजबूर कर रहा है।
शायद अरूण की अच्छे बर्ताव के कारण वो यहां रुकी हुई थी, वैसे अरुण के घरवाले भी उससे अच्छे से बर्ताव कर रहे थे, पर जब जब आएशा को अरुण की जरूरत थी, अरुण उसके साथ खड़ा रहा था।
अब तो रिश्ता जुड़ा था, भले ही उसके मर्जी के खिलाफ़ क्यों ना हो, अरुण के कारण इस घर से और घर वालों से वो जुड़ी हुई थी, फिर उसको रिश्ते निभाने भी तो खूब आते थे, जैनी के केस में ही देखा ना अपने, जब तक जैनी को एलन के साथ नहीं मिला दिया था, वो कहा चैन से बैठी थी।
रिश्तों के मामले में वो मैंने जैसे पहले कहा थोड़ी अनलकी थी, पापा मम्मी होकर भी वो हमेशा घर से बाहर रहते थे, इक जैनी और दूसरी उसकी केयरटेकर के अलावा और ऐसा कौन था तो वो अरुण ही था।
पर क्या सच में अरुण वैसा था जैसा उसको आएशा समझ रही थी, की कोई ओर ही चेहरा उसके सामने आनेवाला वक्त लानेवाला था, देखते है आगे, अभी बताया तो आप आगे एंजॉय नहीं कर पाएंगे हमारी आएशा की कहानी।
आएशा अरुण के पापा का अच्छे से ध्यान रखती है, जैसा कि डॉक्टर ने कहा होता है, उन्हे कोई भी स्ट्रेस वो नहीं देती, बल्कि इन दिनों अरुण भी अपने पापा के आस पास घूमता रहता है, वैसे मैंने बताया था अरुण की अरुण के पापा से अनबन थी।
पापा को आए हार्ट अटैक के वजह से मोहन के सारा काम अब अरुण ही संभल लेता है। वैसे इन सब में अरुण की काफ़ी दम छाक हो रही थी, आएशा के पापा ने हाल ही में उसके लिए नया बिजनेस स्टार्ट किया था, उस को उसे बड़ा करना था, अभी तो वो इनिशियल स्टेज पर था, बिना सोचे समझे पापा के बिजनेस की जिम्मेदारी उस पर आई थी
पापा भी अभी ठीक से ठीक नहीं हुवे थे, पापा को डॉक्टर ने कंप्लीट बेड रेस्ट बोला था बिना किसी टेंशन लिए। इन सब में सबसे मजबूत आधार बनाकर साथ खड़ी थी आएशा, वैसे अरुण के पापा की हर वक्त घर पर रहकर अच्छे से आएशा खयाल रख रही थी।
अरुण के पापा भी थोड़ा थोड़ा करके अच्छे हो रहे थे, तभी तो अरुण को भी अब उनकी फिक्र होना कम हो गई थी, आएशा के बड़े अच्छे बर्ताव को देखते हुवे क्या जिस मकसद के शादी करनेवाला था, क्या वो अपना इरादा बदल देगा।
अरुण की मॉम हर वक्त आएशा की अच्छाई से वाकिब हो रही थी क्या फिर भी वो अरुण को वो करने देगी जो वो चाहता था या फ़िर रोक देगी। अरुण के पापा मोहन थोड़े स्ट्रीट थे, पर अपने उसूलों के पक्के थे, वो बिजनेस में सामने से मात देना जानते थे, इसके बिल्कुल विपरित था अरुण उसे तो सिर्फ जीत से मतलब था, चाहे किसी भी रास्ते से आए।
इस बार कौन सा रास्ता था अरुण का, क्या आएशा फिर से एक रिश्ता या उसके पापा अपना सब कुछ खोनेवाले थे, देखते है कहानी में आगे क्या होता है।
कैसे आती है हमारे आएशा इंडिया। अब तक अरूण के पापा बेमन से तयार हुए थे, अब दिल से चाहते थे आएशा ही उनकी घर की बहू बने, औरसाथ साथ अरुण की मॉम भी।
दोनों परिवार के बीच का रिश्ता बिजनेस से उपर गया था, आएशा के मॉम डैड भी बीच बीच में आकर देखते रहते थे, दोनों एक दूसरे से अच्छे से बात करते थे, आएशा तो मानो मोहन के लिए अरुण से बढ़कर हो गई थी, बेटी हो गई थी, अपने घर में जो उसे मॉम डैड की कमी लगती थी, वो यहां आकर कुछ कमी हो गई थी।
आएशा के हाथों से बनी कॉफी अरुण के पापा को बहुत अच्छी लगाती थी, माना सुबह की कॉफी वो नहीं पिला पाती थी, पर शाम की कॉफी आएशा ही पिलाती थी, उन्हे बाहर घुमाने ले जाती थी, पर कुछ किए उसके मन से इंडिया जाने का खयाल नहीं निकल रहा था।
अब आएशा इंडिया जाना चाहते थी बस सिर्फ वो डॉक्टर के आकर जाने का इतजार कर रहे थे, क्या डॉक्टर के आकर जाने से कोई कहानी में ट्विस्ट आनेवाला था, जो परिवार शादी के खिलाफ़ था, क्या आज भी हालात वैसे ही होगी। डॉक्टर आकर आएशा के पापा को चेक करकर गए, अब वो पहले से काफ़ी ठीक हो गए थे।
निशा फिर भी जाने किस बात से परेशान थी, उसकी परेशानी साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी, आएशा ने उनसे पूछा था पर वो खामोश हो गई थी, वैसे इतने जल्दी आएशा और अरुण दोनों ही शादी नहीं करना चाहते थे।
क्या होगा आगे हम देखते है, उसके पापा और आएशा के पापा मिलकर जल्द से जल्द आएशा की शादी अरुण से करवाना चाहते थे, पर शायद पहली बार आएशा को किसीने पूछा था क्या तुम अरुण से शादी करोगी?
कौन था वो इंसान आएशा के पापा नहीं बल्कि अरुण के पापा थे, अरुण के पापा को आएशा बताए है की वो फिलहाल शादी नहीं करना चाहती है, पापा मान जाते है।
वो अब खुद को भी बड़ी मुश्किल से समझाते है, दिल पर पत्थर रखकर अरुण के पापा आएशा को जाने की इजाजत देते है, आएशा मन ही मन प्रार्थना कर रही होती है, इस बार कोई प्रॉब्लम ना आए उसके जाने में।
क्या अब की बार आएशा सच में जा पाएगी, या फिर से उसे कुछ ऐसा होगा जो यही पर रोक देगा, देखते है आगे, क्या इन सबकी उम्मीद पुरी होगी आएशा आयेगी दुल्हन बनकर अरुण के घर, और अगर ऐसा हो गया तो हमारे जीवन का क्या, जिसके पापा उसके लिए आसमान की परी चाहते है।
अरुण के पापा को संभालते संभालते आएशा अपने भी पापा के करीब आ गई थी, उसे हर वक्त जाने क्यों ऐसा लग रहा था की उसके पापा उससे कुछ छिपा रहे थे, क्या सच में आएशा का शक सच था या महज सिर्फ़ उसे ऐसा लग रहा था।
क्या इतना सब देखकर भी अरुण का दिल पिघलेगा या फिर वो जो सोचा है उसी रास्ते पर वो आगे निकलेगा।
निशा की मॉम उसे समझाने की बड़ी कोशिश करती है, पर अरुण तो अरुण ही है, वो अपने सपने के आगे कहा किसी की सुनता है।
पर क्या छल कपट के साथ पाया गया कुछ भी क्या ज़िंदगी भर साथ रह पाएगा, फिर तो अरुण तो मेहनती था फिर क्यों ऐसे गलत रास्ते पर चल रहा है।क्या वक्त रहते आयशा और उसके पापा अरुण के इरादे समझ पाएगी या फ़िर उसके चाल में अटक के रह जाएंगे।
जैनी के भाई आकाश क्या उसकी मदद कर पाएगा, आज तो मैंने जैसे कहा था आज आकाश रॉ का ऑफिसर बना था, जैसी ही उसे वक्त मिलता वो इसी केस के बारे में पूछता रहता था।
क्या सच में आकाश को कोई इंफॉर्मेशन मिलेगी आप सोच रहे होंगे ना इंफॉर्मेशन देने वाले तो उसके दादाजी के दोस्त थे, तो क्यू आकाश वो इंफॉर्मेशन कही और से ढूंढ़ रहा है।
क्यूंकि जब आकाश ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वापस मुम्बई में आता है तब दादाजी के दोस्त की मौत हो गई होती है, वो काफ़ी दिन से बीमार चल रही होते है, पर आकाश को याद आता है, वो इसी के बारे मैं उसे कुछ दिखाना चाहते थे, तो कया सच में आकाश को दादाजी के पास से कुछ मिलेगा।
आकाश को ये जानकर बहुत बुरा लगता है, की उसके प्यारे दादाजी की दोस्त ना रहे, वो जाकर दादाजी के दोस्त के सामान देखती है, वो तलाश कर रहा होती है।
तो उसके हाथ में कुछ ऐसा लग जाता है जिसे से आएशा के केस में मदद मिल जानेवाली होती है।
वो सीधा फोन करकर आएशा को यहां इंडिया में बुला लेता है, पर क्या इस बार वो आ पाएगी या फ़िर किसी कारण लंदन में ही उसे रुकना होगा।
आज एक कदम आकाश के कारण उसने अपने अतीत के सचाई की तरफ बढ़ाया था, आज वो किसी भी कीमत पर इंडिया आना चाहती है, और कुछ ऐसी ही चाहत अरुण की भी है, उसे भी जल्दी हो रही थी, आएशा को इंडिया भेजने की।
वो घड़ी जल्द ही आनेवाली थी जब आएशा इंडिया आएगी पर क्या वो आकर जीवन से मिल पाएगी मिलेगी तो कैसे मिलेगी, आकाश कैसे उसकी केस सुलझाएगा या फ़िर किसी कारण फिर उलझाएगा जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी
"दो चेहरे - प्यार या धोखा !"