विचारों की अपनी एक दुनियाँ होती है,
प्रतिपल दिमाग में विचार चलते रहते हैं।
इनमें से कुछ अच्छे तो कुछ ख़राब होते हैं,
अच्छे विचार धीमे, तो ख़राब बहुत तेज़ दौड़ते हैं।।
अच्छे विचारों के घोड़े सरपट दौड़ाइए साहब,
पर बुरे विचारों पर भी लग़ाम लगाइए।
क्योंकि एक अच्छा विचार ज़िन्दगी बना देता है,
तो एक ख़राब विचार ज़िन्दगी तबाह कर देता है।।
संचरित होने वाले विचारों का,
दिमाग़ में मँथन कीजिए।
चुन लीजिये अच्छे विचारों को ऊपर,
बाकियों को वहीं दफ़न कर दीजिए।।
हम सोचते हैं कि ,
हमारे विचार दिखाई नहीं देते हैं।
लेकिन अंतर्मन में पड़े विचार,
रोज़ नया आकार लेते हैं।।
परन्तु जब हम बुरा सोचते हैं,
तो बुरे बनते जाते हैं।
और अच्छे विचार एक दिन,
फलीभूत होकर सामने आते हैं।।
अगर हम बोते हैं एक अच्छा विचार,
और खाद पानी देते हैं अच्छी सोच का।
तो अंकुरित होता है पौधा विचारों का,
और आधार बनता है बहुत सारे नवाचारों का।।
अच्छे विचारों की निराई गुड़ाई करते रहें,
और बुरे विचारों के खर पतवार निकालते रहें।
तो अच्छे विचारों की फ़सल लहलहाती है एक दिन,
और व्यक्तित्व को नया आयाम मिलता है प्रतिदिन।।
खराब विचारों को काबू में रखकर,
अच्छे विचारों को उड़ान भरने दीजिए,
बदल जाएगी ज़िन्दगी एक दिन "दीप",
विचारों को तूफ़ान तो बनने दीजिए।।
©प्रदीप त्रिपाठी "दीप"
ग्वालियर