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साप्ताहिक_प्रतियोगिता

hindi articles, stories and books related to Saptahik_pratiyogita


भाग 4

वह पागल  तांत्रिक लोगो  को  समझ

पंछी बनूं उड़ती फिरूं मस्त गगन में,
आज मैं आज़ाद हूं दुनिया के चमन में

जब मैं आज से

भाग 3


रिपोर्टर के बार बार जिद्द करने पर सर्वेश उसे लेकर घर  कि तरफ बढ़ता है,

भाग 2

लोग नाचते गाते आगे बढ़ रहे हैं, किसी ने फोन कर

भाग 1
जगत पुर गांव में मातम छाया हुआ है ,सुबह करीब 4 बजे गांव के

धरम जवाहर कॉलेज का मेघावी छात्र था, वह पढ़ने में जितना तेज़ था ख

, पप्पू टॉयलेट में बैठा है वह थोड़ा परेशान है
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आम है आजकल की मोहब्बत की कहानी

ना  होता इश्क अब रूहानी

ना आज की चा

पराए वक्त की थाती में सांस ढोता शरीर नींद ले रहा था, तभी मस्तिष्क पर कुछ दस्तक हुई और हड़बड़ा कर

पूनम फेस बुक और इंस्टाग्राम में लगी रहती है, वह दिन भर सोशल मीडिया मे

   यह कलियुग है. कलियुग में धीरे-धीरे धर्म का नाश होता जाता है. लोग धर्म को अधर्म समझने लग

मुकेश आज जल्दी जल्दी घर कि तरफ़ जा रहा था ,आज उसकी बच्ची का जन्म दिन था उसकी बेटी रिचा दस साल कि ही

जब हो घनी अंधियारी रात
तो समझना रोशन सवेरा
आने वाला  है पास

'प्रसिद्धी की महत्वकांक्षा'
दुनिया में हर कोई महत्वकांक्षी होता है इस के बिना लोग कुछ

राजेश के अकाउंट में शाम को ही पेमेंट ट्रांसफर हुआ था , मंथ के हर 5 ता

बनिया सुखराम अपनी दुकान पर बैठा है, उसकी चौंक पर किराने के समान की दु

महेंद्र प्रताप सिंह एक सफल बिजनेस मैन हैं, उनकी पत्नी के अलावा उनका ए

धरम एक सुंदर और स्मार्ट  अच्छी डील डौल वाला नव जवान है, पर उसके गुस्सैल स्वभाव ने उसे बुरा

कसम होती लडकियो पर भी जारी


लड़कियों तुम सुन लो अब तुम्हारी बारी
ये कसम

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